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Share Market Update: पश्चिम एशिया में तनाव का असर जारी

Share Market Update: पश्चिम एशिया में जारी तनाव का घरेलू बाजारों पर नकारात्मक असर बना हुआ है। यही कारण है कि भारतीय Share Market सोमवार को लगातार छठे दिन लुढ़ककर बंद हुए।

Share Market Update: सेंसेक्स और निफ्टी का प्रदर्शन

BSE का मानक सूचकांक सेंसेक्स 638.45 अंक की गिरावट के साथ 81,050 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 962.39 अंक गिरकर 81 हजार से नीचे पहुंचते हुए 80,726.06 तक गिर गया था। इसी तरह, एनएसई का निफ्टी 218.85 अंक की गिरावट के साथ 25 हजार से स्तर से नीचे आकर 24,795.75 पर बंद हुआ।

बाजार का विश्लेषण

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि उच्च जोखिम के साथ एशियाई प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले भारतीय बाजार समेकन चरण में प्रवेश कर चुके हैं। इस चरण में ज्यादा मूल्यांकन के कारण व्यापक बाजार में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं। वैश्विक स्तर पर, आकर्षक मूल्यांकन और प्रोत्साहन उपायों के कारण चीन के बाजारों ने पर्याप्त निवेश आकर्षित किया है।

निवेशकों की निगाहें RBI पर

अब निवेशकों की निगाहें RBI की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के फैसले पर टिकी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा हालातों को देखते हुए यह संभावना काफी कम है कि आरबीआई अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व का अनुसरण करे। फेडरल रिजर्व ने पिछले महीने ब्याज दरों में 50 आधार अंक या आधा प्रतिशत की कटौती की थी।

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कंपनियों का प्रदर्शन

सेंसेक्स में अदाणी पोर्ट्स, एनटीपीसी, एसबीआई, पावरग्रिड, इंड्सइंड बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, टाइटन और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर गिरकर बंद हुए। दूसरी ओर, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईटीसी, भारती एयरटेल, इन्फोसिस, बजाज फाइनेंस, टीसीएस और टेक महिंद्रा के शेयर बढ़कर बंद हुए।

व्यापक बाजार की स्थिति

व्यापक बाजारों की बात करें तो बीएसई मिडकैप में 1.85 प्रतिशत और स्मालकैप में 3.27 प्रतिशत की गिरावट रही है। इस गिरावट से निवेशकों की संपत्ति में 8.90 लाख करोड़ रुपये की कमी हुई है। अब बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण घटकर 451.99 लाख करोड़ रुपये रह गया है।

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Ratan Tata Passes Away: पद्म विभूषण रतन टाटा का देहांत

Ratan Tata Passes Away: पद्म विभूषण और दिग्गज उद्योगपति Ratan Tata का बुधवार देर रात देहांत हो गया। वह रक्तचाप में अचानक गिरावट के कारण सोमवार से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे। उनका स्वास्थ्य लगातार गंभीर बना हुआ था।

Ratan Tata Passes Away: टाटा ग्रुप की भूमिका

Ratan Tata देश के सबसे बड़े कारोबारी घराने टाटा ग्रुप के चेयरमैन थे। उन्होंने टाटा ग्रुप के कारोबार को लगभग सभी सेक्टरों और 6 महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में फैलाया। उनके देहांत के बाद टाटा ग्रुप के प्रमुख शेयरों में हलचल देखने को मिल रही है।

Tata Elxsi में भारी उछाल

टाटा ग्रुप की टाटा एलेक्सी ऑटोमोटिव, मीडिया, संचार और स्वास्थ्य सेवा सहित विभिन्न उद्योगों में डिजाइन और टेक्नोलॉजी सेवाएं प्रदान करती है। इस कंपनी के शेयरों में आज शानदार तेजी देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में, टाटा एलेक्सी के शेयर 4.84 फीसदी उछाल के साथ 7,982.60 पर कारोबार कर रहे थे। इस कंपनी को देश में सेमीकंडक्टर क्रांति का भी फायदा मिलने की उम्मीद है।

Tata Motors की स्थिति

टाटा मोटर्स के शेयरों में पिछले कुछ दिनों से गिरावट आई है। इसकी मुख्य वजह ऑटो सेक्टर की सुस्ती है। अधिकांश बड़ी कंपनियों के पास इन्वेंट्री की भरमार है और बिक्री में कमी आ रही है। आज भी, टाटा मोटर्स के स्टॉक मामूली गिरावट के साथ खुले, लेकिन कुछ समय बाद यह हरे निशान में पहुंच गए। सुबह लगभग 10 बजे, टाटा मोटर्स के शेयर मामूली उछाल के साथ 940 रुपये के आसपास कारोबार कर रहे थे।

