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UP Electricity: 24 घंटे बिजली योजना को लगा झटका

UP Electricity: पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने ट्रांस हिंडन के क्षेत्रों में जमीन ढूंढने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया था, लेकिन जमीन नहीं मिलने के कारण बिजलीघरों के निर्माण की योजना अटक गई है।

UP Electricity: 10 नए बिजलीघर बनाने की योजना

इस वर्ष भी यहां के लोगों को निर्बाध बिजली नहीं मिल सकेगी। यदि अधिकारी इसी तरह लेटलतीफी करते रहे, तो अगले वर्ष मार्च तक भी बिजलीघरों का निर्माण होना मुश्किल हो जाएगा। जनवरी में ट्रांस हिंडन में बिजली कटौती की समस्या खत्म करने के लिए 10 नए बिजलीघर बनाने की योजना बनाई गई थी, जिसके लिए सभी क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया गया था।

UP Electricity: बिजलीघरों की क्षमता में कमी

सर्वेक्षण में सबसे अधिक बिजली कटौती, ट्रिपिंग और लो-वोल्टेज की समस्या वैशाली सेक्टर-एक, यूपीएसआइडीसी महाराजपुर, सूर्यनगर, खोड़ा, नूरनगर, अटौर, इंदिरापुरम के वैभव खंड और साहिबाबाद साइट-चार औद्योगिक क्षेत्र में पाई गई थी। इसका अर्थ है कि यहां जरूरत के अनुसार बिजलीघरों की क्षमता नहीं थी।

इन क्षेत्रों में ओवरलोड, ट्रिपिंग और कटौती जैसी समस्याएं आम हैं। यहां का लोड कम करने के लिए इस वर्ष बिजलीघरों का निर्माण होना था, लेकिन अधिकारियों को निर्माण के लिए जमीन नहीं मिल रही है। दावा किया गया है कि संबंधित विभागों के साथ मिलकर जमीन की तलाश की जा रही है।

UP Electricity: निर्माण की योजना की विशेषताएँ

आरडीएसएस (रिनोवेशन एंड माडर्नाइजेशन) योजना के तहत मुख्यालय को बिजलीघर बनाने का प्रस्ताव भेजा गया था। बिजलीघरों की क्षमता 20-20 एमवीए (मेगावाट एंपियर) निर्धारित की गई है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि जमीन मिलने के बाद ही डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जाएगी।

UP Electricity: नो ट्रिपिंग जोन में कटौती

शहर को नो ट्रिपिंग जोन में रखा गया है, जिसमें 24 घंटे विद्युत आपूर्ति का रोस्टर निर्धारित किया गया है। इसके बावजूद चार से छह घंटे तक कटौती की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। फॉल्ट होने पर आपूर्ति सामान्य होने में पूरा दिन लग जाता है, और तमाम शिकायतों के बावजूद कोई समाधान नहीं हो रहा है।

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उपभोक्ताओं और जिम्मेदारों की राय

मनमोहन वालिया, उपभोक्ता: “रोजाना अंधाधुंध बिजली कटौती से जूझना पड़ रहा है। अगर बिजलीघरों का निर्माण हो जाता तो कटौती में राहत मिलती। विद्युत व्यवस्था में सुधार की जरूरत है।”

अनिल भारद्वाज, उपभोक्ता: “आबादी लगातार बढ़ रही है, लेकिन संसाधन पुराने हैं। यही कारण है कि रोजाना की कटौती से जूझना पड़ता है। शिकायत पर अधिकारी समाधान नहीं कर पाते हैं।”

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Ratan Tata Passes Away: पद्म विभूषण रतन टाटा का देहांत

Ratan Tata Passes Away: पद्म विभूषण और दिग्गज उद्योगपति Ratan Tata का बुधवार देर रात देहांत हो गया। वह रक्तचाप में अचानक गिरावट के कारण सोमवार से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे। उनका स्वास्थ्य लगातार गंभीर बना हुआ था।

Ratan Tata Passes Away: टाटा ग्रुप की भूमिका

Ratan Tata देश के सबसे बड़े कारोबारी घराने टाटा ग्रुप के चेयरमैन थे। उन्होंने टाटा ग्रुप के कारोबार को लगभग सभी सेक्टरों और 6 महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में फैलाया। उनके देहांत के बाद टाटा ग्रुप के प्रमुख शेयरों में हलचल देखने को मिल रही है।

