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Ratan Tata News: जब खुद चाय परोसने लगे थे रतन टाटा

Ratan Tata News: पद्म विभूषण से सम्मानित प्रसिद्ध उद्योगपति Ratan Tata हमेशा अपनी कर्तव्यनिष्ठा, सहृदयता, संवेदनशीलता और सादगी के लिए याद किए जाएंगे। उन्होंने 1992 से 2001 के बीच तीन बार धनबाद के Tata Steel झरिया डिवीजन का दौरा किया।

Ratan Tata News: कार्यशैली से प्रभावित

हर बार, Ratan Tata अपनी कार्यशैली से सभी को प्रभावित करने में सफल रहे। चाहे अधिकारी हों या टाटा कोलियरी के श्रमिक, सभी ने उनके व्यवहार की सराहना की। वे 1992 में टाटा स्टील के अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार आए थे।

पार्क का उद्घाटन और चाय परोसना

1994 और 2001 में, उन्होंने जामाडोबा में दोराबजी टाटा पार्क का उद्घाटन किया। यह पार्क पर्यावरण संरक्षण के लिए बनाया गया था, जिसमें उड़न राख का उपयोग गड्ढों को भरने और समतलीकरण के लिए किया गया। उनके सरल व्यवहार का एक उदाहरण यह था कि उन्होंने पत्रकारों और अतिथियों को स्वयं चाय परोसी।

माहौल बदलने की कला

कोलियरी डिवीजन के एक कर्मचारी ने बताया कि एक बार निदेशक बंगले में पत्रकार वार्ता के दौरान कुछ अतिथिगण नाराज हो गए थे। रतन टाटा ने तुरंत उनकी स्थिति को भांप लिया और स्वयं चाय की ट्रे लेकर आगे बढ़े, जिससे माहौल सकारात्मक हो गया।

विशेष पार्क का महत्व

जिस पार्क का उन्होंने उद्घाटन किया, वह आज पूरे इलाके की पर्यावरण को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसमें उड़न राख का सही उपयोग किया गया है, जो एक प्रदूषक को हवा शुद्ध करने में मदद करता है।

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पसंदीदा भोजन और आदतें

Ratan Tata जब भी जमशेदपुर आते, डायरेक्टर बंगले में ठहरते थे। डायरेक्टर बंग्लो एंड गेस्ट रिलेशन के डिप्टी चीफ मैनेजर संजय कुमार सिन्हा ने उनके बारे में कई दिलचस्प जानकारियां साझा कीं।

Ratan Tata को फ्रेश जूस, पारसी खाना, और पामफ्लेट पातिया पसंद था। उन्हें शम्सी मच्छी और धम्सा विद ब्राउन राइस भी बहुत पसंद था। वे शराब नहीं लेते थे और उन्हें मार्केट का आइसक्रीम बिल्कुल पसंद नहीं था; केवल डायरेक्टर बंगले में बने होम मेड वेनिला आइसक्रीम ही उनकी प्रिय थी।

सरलता और मृदुभाषिता

Ratan Tata को ज्यादा तीखा खाना पसंद नहीं था और वे मुख्यतः कांटिनेंटल फूड ही पसंद करते थे। वे बेहद मृदुभाषी थे और सभी स्टाफ के साथ सरलता से मिलते थे।

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Ratan Tata Passes Away: पद्म विभूषण रतन टाटा का देहांत

Ratan Tata Passes Away: पद्म विभूषण और दिग्गज उद्योगपति Ratan Tata का बुधवार देर रात देहांत हो गया। वह रक्तचाप में अचानक गिरावट के कारण सोमवार से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे। उनका स्वास्थ्य लगातार गंभीर बना हुआ था।

Ratan Tata Passes Away: टाटा ग्रुप की भूमिका

Ratan Tata देश के सबसे बड़े कारोबारी घराने टाटा ग्रुप के चेयरमैन थे। उन्होंने टाटा ग्रुप के कारोबार को लगभग सभी सेक्टरों और 6 महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में फैलाया। उनके देहांत के बाद टाटा ग्रुप के प्रमुख शेयरों में हलचल देखने को मिल रही है।

Tata Elxsi में भारी उछाल

टाटा ग्रुप की टाटा एलेक्सी ऑटोमोटिव, मीडिया, संचार और स्वास्थ्य सेवा सहित विभिन्न उद्योगों में डिजाइन और टेक्नोलॉजी सेवाएं प्रदान करती है। इस कंपनी के शेयरों में आज शानदार तेजी देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में, टाटा एलेक्सी के शेयर 4.84 फीसदी उछाल के साथ 7,982.60 पर कारोबार कर रहे थे। इस कंपनी को देश में सेमीकंडक्टर क्रांति का भी फायदा मिलने की उम्मीद है।