Tata Power Company में तेजी

टाटा पावर कंपनी, जो मुख्यतः इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन के कारोबार में लगी हुई है, में भी गुरुवार को अच्छी तेजी देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में, टाटा पावर के शेयर 2.68 फीसदी उछाल के साथ 473.20 रुपये पर कारोबार कर रहे थे।

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Tata Chemicals में उछाल

टाटा केमिकल्स का बेसिक केमिस्ट्री और स्पेशियलिटी प्रोडक्ट्स में बड़ा नाम है। इसके आईपीओ ने निवेशकों को रिकॉर्ड तोड़ लिस्टिंग गेन दिया था। हालांकि, आईपीओ के बाद टाटा केमिकल्स के शेयर लंबे समय तक सुस्त रहे। आज, टाटा केमिकल्स के शेयर शुरुआती कारोबार में 5.35 फीसदी उछाल के साथ 1,164.45 रुपये पर पहुंच गए।

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मनबा फाइनेंस IPO: अलॉटमेंट हुआ या नहीं, जानने का आसान तरीका

मनबा फाइनेंस का IPO निवेशकों के बीच छा गया! 224% से अधिक सब्सक्राइब होने के बाद, अब जानिए कि आपको शेयर मिले या नहीं। अलॉटमेंट स्टेटस चेक करने का सबसे आसान तरीका यहां देखें.

मनबा फाइनेंस के आईपीओ को निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। कल, यानी आईपीओ के अंतिम दिन, इसे 224.05 गुना अभिदान प्राप्त हुआ था। यह दर्शाता है कि निवेशक कंपनी के भविष्य पर कितना विश्वास करते हैं। आज, 26 सितंबर को, अलॉटमेंट का परिणाम आने की उम्मीद है। आप आसानी से जांच सकते हैं कि आपको शेयर मिले हैं या नहीं।

किस श्रेणी में कितना अभिदान

एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, मनबा फाइनेंस के आईपीओ को निवेशकों से अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली है। कंपनी ने 87,99,000 शेयरों की पेशकश की थी, लेकिन निवेशकों ने 1,97,14,04,875 शेयरों के लिए आवेदन किया। यह दर्शाता है कि आईपीओ 224.05 गुना अधिक सब्सक्राइब हुआ है। सबसे ज्यादा उत्साह गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) में देखा गया, जिन्होंने 511.62 गुना अधिक आवेदन किए। पात्र संस्थागत खरीदारों (QIB) ने 148.55 गुना और खुदरा निवेशकों (RII) ने 143.95 गुना अधिक आवेदन किए।

क्या था प्राइस बैंड

मनबा फाइनेंस का इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) 23 सितंबर से 25 सितंबर तक निवेशकों के लिए खुला रहा। कंपनी ने इस आईपीओ के माध्यम से 114 रुपये से 120 रुपये प्रति शेयर के बीच की कीमत पर शेयर जारी करने का लक्ष्य रखा था। निवेशकों को इस मूल्य बैंड के भीतर अपनी बोली लगाने का मौका मिला

ऐसे जाने अलॉटमेंट स्टेटस

मनबा फाइनेंस आईपीओ के अलॉटमेंट स्टेटस जानने के लिए आप दो तरीके अपना सकते हैं: रजिस्ट्रार की वेबसाइट या BSE की वेबसाइट। दोनों ही जगहों पर आपको अपना आवेदन नंबर या PAN नंबर डालकर अलॉटमेंट स्टेटस चेक करना होगा।

बीएसई की साइट पर कैसे जांचें

मनबा फाइनेंस के आईपीओ में आपको कितने शेयर मिले हैं, यह जानने का एक और तरीका है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) की वेबसाइट पर जाना।

कैसे चेक करें:

  • सबसे पहले, आपको https://www.bseindia.com/investors/appli_check.aspx इस लिंक पर जाना होगा।
  • यहां आपको ‘इक्विटी’ का विकल्प मिलेगा। उस पर क्लिक करें और फिर ड्रॉपडाउन मेनू से ‘मनबा फाइनेंस’ चुनें।
  • अब आपको अपना आवेदन नंबर और पैन नंबर दर्ज करना होगा।
  • ‘खोज’ पर क्लिक करते ही आपको पता चल जाएगा कि आपको कितने शेयर मिले हैं।

