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Meta AI: भारतीय यूजर्स के लिए रोलआउट हुआ Meta AI

Meta AI: फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट मेटा एआई की सुविधा भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध करानी शुरू कर दी है। ज्ञात हो कि कंपनी कई महीनों से इस एआई चैटबॉट को भारत के कुछ उपयोगकर्ताओं के साथ परीक्षण कर रही थी। भारत मेटा के लिए सबसे बड़े बाजारों में से एक है। यहां मेटा के प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले ग्राहकों की संख्या करोड़ों में है।

मेटा एआई के लॉन्च से पहले, गूगल ने हाल ही में भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए एआई चैटबॉट जेमिनी मोबाइल ऐप पेश किया है। जेमिनी मोबाइल ऐप को गूगल ने 9 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया है।

Meta AI का कैसे करें इस्तेमाल

Meta AI फिलहाल इंग्लिश में उपलब्ध है। इस चैटबॉट का उपयोग वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम, फेसबुक और मैसेंजर के साथ किया जा सकता है। जैसे ही आप सर्च बार में Meta AI खोजते हैं, आपके पास चैटिंग के चैट पेज का ऑप्शन आएगा। मेटा एआई का उपयोग ठीक उसी तरह किया जा सकता है, जैसे चैटजीपीटी का किया जाता है।

मेटा यूजर अपने किसी भी सवाल को इंग्लिश में टाइप कर सेंड कर सकता है। इसके बाद, मेटा एआई की ओर से उस सवाल का जवाब दिया जाएगा।

टेक्स्ट ही नहीं, इमेज भी जनरेट करता है Meta AI

मेटा एआई का उपयोग सभी वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम, फेसबुक और मैसेंजर के लिए फ्री है। मेटा के किसी भी प्लेटफॉर्म पर इस चैटबॉट से चैट की जा सकती है। अच्छी बात यह है कि मेटा एआई से टेक्स्ट के अलावा इमेज भी जनरेट करवाई जा सकती हैं। आप जिस तरह की इमेज चाहते हैं, उस पिक्चर के बारे में बताते हुए चैटबॉट से मनचाही पिक्चर प्राप्त कर सकते हैं।

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मेटा एआई का उपयोग Meta.ai वेबसाइट पर भी किया जा सकता है।

12 से ज्यादा देशों में उपलब्ध Meta का AI चैटबॉट

बता दें, इस एआई चैटबॉट की सुविधा वर्तमान में 12 से ज्यादा देशों में रोलआउट हो चुकी है। इनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, युगांडा और जिम्बाब्वे जैसे देश शामिल हैं।

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DeepFake पर एक्शन मोड में अश्विनी वैष्णव , बैठक में Google और Meta जैसी बड़ी कंपनियां शामिल होंगी

DeepFake: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कल कहा कि डीपडेक वीडियो के बढ़ते मामलों को देखते हुए अगले 3 से 4 दिनों में सरकारी अधिकारियों और प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बीच एक बैठक होगी. इस बैठक में सभी लोग डीपफेक वीडियो के नियमों और उन्हें कैसे नियंत्रित किया जा सकता है, इस पर चर्चा करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि अगर प्लेटफॉर्म डीपफेक के प्रसार को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय करने में विफल रहता है तो सेफ हार्बर इम्युनिटी की सुरक्षा रद्द कर दी जाएगी। यानी सोशल मीडिया कंपनियों को दी गई छूट खत्म हो जाएगी.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार ने सभी प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों को नोटिस भेजकर प्लेटफॉर्म पर डीपफेक वीडियो पर कार्रवाई करने और उन्हें हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा है। उन्होंने कहा कि कंपनियों ने नोटिस का जवाब दे दिया है और हर कोई इस पर काम कर रहा है। हाल ही में पीएम मोदी ने भी एआई के दुरुपयोग पर प्रकाश डाला था और मीडिया संगठनों से लोगों को इसके बारे में जागरूक करने को कहा था। उन्होंने कहा कि सरकार एआई पर कानून बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और इस विषय पर ओपन एआई के साथ बातचीत भी चल रही है।

बैठक में Google और Meta जैसी बड़ी कंपनियां शामिल होंगी

पत्रकारों को दिए एक बयान में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कंपनियां सरकार द्वारा भेजे गए नोटिस पर कार्रवाई कर रही हैं। लेकिन हमें लगता है कि अभी कई कदम उठाए जाने बाकी हैं और हम जल्द ही सभी मंचों की बैठक करने जा रहे हैं…हो सकता है कि सरकार अगले 3-4 दिनों में बैठक करे. इस बैठक में सभी विचारों पर मंथन होगा और एआई के दुरुपयोग को कैसे कम किया जाए इस पर चर्चा होगी। इस बात पर भी चर्चा होगी कि एआई इंसानों के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है।

*सेफ हार्बर इम्युनिटी के तहत, किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को उपयोगकर्ताओं द्वारा उस पर पोस्ट की गई सामग्री के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। लेकिन अगर कंपनियां डीपफेक पर कोई कार्रवाई नहीं करती हैं तो उनसे यह रियायत वापस ले ली जाएगी और फिर कंपनी को भी जिम्मेदार माना जाएगा।