Tata Elxsi में भारी उछाल

टाटा ग्रुप की टाटा एलेक्सी ऑटोमोटिव, मीडिया, संचार और स्वास्थ्य सेवा सहित विभिन्न उद्योगों में डिजाइन और टेक्नोलॉजी सेवाएं प्रदान करती है। इस कंपनी के शेयरों में आज शानदार तेजी देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में, टाटा एलेक्सी के शेयर 4.84 फीसदी उछाल के साथ 7,982.60 पर कारोबार कर रहे थे। इस कंपनी को देश में सेमीकंडक्टर क्रांति का भी फायदा मिलने की उम्मीद है।

Tata Motors की स्थिति

टाटा मोटर्स के शेयरों में पिछले कुछ दिनों से गिरावट आई है। इसकी मुख्य वजह ऑटो सेक्टर की सुस्ती है। अधिकांश बड़ी कंपनियों के पास इन्वेंट्री की भरमार है और बिक्री में कमी आ रही है। आज भी, टाटा मोटर्स के स्टॉक मामूली गिरावट के साथ खुले, लेकिन कुछ समय बाद यह हरे निशान में पहुंच गए। सुबह लगभग 10 बजे, टाटा मोटर्स के शेयर मामूली उछाल के साथ 940 रुपये के आसपास कारोबार कर रहे थे।

Tata Power Company में तेजी

टाटा पावर कंपनी, जो मुख्यतः इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन के कारोबार में लगी हुई है, में भी गुरुवार को अच्छी तेजी देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में, टाटा पावर के शेयर 2.68 फीसदी उछाल के साथ 473.20 रुपये पर कारोबार कर रहे थे।

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Tata Chemicals में उछाल

टाटा केमिकल्स का बेसिक केमिस्ट्री और स्पेशियलिटी प्रोडक्ट्स में बड़ा नाम है। इसके आईपीओ ने निवेशकों को रिकॉर्ड तोड़ लिस्टिंग गेन दिया था। हालांकि, आईपीओ के बाद टाटा केमिकल्स के शेयर लंबे समय तक सुस्त रहे। आज, टाटा केमिकल्स के शेयर शुरुआती कारोबार में 5.35 फीसदी उछाल के साथ 1,164.45 रुपये पर पहुंच गए।

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Railway News: अब ऑनलाइन बुक हो सकेंगे ‘हाल्ट’ स्टेशनों के भी टिकट

Railway News: हाल्ट स्टेशनों से यात्रा करने वाले रेल यात्रियों के लिए अब घर बैठे ऑनलाइन जनरल टिकट बुक करना संभव हो गया है। यात्रियों को टिकट के लिए काउंटरों पर लंबी लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा। Railway बोर्ड ने ग्रामीण यात्रियों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए हाल्ट स्टेशनों को ‘मोबाइल यूटीएस एप’ से जोड़ने का निर्णय लिया है।

एप से जुड़ने की प्रक्रिया

हाल्ट स्टेशनों को एप से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दीपावली से पहले, देशभर के 191 हाल्ट स्टेशनों पर ‘मोबाइल यूटीएस एप’ की सुविधा उपलब्ध होगी।

Railway News: टिकट बुकिंग में सुधार

सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम ने ‘मोबाइल यूटीएस एप’ पर टिकट बुकिंग की निर्धारित दूरी 50 किमी को समाप्त कर दिया है। अब यात्री किसी भी स्टेशन के लिए ऑनलाइन जनरल और प्लेटफार्म टिकट बुक कर सकते हैं।

मासिक सीजन टिकट की सुविधा

एप पर मासिक सीजन टिकट (एमएसटी) के नवीनीकरण की सुविधा भी मिलेगी। यात्री विभिन्न प्रकार की ट्रेनों के पेपरलेस और पेपरयुक्त जनरल टिकट बुक कर सकेंगे।