कब होगी शेयरों की लिस्टिंग

30 सितंबर 2024 को मनबा फाइनेंस के शेयर बाजार में आने की तैयारी है।

क्या है इसका जीएमपी

मनबा फाइनेंस के आईपीओ ने निवेशकों को खूब लुभाया है। ग्रे मार्केट में इस शेयर की मांग इतनी अधिक है कि इसकी कीमत आईपीओ के ऊपरी मूल्य बैंड (120 रुपये) से 46.67% अधिक, यानी लगभग 56 रुपये के प्रीमियम पर चल रही है। इसका मतलब है कि अगर यह रुझान जारी रहा तो शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने पर यह शेयर 176 रुपये के आसपास खुल सकता है।

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Sensex at new high:भारतीय शेयर बाजार में आज ऐतिहासिक दिन रहा। सेंसेक्स पहली बार 85,000 के पार पहुंच गया,

शेयर बाजार में आज मंगलवार को ऐतिहासिक दिन रहा। बीएसई सेंसेक्स ने पहली बार 85,000 का मनोवैज्ञानिक स्तर पार किया। हालांकि शुरुआत कुछ निराशाजनक रही, लेकिन बाजार ने जल्द ही अपनी रफ्तार पकड़ ली और नया रिकॉर्ड बना दिया।

मंगलवार को यूं तो भारतीय शेयर बाजार (Stock Exchange) सपाट खुला। बाजार खुलते समय बीएसई का संवेदी सूचकांक (BSE Sensex) निगेटिव ही था। लेकिन, शुरुआती कारोबार के बाद बाजार के मुख्य सूचकांक रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए। सुबह करीब के कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी ने क्रमश: 85,052 और 25,978 का नया ऑल-टाइम हाई बनाया है।

सुबह लुढ़क कर खुला बाजार

मंगलवार को कारोबार शुरू होते ही बीएसई 84,860.73 अंक पर खुला, जबकि एक दिन पहले यह 84,928.61 पर बंद हुआ था, जिसका अर्थ है कि सेंसेक्स आज निगेटिव था। हालांकि, 10 बजे से पहले ही सेंसेक्स पॉजिटिव हो गया था। सुबह 09:51 बजे सेंसेक्स ने 85,000 का मनोवैज्ञानिक स्तर पार कर सर्वकालिक उच्चतम स्तर छू लिया। सुबह 10:51 बजे सेंसेक्स 84,953 पर था, जिसमें 24.63 अंक या 0.03 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।


बाजार का रुझान सकारात्मक

शुरुआती कारोबार में बाजार में तेजी का रुझान रहा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर 1388 शेयर हरे निशान में थे, जबकि 758 शेयर लाल निशान में थे। छोटे और मझोले शेयरों में खासा उत्साह रहा। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 137 अंक और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 43 अंक या 0.22 प्रतिशत की तेजी के साथ 19,592 पर था की बढ़त के साथ नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। ऑटो, फार्मा, मेटल, मीडिया, एनर्जी, इन्फ्रा, पीएसई, हेल्थकेयर और ऑयल एंड गैस जैसे प्रमुख सेक्टरों में भी तेजी देखी गई.

ये रहे टॉप गेनर्स

आज के कारोबार में आईटी, पीएसयू बैंक, फिन सर्विस, एफएमसीजी और रियल्टी शेयरों में दबाव देखा गया। लेकिन टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, नेस्ले, टाटा मोटर्स, पावर ग्रिड, एचडीएफसी बैंक, सन फार्मा, भारती एयरटेल, एशियन पेंट्स और एनटीपीसी जैसे शेयरों ने बाजार को सकारात्मक रखा.

ये रहे टॉप लूजर्स

आज के कारोबार में बजाज फाइनेंस, इन्फोसिस, एचयूएल, अल्ट्राटेक सीमेंट, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, विप्रो और बजाज फिनसर्व टॉप लूजर्स थे। एशिया के ज्यादातर बाजारों में तेजी के साथ कारोबार हो रहा है, इसके विपरीत, एशिया के ज्यादातर बाजारों, जैसे टोक्यो, शंघाई, हांगकांग में तेजी देखी गई.