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WhatsApp Screen Sharing: व्हाट्सऐप पर ग्रुप कॉल के साथ होगी स्क्रीन शेयर, ये नया फीचर Google और Zoom की कर देगा छुट्टी

WhatsApp Screen Sharing Feature: Meta के CEO मार्क जुकरबर्ग मंगलवार को व्हाट्सएप यूजर्स के लिए एक नया फीचर लॉन्च किया।

व्हाट्सएप एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। मेटा को उस कंपनी के रूप में जाना जाता है जो अपने यूजर के लिए सबसे अधिक सुविधाएँ और अपडेट लाती है। हाल ही में कंपनी ने एक नया WhatsApp Screen Sharing Feature पेश किया है। यह फीचर मेटा के सीईओ ने मंगलवार को ही व्हाट्सएप यूजर्स के लिए लॉन्च किया। जिसके जरिये अब आप वीडियो कॉल के दौरान स्क्रीन शेयर कर सकते हैं। वैसे तो यह सुविधा Zoom , Google Meet और Microsoft Teams जैसे प्लेटफ़ॉर्म में पहले से दी गयी है।

व्हाट्सएप में नया स्क्रीन शेयरिंग फीचर क्रॉस प्लेटफॉर्म पर सपोर्ट करता है। इसका मतलब यह है कि जब आप एक या अधिक लोगों के साथ कॉल पर हों तो आप सभी के साथ लाइव व्यू शेयर कर सकते हो।

अब शेयर करना हुआ ओर भी आसान

इसका फीचर का उपयोग करने के लिए आपके फ़ोन में लेटेस्ट व्हाट्सएप का वर्जन होना चाहिए। जब आप वीडियो कॉल पर होंगे, तो आपको नीचे एक नया बटन दिखाई देगा जिस पर लिखा होगा “Share करें।” जब आप इसे टैप करेंगे, तो आपसे पूछा जाएगा कि क्या आपकी स्क्रीन दिखाना ठीक है। एक बार जब आप परमिशन दे देंगे तो जिस व्यक्ति से आप बात कर रहे हैं उसके सामने आपकी स्क्रीन का व्यू आ जाएगा।

आपको बता दे कि नया WhatsApp Screen Sharing Feature को अलग अलग फेज में रिलीज़ किया गया है। जिसका मतलब है कि कुछ व्हाट्सऐप यूजर्स इस फीचर को इस्तेमाल कर रहे हो तो वही कुछ यूजर को अभी इंतेज़ार करना पड़ेगा इसलिए घबराये नहीं आप अपने व्हाट्सऐप को अपडेट कर ले जिसके बाद आप भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते है।

मेटा ने प्रेस रिलीज़ में बताया कि यह सुविधा को यूजर के इंटरैक्शन बढ़ाने के लिए लाया गया है। जिसमें अपने काम के दस्तावेज शेयर करना, पारिवारिक तस्वीरें दिखाना, एक साथ छुट्टियां प्लान करना, ग्रुप में ऑनलाइन शॉपिंग (वीडियो कॉल पर) जैसे कई काम इस फीचर की मदद से किए जा सकते हैं। यह जानकारी बिजनेस टुडे ने शेयर की है।

नया व्हाट्सएप स्क्रीन शेयरिंग फीचर की अच्छी बात ये है कि – अब आप वीडियो कॉल के दौरान अपने फोन को लैंडस्केप मोड पर भी यूज़ कर सकते हैं। इससे बहुत मदद मिलती है, खासकर जब आप अपने कंप्यूटर से कुछ दिखा रहे हों क्योंकि तब आपको अच्छा व्यू एक्सपीरियंस मिलेगा। WhatsApp स्क्रीन शेयरिंग फीचर ग्रुप कॉल के लिए भी काम करता है। मेरा मानना है कि व्हाट्सएप अब और भी बेहतर होता जा रहा है। जो लोग अपनी स्क्रीन शेयर करने के लिए Google मीट या Zoom का उपयोग करते थे, वे अब इसके लिए व्हाट्सएप का भी उपयोग कर सकते हैं।

WhatsApp Screen Sharing Feature के पीछे की कहानी

मेरा मानना है कि व्हाट्सऐप दुनिया में सबसे ज्यादा यूज़ करने वाला प्लेटफॉर्म है। आजकल हर स्मार्टफोन में व्हाट्सऐप है मेटा चाहता कि यूजर एक ही प्लेटफॉर्म पर रहकर सभी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करे मतलब चैटिंग, वीडियो चैटिंग, शॉपिंग इत्यादि। इसका कारण ये है की व्हाट्सऐप जितना सरल है शायद ही कोई ऐप्प होगी इसमें आपको सिर्फ एक बार लॉगिन करना पड़ता है। और सबसे बड़ी बात आपको इसके लिए कोई पासवर्ड याद रखने की जरूरत भी नहीं पड़ती बाकि प्लेटफॉर्म पर आपको यूजर आईडी वगैरा काफी चीज़े याद रखनी पड़ती है और उनको इस्तेमाल करना भी थोड़ा बहुत कठिन होता है। शायद इसी इंटरफ़ेस को देखते हुए मेटा पहले से चले आ रही टेक्नोलॉजी को भी व्हाट्सऐप से जोड़ रहा है ताकि यूजर को ज्यादा दिमाग घिसने की जरूरत ना पड़े। और एक ही प्लेटफॉर्म से उसका सारा काम बन जाए।

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