ट्रेन की जानकारी

जनरल टिकट बुक करते समय यात्रियों को तीन घंटे के अंदर निर्धारित रूट पर चलने वाली ट्रेनों की जानकारी मिलेगी, जिसमें ट्रेन का प्लेटफार्म और रवाना होने का समय शामिल होगा। बुकिंग के बाद तीन घंटे के अंदर यात्रा करना होगा।

टिकट की वैधता

यदि यात्री निर्धारित समय में कोई ट्रेन नहीं पकड़ पाते, तो उन्हें चौथे घंटे में चलने वाली पहली ट्रेन में यात्रा करनी होगी। टिकट की वैधता इसके बाद स्वतः समाप्त हो जाएगी। ‘मोबाइल यूटीएस एप’ पर बुक किए गए टिकट वापस नहीं होते और ना ही स्थानांतरित किए जा सकते हैं।

भुगतान के विकल्प

यात्री आर-वालेट, यूपीआई, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और नेट बैंकिंग के माध्यम से किराए का भुगतान कर सकते हैं। आर-वालेट से भुगतान करने पर तीन प्रतिशत का बोनस भी मिलेगा, जो कि 24 अगस्त 2025 तक जारी रहेगा।

समय की बचत और सुरक्षा

‘मोबाइल यूटीएस एप’ के माध्यम से ऑनलाइन टिकट बुकिंग से काउंटरों पर लाइन में लगने की परेशानी खत्म हो जाएगी। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि सुरक्षा भी बढ़ेगी।

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यूटीएस मोबाइल टिकटिंग की उपयोगिता

पूर्वोत्तर Railway के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने कहा कि यूटीएस टिकटिंग व्यवस्था सभी स्टेशनों पर शुरू है और अब हाल्ट स्टेशनों पर भी इसे लागू किया जा रहा है। यह सुविधा Railway यात्रियों के लिए यूजर फ्रेंडली है।

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LPG Connection: LPG उपभोक्ताओं के लिए अलर्ट! e-KYC कराना हुआ जरूरी

LPG Connection: LPG (लिक्वीफाइड पेट्रोलियम गैस) उपभोक्ताओं को अब ई-केवाईसी (इलेक्ट्रानिक नो योर कस्टमर) कराना होगा। हालांकि, यह नियम केवल 2019 से पहले जिनका कनेक्शन है, उन्हीं पर लागू होगा।

LPG Connection: घर-घर जांच

एजेंसियों के कर्मचारी घर-घर जाकर चूल्हा और पाइप की भी जांच करेंगे। यदि 31 दिसंबर तक किसी उपभोक्ता का e-KYC नहीं हुआ, तो उनके गैस कनेक्शन को निरस्त कर दिया जाएगा। पेट्रोलियम कंपनियों ने घरेलू गैस कनेक्शन के लिए अपने असली उपभोक्ताओं की पहचान करना शुरू कर दिया है।

ग्राहकों को जागरूक करना

वितरक एजेंसियों को उपभोक्ताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए घर-घर जांच करने का निर्देश दिया गया है। इसके माध्यम से एजेंसियां ग्राहकों को जागरूक कर रही हैं। जिले में इंडेन, भारत गैस और एचपी गैस के लगभग पौने पांच लाख उपभोक्ता हैं।

घरेलू सिलिंडर की कीमत

इस समय घरेलू सिलिंडर की कीमत 903 रुपये है, जिसमें भारत सरकार की ओर से 48 रुपये और उज्ज्वला के लाभार्थियों को 300 रुपये सब्सिडी मिल रही है। इस प्रकार सामान्य सिलेंडर 855 रुपये और उज्ज्वला सिलेंडर 550 रुपये में मिल रहा है। हालांकि, लंबे समय से उपभोक्ताओं के सर्वे न होने के कारण सब्सिडी में भी समस्याएँ आ रही हैं।

ई-केवाईसी का अभियान

इन समस्याओं को देखते हुए, हाल ही में सरकार के निर्देश पर पेट्रोलियम कंपनियों ने ग्राहकों की e-KYC कराने के लिए एक अभियान चलाया है। इसके लिए दिसंबर तक का समय निर्धारित किया गया है।