अमेरिका में क्या रहा

सोमवार को अमेरिकी बाजार हरे निशान में बंद हुए। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव ने बाजार की चिंताओं को बढ़ा दिया है। इजराइल द्वारा लेबनान पर हमले के बाद स्थिति और गंभीर हो गई है। बाजार में कई शेयर उपलब्ध हैं, लेकिन निवेशकों को उन शेयरों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जहां वास्तविक मूल्य हो

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यूरोप के गरीब देशों की आमदनी: भारत से तुलना में इतनी ज्यादा, जानिए क्यों?

यूरोप के गरीब देशों की आमदनी के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था वर्तमान में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है और अगले कुछ वर्षों में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। यह विकास दर निश्चित रूप से उत्साहजनक है। हालांकि, जब प्रति व्यक्ति आय की बात आती है, तो भारत यूरोप के सबसे गरीब देश से भी पीछे छूट जाता है। यह बताता है कि भारत की आर्थिक वृद्धि का लाभ अभी तक देश की पूरी आबादी तक समान रूप से नहीं पहुंच पाया है।

भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में सबसे तेजी से बढ़ रही है, लेकिन प्रति व्यक्ति आय के मामले में हम अभी भी कई देशों से पीछे हैं। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, यूरोप का सबसे गरीब देश मोल्दोवा, भारत से कहीं अधिक प्रति व्यक्ति आय रखता है। मोल्दोवा की प्रति व्यक्ति जीडीपी लगभग 4,500 डॉलर है, जबकि भारत की केवल 2,700 डॉलर के आसपास है। यहाँ तक कि युद्धग्रस्त यूक्रेन की प्रति व्यक्ति आय भी भारत के बराबर है। भारत की प्रति व्यक्ति आय 2029 तक बढ़कर 4,281 डॉलर होने का अनुमान है, लेकिन यह अभी भी कई विकसित देशों से काफी कम है।

यूरोप के सबसे गरीब देशों की सूची में कोसोवो तीसरे स्थान पर है, जहां प्रति व्यक्ति आय लगभग 4,700 डॉलर है। इसके बाद आर्मेनिया (5,300 डॉलर), अल्बानिया (5,500 डॉलर), और उत्तरी मैसेडोनिया (6,100 डॉलर) हैं। इस क्षेत्र के अन्य देशों जैसे जॉर्जिया, बोस्निया और हर्जेगोविना, सर्बिया, और मोंटेनेग्रो में भी प्रति व्यक्ति आय 6,000 से 8,000 डॉलर के बीच है। पूर्वी यूरोप के देशों जैसे बेलारूस, अजरबैजान, और बुल्गारिया में यह आंकड़ा 8,000 से 9,700 डॉलर के बीच है रोमानिया, तुर्की, और रूस जैसे देशों में प्रति व्यक्ति आय 10,000 डॉलर से अधिक है।

सबसे अमीर देश

यूरोप के सबसे अमीर देशों की सूची में कुछ ऐसे नाम हैं जो आपको आश्चर्यचकित कर सकते हैं! वेटिकन सिटी इस सूची में शीर्ष पर है, जहां हर निवासी की औसत आय 63,000 डॉलर सालाना है। इसके बाद सैन मरीनो, अंडोरा, मोनाको और लिकटेंस्टीन जैसे छोटे लेकिन समृद्ध देश आते हैं। स्विट्जरलैंड, लक्जमबर्ग, और स्कैंडिनेवियाई देश जैसे नॉर्वे, स्वीडन और डेनमार्क भी इस सूची में शीर्ष पर हैं। यहां प्रति व्यक्ति आय 40,000 डॉलर से अधिक है। ब्रिटेन भी इस समूह में शामिल है, जहां प्रति व्यक्ति आय लगभग 38,000 डॉलर है।

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आस्था का केंद्र और धन का भंडार! Tirumala Tirupati Temple से सरकार को कितना फायदा होता है? आंकड़े जानकर आप हैरान रह जाएंगे!

Tirumala Tirupati Temple देवस्थानम, दुनिया का सबसे धनी मंदिर, इन दिनों लड्डू प्रसाद को लेकर विवाद में घिर गया है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू में मिलावट की गई थी। नायडू का यह आरोप राजनीतिक गलियारों में हलचल का कारण बना हुआ है और भक्तों में भी चिंता पैदा कर रहा है।