Tata Motors की स्थिति

टाटा मोटर्स के शेयरों में पिछले कुछ दिनों से गिरावट आई है। इसकी मुख्य वजह ऑटो सेक्टर की सुस्ती है। अधिकांश बड़ी कंपनियों के पास इन्वेंट्री की भरमार है और बिक्री में कमी आ रही है। आज भी, टाटा मोटर्स के स्टॉक मामूली गिरावट के साथ खुले, लेकिन कुछ समय बाद यह हरे निशान में पहुंच गए। सुबह लगभग 10 बजे, टाटा मोटर्स के शेयर मामूली उछाल के साथ 940 रुपये के आसपास कारोबार कर रहे थे।

Tata Power Company में तेजी

टाटा पावर कंपनी, जो मुख्यतः इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन के कारोबार में लगी हुई है, में भी गुरुवार को अच्छी तेजी देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में, टाटा पावर के शेयर 2.68 फीसदी उछाल के साथ 473.20 रुपये पर कारोबार कर रहे थे।

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Tata Chemicals में उछाल

टाटा केमिकल्स का बेसिक केमिस्ट्री और स्पेशियलिटी प्रोडक्ट्स में बड़ा नाम है। इसके आईपीओ ने निवेशकों को रिकॉर्ड तोड़ लिस्टिंग गेन दिया था। हालांकि, आईपीओ के बाद टाटा केमिकल्स के शेयर लंबे समय तक सुस्त रहे। आज, टाटा केमिकल्स के शेयर शुरुआती कारोबार में 5.35 फीसदी उछाल के साथ 1,164.45 रुपये पर पहुंच गए।

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जानिए कैसे इसरो ने टाटा और गोदरेज के साथ मिलकर चंद्रयान 3 मिशन को दिया अंजाम?

दरअसल, चंद्रयान 3 मिशन के इस इतिहास को बनाने के लिए इसरो ने जो दिन-रात मेहनत की है उसके पीछे भारत की कई ऐसी कंपनियां भी इसमें शामिल हुईं, जिन्होंने इस अभियान में बहुत बड़ा योगदान दिया.

चंद्रयान 3 चांद पर सफलतापूर्वक उतर गया है, भारत ने इतिहास रच दिया है. विक्रम लैंडर और ग्रुप ने शाम 6:05 बजे चंद्रमा पर चंद्रयान की सफल सॉफ्ट लैंडिंग कराई है। जहाँ पूरे देश की निगाहें इस ऐतिहासिक मिशन पर टिकी थीं. वहीँ स्पेसएक्स (Space X) के प्रमुख एलन मस्क ने भी भारत को बधाई दी है. उन्होंने यह भी कहा कि इस मिशन को सफल बनाने में इसरो (ISRO) के अहम योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता.

दरअसल, इस इतिहास को बनाने के लिए इसरो ने जो दिन-रात मेहनत की है। तो वहीं इसके पीछे भारत की कई ऐसी कंपनियां भी इसमें शामिल हुईं, जिन्होंने इस अभियान में बड़ा योगदान दिया. भारत के इस मिशन को सफल बनाने में इस क्षेत्र की कई कंपनियों ने योगदान दिया है। विशेष रूप से, रतन टाटा की टाटा स्टील और भारत के सबसे पुराने समूह गोदरेज समूह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आइए जानें कि टाटा और गोदरेज ग्रुप ने इस मिशन को सफल बनाने में कैसे और किस तरह से योगदान दिया।

टाटा स्टील का चंद्रयान 3 मिशन में योगदान

जैसा कि हमने आपको बताया चंद्रयान 3 मिशन को सफल बनाने में रतन टाटा की कंपनी टाटा स्टील (Tata Steel) ने अहम भूमिका निभाई रही है. रॉकेट में टाटा स्टील द्वारा निर्मित क्रेन का उपयोग किया गया था। जिनकी वजह से चाँद पर उड़ान भरी गयी थी। लॉन्च से पहले इसरो कंपनी ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि टाटा का इस्तेमाल देश के इस मिशन में भी किया जा जा रहा है. टाटा स्टील (Tata Steel) द्वारा निर्मित एलवीएमथ्री फैट बॉय ने लॉन्च वाहन को असेंबल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टाटा स्टील ने जमशेदपुर में अपने संयंत्र (फैक्ट्री) में इसे बनाया है.

गोदरेज एयरोस्पेस ने अहम भूमिका निभाई

टाटा स्टील के अलावा, भारत के सबसे पुराने व्यापारिक घरानों में से एक गोदरेज एयरोस्पेस ने भी चंद्रयान 3 की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। गोदरेज ग्रुप (Godrej Group) की अंतरिक्ष शाखा, गोदरेज एयरोस्पेस ने चंद्रयान 3 के लिए प्रोपल्शन इंजन, सैटेलाइट थ्रस्टर्स का उत्पादन किया। कंपनी ने इसका निर्माण मुंबई के पास स्थित प्लांट में किया है। इंजन और थ्रस्टर्स के अलावा, गोदरेज एयरोस्पेस ने इस मिशन के लिए L110 इंजन भी बनाया है।

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