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सिलिंडर और चूल्हे की जांच

घरेलू गैस कनेक्शन धारकों के लिए चूल्हा और सिलिंडर की जांच कराना अनिवार्य है। गैस एजेंसियों के कर्मी उपभोक्ताओं के घर जाकर जांच करेंगे, और जरूरत पड़ने पर पाइप आदि भी बदले जाएंगे। ई-केवाईसी के साथ-साथ यह कार्य भी किया जा रहा है। परतावल स्थित राज गैस सर्विस के प्रोपराइटर राजनारायण ने बताया कि वे प्रतिदिन अधिक से अधिक ग्राहकों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं।

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Gorakhpur Flood: राप्ती नदी का जलस्तर, बढ़ी चिंता

Gorakhpur Flood: राप्ती नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी ने स्थानीय लोगों में चिंता पैदा कर दी है। बुधवार शाम चार बजे बर्डघाट पर Rapti Nadi खतरे के निशान से 82 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी, जिसके कारण कैंपियरगंज से लेकर बड़हलगंज तक समस्याएं बढ़ गई हैं। सहजनवां क्षेत्र में आमी नदी भी बाढ़ का कहर बरपा रही है।

Gorakhpur Flood: प्रभावित गांवों की स्थिति

कई गांवों को मैरूंड घोषित किया जा चुका है। राहत की बात यह है कि रोहिन नदी का जलस्तर घटने लगा है। बुधवार को रोहिन नदी के जलस्तर में चार सेंटीमीटर की कमी आई, लेकिन यह अभी भी खतरे के निशान से 87 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। सरयू नदी में जल स्तर घट रहा है, जबकि कुआनो नदी मुखलिसपुर में खतरे के निशान के नीचे बह रही है।

सहजनवां और पाली ब्लाक

सहजनवां ब्लाक में आमी नदी के पानी से गहिरा और चक चोहरा गांव प्रभावित हो चुके हैं। अन्य प्रभावित गांवों में सुथनी, कोडरी कला और तेलियाडीह शामिल हैं। पाली ब्लाक में भी आमी नदी की बाढ़ से भुआ शहीद गांव प्रभावित हुआ है, जबकि पिपरौली में बनौड़ा, रखौना, कटका और जरलही गांव पानी में घिरे हुए हैं।

प्रशासनिक स्थिति

बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत सामग्री और स्वास्थ्य टीमों का अभाव है। राप्ती नदी के पानी से कुसम्हा कला और अमसार गांव पूरी तरह घिरे हुए हैं। एसडीएम दीपक गुप्ता ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों में नाव लगाने के साथ-साथ फसलों के नुकसान की रिपोर्ट लेखपालों से मांगी गई है।

विद्यालयों पर प्रभाव

आदर्श जनता इंटर कालेज नौसढ़ परिसर में जलभराव के कारण पठन-पाठन दो दिन से बंद है। प्रधानाचार्य उदय प्रकाश यादव ने बताया कि जलाशय का पानी कालेज में आ रहा है, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

कटान की समस्या

पटनाघाट क्षेत्र के बगहा देवार गांव में सरयू नदी की कटान से एक विशाल वट वृक्ष नदी में समाहित हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि कटान इसी तरह जारी रहा, तो उन्हें गांव छोड़ना पड़ेगा। कटान पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि बाढ़ खंड के अधिकारी बचाव कार्य में मनमानी कर रहे हैं।

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मछुआरों की मनमानी

मछुआरों की लापरवाही से राप्ती नदी का पानी खेतों में घुस गया है, जिसके कारण दर्जनों एकड़ फसलें डूब गई हैं। किसान फसल खराब होने की आशंका से परेशान हैं। मछुआरों ने मिरिहिरिया फ्लापर को खोल दिया, जिससे पानी खेतों में भर गया है। सिंचाई विभाग के अधिकारी भी इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

बाढ़ के हालात और प्रशासन की लापरवाही के चलते स्थानीय लोगों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। उचित राहत और बचाव कार्य की आवश्यकता है ताकि प्रभावित गांवों के लोगों को जल्द ही सहायता मिल सके।

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Uttarakhand Tourism: हेलीकॉप्टर से आदि कैलाश व ओम पर्वत पर कर सकेंगे यात्रा