आंध्र प्रदेश का प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर इन दिनों लड्डू प्रसाद को लेकर सुर्खियों में है। राज्य की मौजूदा सरकार ने पिछली सरकार पर मंदिर के प्रसाद में मिलावट का गंभीर आरोप लगाया है। दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में शुमार तिरुपति बालाजी मंदिर को भक्तों का अपार समर्थन मिलता है। सोने की बढ़ती कीमतों के बावजूद, पिछले साल (2023) में भक्तों ने मंदिर को 1,031 किलो सोना चढ़ाया था, जिसकी कीमत करीब 773 करोड़ रुपये है। मंदिर के पास कुल 11,329 किलो सोना है, जिसकी कीमत लगभग 8,496 करोड़ रुपये आंकी गई है। इतनी बड़ी संपत्ति होने के बावजूद, मंदिर से सरकार को क्या लाभ होता है, यह एक महत्वपूर्ण सवाल है।

Tirumala Tirupati Temple देवस्थानम ने अपने विशाल सोने के भंडार का अधिकतम लाभ उठाने के लिए गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम का सहारा लिया है। मंदिर में आने वाले भक्तों द्वारा चढ़ाए गए सोने को विभिन्न बैंकों में जमा किया गया है। इसके अलावा, भक्तों द्वारा चढ़ाए गए नकद धन को भी बैंकों में एफडी के रूप में जमा किया जाता है। वर्तमान में, ट्रस्ट के पास 13,287 करोड़ रुपये की एफडी है जो सालाना 1,600 करोड़ रुपये का ब्याज देती है। हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2024 तक ट्रस्ट के पास 18,817 करोड़ रुपये का नकद बैलेंस है। यह राशि पिछले कई वर्षों में सबसे अधिक है। ट्रस्ट ने इस साल 1,161 करोड़ रुपये की नई एफडी कराई है जो पिछले 12 वर्षों में सबसे अधिक है।


5,000 करोड़ से अधिक का बजट

पिछले बारह सालों के आंकड़े बताते हैं कि ट्रस्ट द्वारा की गई एफडी की रकम आम तौर पर 500 करोड़ रुपये से अधिक रही है। सिर्फ तीन साल ऐसे रहे जब यह रकम इस सीमा से कम रही। हालाँकि, साल 2021 और 2022 में कोरोना महामारी के कारण मंदिर की आय प्रभावित हुई थी। इसके बावजूद, ट्रस्ट ने 2024-25 के लिए 5,141.74 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है, जो कि ट्रस्ट का अब तक का सबसे बड़ा बजट है। यह वृद्धि मुख्य रूप से प्रसादम की बिक्री (600 करोड़ रुपये), दर्शन टिकट (338 करोड़ रुपये) और कर्मचारियों को दिए गए ऋण एवं अग्रिम (246.39 करोड़ रुपये) से होने वाली आय के कारण है

ट्रस्ट को आगामी वर्ष में विभिन्न स्रोतों से कुल 3,364.75 करोड़ रुपये की आय होने का अनुमान है। इन स्रोतों में अन्य पूंजी प्राप्तियाँ (129 करोड़), अर्जित सेवा टिकट (150 करोड़), कल्याणकत्ता रिसीट (151.5 करोड़), कल्याण मंडपम रिसीट (147 करोड़), ट्रस्ट रिसीट (85 करोड़), किराया, बिजली आदि (60 करोड़), टोल फी कलेक्शन (74.5 करोड़), प्रकाशन रिसीट (35.25 करोड़) और चढ़ावे (1,611 करोड़) शामिल हैं।


सरकार को कितना फायदा

बजट के अनुसार, ट्रस्ट विभिन्न परियोजनाओं और गतिविधियों पर कुल 5.543 अरब रुपये खर्च करेगा। इनमें से सबसे बड़ा खर्च एचआर पेमेंट्स पर होगा, जिसके लिए 1,733 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह राशि पूरे साल के हुंडी कलेक्शन से 122 करोड़ रुपये अधिक है। इसके अलावा, ट्रस्ट 751 करोड़ रुपये मटीरियल्स की खरीद पर, 750 करोड़ रुपये कॉर्पस और अन्य निवेश पर, 350 करोड़ रुपये इंजीनियरिंग वर्क्स पर, 53 करोड़ रुपये श्रीनिवास सेतु पर, 60 करोड़ रुपये एसवीआईएमएस हॉस्पिटल में इंजीनियरिंग के काम पर, 80 करोड़ रुपये एसवीआईएमएस हॉस्पिटल को अनुदान के रूप में, 190 करोड़ रुपये इंजीनियरिंग मेंटनेंस पर और 80 करोड़ रुपये फैसिलिटी मैनेजमेंट सर्विसेज पर खर्च करेगा।

टीटीडी ने अपने बजट में विभिन्न मदों के लिए 552.13 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। इसमें 113.5 करोड़ रुपये विभिन्न संस्थानों को अनुदान, 108.5 करोड़ रुपये हिंदू धर्म प्रचार परिषद को, 166.63 करोड़ रुपये लोन और एडवांस, 100 करोड़ रुपये पेंशन और ईएचएस फंड, 62 करोड़ रुपये बिजली खर्च, 10 करोड़ रुपये प्रकाशन और विज्ञापन, और 50 करोड़ रुपये राज्य सरकार को अनुदान शामिल है। राज्य सरकार को दिया जाने वाला अनुदान ट्रस्ट के कुल बजट का लगभग एक प्रतिशत है।

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अनिल अंबानी की कंपनी को मिली नई जान, कोर्ट के फैसले से खुशी की लहर

अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी रिलायंस नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने कम्युनिकेशंस (RCom) को बड़ी राहत प्रदान की है। ट्रिब्यूनल ने राज्य कर विभाग द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कंपनी से बकाया राशि की मांग की गई थी। NCLAT ने मुंबई बेंच के पहले के आदेश को बरकरार रखते हुए दूसरी याचिका को भी खारिज कर दिया।

रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom), जो अनिल अंबानी के कर्ज में डूबी हुई थी, बहुत राहत मिली है। महाराष् ट्र राज्य कर विभाग की याचिका को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने खारिज कर दिया है। दरअसल, राज्य कर विभाग ने RCom को बकाया भुगतान करने का आग्रह किया था। NCLAT ने अपने निर्णय में निर्णय दिया कि यह याचिका दिवालिया कार्यवाही शुरू होने के बाद का आकलन था। इसलिए इसे हटाया जाता है।

NCLAT की दो सदस्यीय पीठ ने मुंबई बेंच के पूर्व निर्णय को बरकरार रखा। NCLT ने 6.10 करोड़ रुपये के राज्य कर विभाग के दूसरे दावे को खारिज कर दिया।

दोनों मामलों से जुड़ी रकम क‍ितनी?

24 जुलाई 2019 को RCom के खिलाफ 94.97 लाख रुपये का पहला दावा दायर किया गया था। वहीं, 15 नवंबर 2021 को 6.10 करोड़ रुपये का दूसरा दावा दायर किया गया। यह दूसरा दावा 30 अगस्त 2021 के आकलन आदेश के बाद प्रस्तुत किया गया था। पहले दावे को ट्रिब्यूनल ने स्वीकार कर लिया था क्योंकि यह कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (CIPR) की शुरुआत से पहले का था। लेकिन 2021 में पारित आकलन आदेश पर आधारित दूसरे दावे को स्वीकार नहीं किया गया।

2 मार्च 2020 को RCom के लेनदारों की समिति (CoC) ने इस योजना को मंजूरी दी थी, और 15 नवंबर 2021 को राज्य कर विभाग ने अपना दावा दायर किया था। राज्य कर विभाग ने इस आदेश को NCLAT में चुनौती दी, यह तर्क देते हुए कि NCLT को पूरा दावा स्वीकार करना चाहिए था। हालांकि, NCLAT ने इस दलील को खारिज कर दिया। NCLAT ने कहा कि CoC द्वारा योजना को मंजूरी देने के बाद ही अंतिम दावा दायर किया गया था उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दूसरे दावे को दर्ज करने में हुई देरी को माफ नहीं किया जा सकता।

NCLAT ने अपने आदेश में क्‍या कहा?

NCLAT की पीठ के चेयरपर्सन जस्टिस अशोक भूषण और अरुण बारोका ने कहा, “न्यायनिर्णायक प्राधिकरण (NCLT) द्वारा दिए गए कारणों के अलावा, हमारा मानना है कि CIRP की शुरुआत के बाद किए गए आकलन के आधार पर किया गया दावा स्वीकार नहीं किया जा सकता था।” उन्होंने आगे कहा, “इसलिए, हम याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करने वाले न्यायनिर्णायक प्राधिकरण के आदेश में कोई त्रुटि नहीं पाते हैं। अपील में कोई ठोस आधार नहीं है। अपील खारिज की जाती है।”

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शराब के शेयरों ने लुटाया धन, एक लाख से एक करोड़

Liquor Stocks : शराब बनाने वाली इस कंपनी ने निवेशकों को सोने की चिड़िया साबित हुई है। मात्र 6 महीने में इस शेयर ने 150% से अधिक का रिटर्न दिया है, और दीर्घकालिक निवेशकों को तो करोड़पति बना दिया है। वर्तमान में, इस कंपनी का शेयर ₹774.70 पर ट्रेड कर रहा है। आइए जानते हैं कि इस शेयर ने निवेशकों को कितना मुनाफा दिया है।