Uttarakhand Tourism: Uttarakhand पर्यटन विकास परिषद और कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) द्वारा आयोजित आदि कैलास और ऊं पर्वत यात्रा की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। इस यात्रा को पायलट प्रोजेक्ट के तहत हेलीकॉप्टर द्वारा संचालित किया जा रहा है। हेली कंपनियों का चयन शुक्रवार को किया जाएगा।

Uttarakhand Tourism: यात्रा का खर्च और नियम

चार दिन की इस यात्रा पर प्रति यात्री 70-75 हजार रुपये का खर्च होगा। भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और भारतीय सेना श्रद्धालुओं को चीन सीमा पर स्थित आदि कैलास और ऊं पर्वत के दर्शन कराएगी। भारत सरकार ने इस यात्रा के लिए 60 श्रद्धालुओं को अनुमति दी है।

यात्रा की शुरुआत और पात्रता

यात्रा की शुरुआत 25 सितंबर से होने की उम्मीद है। 55 वर्ष से अधिक आयु के लोग इस यात्रा में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आदि कैलास यात्रा के बाद पिथौरागढ़ जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र में पर्यटन में वृद्धि देखी गई है। इस साल अब तक 20,000 से अधिक यात्रा परमिट जारी किए जा चुके हैं।

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हेलीकॉप्टर से यात्रा की योजना

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने इस यात्रा को हेलीकॉप्टर द्वारा संचालित करने की योजना बनाई है। सरकार से अनुमति मिलने के बाद यात्रा कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

बुकिंग और ठहरने की व्यवस्था

केएमवीएन के जीएम विजय नाथ शुक्ल ने बताया कि यात्रा के लिए निगम की वेबसाइट और देशभर में स्थित जनसंपर्क कार्यालयों में मैनुअल बुकिंग की जा रही है। यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था निगम द्वारा की जाएगी। श्रद्धालुओं को यात्रा से एक दिन पहले पिथौरागढ़ पहुंचना होगा। हर दल में 15 श्रद्धालु शामिल होंगे।

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GOAT OTT Release: ओटीटी पर कब-कहां रिलीज होगी ‘गोट’

GOAT OTT Release: साउथ सिनेमा के मशहूर निर्देशक वेंकट प्रभु ने इस बार सुपरस्टार थलापति विजय (Thalapathy Vijay) के साथ फिल्म ‘गोट’ (GOAT – Greatest of All Time) बनाई है। यह फिल्म हाल ही में गणेश चतुर्थी के खास मौके पर रिलीज की गई है और सिनेमाघरों में इसे लेकर फैंस में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। इस उत्साह का असर बॉक्स ऑफिस पर भी दिखा, जहां ‘गोट’ ने शानदार कलेक्शन किया है।

GOAT OTT Release: ‘GOAT’ की ओटीटी रिलीज पर चर्चा

सिनेमाघरों में धमाल मचाने के बीच अब थलापति विजय की ‘गोट’ की ओटीटी रिलीज को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। फैंस जानना चाहते हैं कि यह फिल्म कब और किस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम होगी।

जानें, ‘GOAT’ किस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर होगी रिलीज

आजकल फिल्मों के ओटीटी राइट्स सिनेमाघरों में रिलीज से पहले ही बिक जाते हैं, और मेकर्स डिजिटल पार्टनर का खुलासा भी पोस्टर्स के साथ कर देते हैं। थलापति विजय की ‘गोट’ के साथ भी यही हुआ है। इस फिल्म के ओटीटी राइट्स नेटफ्लिक्स ने खरीदे हैं। फिल्म के पोस्टर्स और प्री-क्रेडिट सीन्स में भी यह साफ तौर पर दिखाया गया है कि ‘गोट’ सिनेमाघरों के बाद नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम की जाएगी।

‘गोट’ की ओटीटी रिलीज डेट

फिलहाल, ‘गोट’ की ओटीटी रिलीज डेट की घोषणा नहीं हुई है, क्योंकि यह फिल्म अभी सिनेमाघरों में रिलीज हुए मात्र 5 दिन हुए हैं। अनुमान है कि फिल्म को दो महीने बाद ओटीटी पर स्ट्रीम किया जा सकता है। हिंदी में भी ‘गोट’ की ओटीटी रिलीज नेटफ्लिक्स पर ही होगी, जिससे तमिल, तेलुगु, हिंदी और अंग्रेजी में इसे देखा जा सकेगा।