शेयर बाजार इन दिनों जोरदार तेजी का दौर देख रहा है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद से बाजार में और अधिक तेजी आने की उम्मीद है। इस दौरान कई शेयरों ने निवेशकों को जबरदस्त मुनाफा दिया है। कुछ शेयरों ने तो एक साल में ही निवेश की गई रकम को दोगुना कर दिया है, जबकि कुछ ने मात्र छह महीने में ही करोड़पति बना दिया है।

इनमें से एक कंपनी है पिकैडिली एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड,(Piccadily Agro Industries Ltd) जो शराब बनाने का काम करती है। इस कंपनी के शेयरों ने निवेशकों को बेहद कम समय में मालामाल कर दिया है।

कंपनी ने दिया जबरदस्त रिटर्न

पिछले छह महीनों में इस कंपनी के शेयरों ने निवेशकों को जबरदस्त मुनाफा दिया है। शेयर की कीमत 300 रुपये से बढ़कर 774.70 रुपये हो गई है, जिससे निवेशकों को लगभग 158% का रिटर्न मिला है। अगर आपने छह महीने पहले इस कंपनी के शेयरों में एक लाख रुपये का निवेश किया होता, तो आज आपकी पूंजी बढ़कर ढाई लाख रुपये से अधिक हो गई होती। यानी आपको 6 महीने में ही लगभग डेढ़ लाख रुपये का मुनाफा होता।

एक साल में एक लाख के बना दिए साढ़े सात लाख

पिछले एक साल में इस कंपनी के शेयरों ने निवेशकों को हैरान कर दिया है। शेयर की कीमत 103 रुपये से बढ़कर 752 रुपये हो गई है, जिससे निवेशकों को लगभग 652% का रिटर्न मिला है। अगर आपने एक साल पहले इस कंपनी के शेयरों में एक लाख रुपये का निवेश किया होता, तो आज आपकी पूंजी बढ़कर 7.52 लाख रुपये हो गई होती। यानी आपको एक साल में लगभग 6.52 लाख रुपये का मुनाफा होता

5 साल में बना दिया करोड़पति

पिछले पांच वर्षों में इस कंपनी के शेयरों ने निवेशकों को जबरदस्त मुनाफा दिया है। शेयर की कीमत मात्र 8 रुपये से बढ़कर हजारों रुपये हो गई है, जिससे निवेशकों को लगभग 9524% का रिटर्न मिला है। अगर आपने पांच साल पहले इस कंपनी के शेयरों में एक लाख रुपये का निवेश किया होता, तो आज आपकी पूंजी बढ़कर लगभग एक करोड़ रुपये हो गई होती। यानी आप लगभग करोड़पति बन चुके होते।

डिस्क्लेमर : इस लेख में दिए गए विचार किसी व्यक्तिगत विश्लेषक के हैं, निवेशकों को सलाह दी जाती है हम आपको किसी विशेषज्ञ से सलाह लेने का सुझाव देते हैं। शेयर बाजार की स्थिति बहुत तेजी से बदलती रहती है।

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ग्‍लोबल रिन्‍यूएबल एनर्जी में इंटरेस्ट विकल्प नहीं मजबूरी है, जलवायु परिवर्तन के खतरे को देखते हुए, हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है :उपराष्ट्रपति

ग्‍लोबल रिन्‍यूएबल एनर्जी में इंटरेस्ट : गुजरात के गांधीनगर में आयोजित चौथे ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट में दुनिया भर की 100 से अधिक कंपनियों ने भाग लिया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, जबकि समापन सत्र को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संबोधित किया था।

चौथे ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट के समापन सत्र को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण धरती के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रिन्यूएल एनर्जी में निवेश अब सिर्फ एक विकल्प नहीं रह गया है, बल्कि यह दुनिया के लिए एक मजबूरी बन गई है। धनखड़ ने कहा कि हमें जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभावों से निपटने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने होंगे।है

जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व कर रहा है। विश्व की लगभग 16 प्रतिशत आबादी भारत में निवास करती है,और प्रकृति के साथ हमारा सामंजस्य हमारी 5000 वर्ष पुरानी संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है। हमारे वेद और उपनिषद विश्व को एक परिवार मानते हैं। हम वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांत में दृढ़ता से विश्वास करते हैं। भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने कभी विस्तारवादी नीति नहीं अपनाई। हम मानते हैं कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि बातचीत और कूटनीति ही सभी मुद्दों का समाधान है।