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नेटफ्लिक्स पर विजय की अन्य फिल्में

अगर आप थलापति विजय की ‘गोट’ का इंतजार नहीं कर सकते, तो नेटफ्लिक्स पर उनकी सुपरहिट फिल्में ‘बीस्ट’ (रॉ) और ‘लियो’ भी देख सकते हैं।

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ISRO SSLV-D3 Launch: ISRO ने फिर रचा इतिहास

EOS-8 का सफलतापूर्वक लॉन्च

ISRO SSLV-D3 Launch: शुक्रवार सुबह श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से धरती की निगरानी के लिए ईओएस-8 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। इस रॉकेट के साथ नया अर्थ ऑब्ज़र्वेशन सैटेलाइट ईओएस-8 को अंतरिक्ष में भेजा गया है। इसके साथ ही एक छोटा सैटेलाइट SR-0 DEMOSAT भी पैसेंजर सैटेलाइट के रूप में भेजा गया है। दोनों सैटेलाइट्स धरती से 475 किलोमीटर की ऊँचाई पर एक गोलाकार ऑर्बिट में चक्कर लगाएंगे।

ISRO SSLV-D3 Launch: EOS-08 में तीन पेलोड

ISRO SSLV-D3-EOS-08 मिशन में भेजे गए उपग्रहों का वजन 175.5 किलोग्राम है। इस मिशन का उद्देश्य माइक्रोसेटेलाइट को डिजाइन और विकसित करना है। EOS-08 में तीन पेलोड लगे हैं, जिनमें इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड (ईओआइआर), ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (जीएनएसएस-आर), और सीआइसी यूवी डोसीमीटर शामिल हैं।

प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी

ईओआइआर पेलोड उपग्रह आधारित निगरानी, आपदा निगरानी, और पर्यावरण निगरानी के लिए तस्वीरें खींचने में सक्षम है। जीएनएसएस-आर समुद्र की सतह की हवा का विश्लेषण, मिट्टी की नमी का आकलन, और बाढ़ का पता लगाने के लिए रिमोट सेंसिंग क्षमता प्रदर्शित करेगा। सीआइसी यूवी डोसीमीटर गगनयान मिशन में पराबैंगनी विकिरण की निगरानी करेगा।

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SSLV की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान

इसरो के लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान के माध्यम से पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ईओएस-08 को प्रक्षेपित किया गया। यह एसएसएलवी-डी3 की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान थी।

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Passport Index 2024: पासपोर्ट रैंकिंग में पाकिस्तान फिसड्डी

Passport Index 2024: Passport Index जारी करने वाली संस्था हेनले एंड पार्टनर्स की रैंकिंग में पाकिस्तान का सबसे खराब प्रदर्शन रहा। इस रैंक में एशियाई देश सिंगापुर का पासपोर्ट सबसे शक्तिशाली है, वहीं भारत ने इस लिस्ट में 82वां स्थान हासिल किया है, जो पिछले साल से बेहतर है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, लगातार चौथे साल पाकिस्तानी Passport ने खराब स्थान पर अपनी जगह बनाए रखी है। पाकिस्तान को दुनिया के चौथे सबसे कमजोर Passport के रूप में स्थान दिया गया है। पाकिस्तान का पासपोर्ट यमन के साथ 100वें स्थान पर है, जो 33 देशों में वीजा फ्री एंट्री देता है। हालांकि, पाकिस्तान की रैंकिंग इराक (101), सीरिया (102) और अफगानिस्तान (103) से ऊपर है।

2023 में पाकिस्तान की रैंकिंग क्या थी?