हरेक को निभानी होगी भूमिका

उपराष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन के खतरों की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह हमारी पृथ्वी के लिए एक संकट है। उन्होंने कहा कि हमें इस संकट से निपटने के लिए एकजुट होकर काम करना होगा। भारत ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सौर गठबंधन जैसी वैश्विक पहल की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा का कुशल उपयोग और सतत विकास ही इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है। भारत का विकास न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होगा

नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस अवसर पर बताया कि भारत अब नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व नेता के रूप में उभर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए और अब प्रधानमंत्री के रूप में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। देश के सभी राज्यों ने मिलकर 2030 तक 540 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य रखा है। साथ ही, वित्तीय संस्थानों ने 2030 तक हरी ऊर्जा में बदलाव के लिए 386 अरब डॉलर के निवेश का वादा किया है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने से न केवल देश को ऊर्जा सुरक्षा मिलेगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। अनुमान है कि इस क्षेत्र में लगभग 82 लाख नौकरियां सृजित होंगी।

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लखनऊ से निकला दुनिया का नया अमीर, जानिए कैसे बना इतना बड़ा कारोबार

लखनऊ के मनोज भार्गव, जो अब अमेरिका में रहते हैं, ने 5-आवर एनर्जी ड्रिंक से अपनी किस्मत बनाई है। उनकी कुल संपत्ति लगभग 12,580 करोड़ रुपये है। हाल ही में उन्होंने एरीना ग्रुप होल्डिंग्स इंक. में 65% हिस्सा खरीदा है। भार्गव अपने धन का एक बड़ा हिस्सा दुनिया की गरीबी कम करने के लिए दान करते हैं।

लखनऊ के मनोज भार्गव, 5-आवर एनर्जी ड्रिंक के निर्माता और अरबपति कारोबारी, ने अपनी मेहनत और दूरदर्शिता से एक अनोखी सफलता गाथा लिखी है। आज 12,580 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ, वे लखनऊ से निकलकर दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार हो चुके हैं। बचपन से ही गणित में गहरी रुचि रखने वाले मनोज भार्गव ने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था, लेकिन पढ़ाई अधूरी छोड़कर एक नया रास्ता चुना और भारत लौट आए।

मनोज भार्गव की सफलता का राज क्‍या?

5-Hour Energy ड्रिंक ने मनोज भार्गव को अरबपति बना दिया। इस ड्रिंक की सफलता ने उन्हें फोर्ब्स की अरबपतियों की सूची में जगह दिलाई है। उनकी कुल संपत्ति 1.5 अरब डॉलर (लगभग 12,580 करोड़ रुपये) है।

5-Hour Energy के अलावा, मनोज भार्गव ने मीडिया और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी अपनी पैठ जमाई है। हाल ही में उन्होंने अरेना ग्रुप होल्डिंग्स इंक. में 65% हिस्सेदारी खरीदकर एक बड़ा सौदा किया है। इस अधिग्रहण के साथ, भार्गव अब स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड, द स्ट्रीट और मेन्‍स जर्नल जैसे दिग्गज ब्रांडों के मालिक बन गए हैं। यह निवेश उनके डिजिटल और ब्रॉडकास्टिंग मीडिया में अपनी पहुंच बढ़ाने की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है।

कमाई का एक बड़ा हिस्सा किया दान

मनोज भार्गव सिर्फ एक सफल उद्यमी ही नहीं, बल्कि एक परोपकारी भी हैं। उन्होंने अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा दुनिया भर में गरीबी उन्मूलन के लिए समर्पित कर दिया है। उनका मानना है कि धन का उपयोग सिर्फ व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं, बल्कि समाज के उत्थान के लिए किया जाना चाहिए।

मनोज भार्गव का लक्ष्य अपने सभी मीडिया व्यवसायों को एकीकृत करके एक विशाल मीडिया साम्राज्य खड़ा करना है उनकी योजना डिजिटल प्लेटफॉर्म, प्रिंट मीडिया, ई-कॉमर्स और वीडियो स्ट्रीमिंग को एक साथ जोड़कर एक मजबूत नेटवर्क बनाने की है। यह एकीकरण न सिर्फ उनके व्यवसाय को मजबूत बनाएगा बल्कि मीडिया उद्योग में उनकी पकड़ को भी मजबूत करेगा।

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