जानकारी के लिए बता दें कि 2023 में पाकिस्तान का Passport दुनिया में 106 नंबर पर था। 2023 में पाकिस्तानी पासपोर्ट पर 32 देशों में ही बिना वीजा घूमा जा सकता था, लेकिन अब 33 देशों में जाया जा सकता है। यह सूचकांक 199 देशों के यात्रा दस्तावेजों को उन गंतव्यों की संख्या के आधार पर रैंक करता है, जहां उनके यूजर्स बिना वीजा के विदेशों में एंट्री कर सकते हैं।

इस लिस्ट में अफगानिस्तान दुनिया के सबसे कमजोर पासपोर्ट के रूप में बना हुआ है। अफगानिस्तान के नागरिकों को केवल 26 देशों में वीजा फ्री एंट्री मिल सकती है। 19 साल के इतिहास में ये अब तक का सबसे कम स्कोर दर्ज किया गया है। इस लिस्ट में सिंगापुर सबसे आगे है, सिंगापुर के नागरिकों को 195 देशों में वीजा फ्री एंट्री मिल सकती है।

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Passport Index 2024: जापान, फ्रांस सहित अन्य देशों का क्या है हाल?

दूसरे स्थान पर जर्मनी, इटली, जापान, फ्रांस और स्पेन हैं, जो 192 देशों तक पहुंच प्रदान करते हैं। तीसरे स्थान पर ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, आयरलैंड, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया और स्वीडन हैं, जो 191 देशों में वीजा-फ्री एंट्री देते हैं।

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Monsoon 2024: मानसून को समझने में कहां चूक रहा IMD

Monsoon 2024: संसाधनों की कमी कहें या आंकलन में खामी या फिर प्रकृति की माया… मौसम विभाग Monsoon से पार नहीं पा रहा है। इस सीजन के लिए जारी पूर्वानुमानों में वह जब-तब गच्चा खा रहा है। अलर्ट भी अक्सर बदलने पड़ते हैं। आलम यह है कि हाल फिलहाल यह विभाग जनता के सवालों एवं अविश्वास दोनों के ही कठघरे में खड़ा हुआ है।

वैसे तो हर साल Monsoon के पूर्वानुमानों में मौसम विभाग की किरकिरी होती है, लेकिन इस साल कुछ ज्यादा ही हो रही है। 28 जून को राजधानी में Monsoon की दस्तक वाले दिन ही रिकॉर्ड वर्षा ने विभाग के दावों की पोल खोल दी थी। इसके बाद भी बार-बार ऐसा होता रहा है कि कभी वर्षा का पूर्वानुमान बदलना पड़ता है तो कभी ग्रीन, यलो और आरेंज अलर्ट को।

मौसम विभाग ने जून तक अपने पूर्वानुमानों की सटीकता को लेकर जो एक विश्लेषण जारी किया है, वह भी पुष्टि करता है कि पहले के मुकाबले मानसून के पूर्वानुमान कम सटीक साबित हो रहे हैं।

2011 से लेकर 2024 तक के 14 सालों में केवल 2022 ही ऐसा साल रहा है जब मानसून के पूर्वानुमान 96 प्रतिशत तक सही साबित हुए थे। इस बार तो अभी तक यह आंकड़ा केवल 77 प्रतिशत ही है।

Monsoon 2024: एक ही शहर में दिख रहे दो अलग ट्रेंड

मानसून के रुख में हुए परिवर्तन के चलते एक ही शहर में दो अलग-अलग तरह के ट्रेंड देखने को मिल रहे हैं। किसी हिस्से में तो बहुत ज्यादा वर्षा हो जाती है, तो कुछ हिस्सों को हल्की-फुल्की बरसात से ही संतोष करना पड़ रहा है। इस तरह की वर्षा को “पैची रेन” कहा जाता है।

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जलवायु परिवर्तन का भी दिख रहा है असर

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि दुनिया भर में ही मौसम पर जलवायु परिवर्तन का खासा असर दिख रहा है। लेकिन, भारत जैसे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में इसका असर सबसे अधिक नजर आ रहा है।

उष्णकटिबंधीय से अभिप्राय यह है कि हिमालय पर्वत एशिया की ठंडी हवा को उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों तक पहुंचने से रोककर मानसून को भी रोक लेता है, जो पूरे देश में बरसात लाता है। हालांकि, इसके बावजूद विभाग नए मॉडल, राडार और रेन गेज के सहारे भविष्य में बरसात और मानसून के पूर्वानुमान अधिक सटीक बनाने के लिए भरसक प्रयास कर रहा है।

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