Manipur violence मैं राष्ट्र-विरोधी और असामाजिक तत्वों की साजिशों को विफल करने तथा शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए निर्णय लिया गया।
इस महीने की शुरुआत से हिंसा की ताजा वृद्धि की पृष्ठभूमि में मणिपुर में मोबाइल इंटरनेट, broadband और VPNs पर पांच दिनों के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था।
राज्य सरकार के गृह विभाग के एक आदेश में कहा गया है, “मणिपुर राज्य में स्थायी कानून और व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए, कुछ असामाजिक तत्व दार्शनिक, अभद्र भाषण और घृणा संबंधी वीडियो के लिए बड़े पैमाने पर ” social media का उपयोग कर सकते हैं।” जनता की भावनाओं को भड़काने वाला संदेश हो सकता है, जिसका वैज्ञानिक राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।”
“सार्वजानिक शांति और साम्प्रदायिक साम्प्रदायिक सामग्री में व्यापक दुष्परिणाम का खतरा है, जिसे सामाजिक माध्यम से प्रसारित/प्रसारित किया जा सकता है। मोबाइल सेवाएँ, एसएमएस सेवाएँ और डोंगल सेवाएँ मीडिया/मैसेज सेवा पर, सेवाएं, बंद कर दिया गया
“राष्ट्र-विरोधी और असामाजिक तत्वों की योजना और विघटन और शांति और सांप्रदायिक सांप्रदायिकता बनाए रखने और सार्वजनिक/निजी संपत्ति को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाने या खतरे में डालने पर रोक लगाने के लिए, कानून बनाए रखने के लिए उचित उपाय करना आवश्यक है।” टैबलेट, कंप्यूटर, मोबाइल फोन आदि जैसे विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे कि नेटफ्लिक्स, फेसबुक, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, आदि ट्विटर के माध्यम से दुष्प्रचार और झूठी अफवाहों के प्रसार को रोका जा सके | ”आंदोलनकारी और उग्रवादियों की भीड़ को बढ़ावा देने और/या गठबंधन करने के लिए, जो आक्रामक/बर्बरता और अन्य प्रकार के हिंसक हमलों में शामिल होकर जीवन की हानि और/या/सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं,”
आदेश में, Government of Manipur के संयुक्त सचिव (गृह) ने कहा, “राज्य के मुख्य क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में लीज लाइन्स, वीएसएटी, ब्रॉडबैंड और वीपीएन सेवाओं सहित इंटरनेट और मोबाइल डेटा डेटा के प्रतिबंध/रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं 5 दिनो के लिए ।”
इससे पहले मंगलवार को इंफाल के दोनों जिलों में अनिश्चितकालीन curfew लगा दिया गया था।इम्फाल पूर्व और इम्फाल पश्चिम दोनों जिला प्रशासन ने “विकासशील कानून और व्यवस्था की स्थिति” की जानकारी मंगलवार सुबह 11 बजे दी। प्रभावशाली सूचना के आदेश जारी किए गए।
इम्फाल वेस्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने आवश्यक सेवाओं और मीडिया को छूट देते हुए, अगले ऑर्डर तक “किसी भी व्यक्ति (व्यक्तियों) के उनके संबंधित आवासों के आवाजाही” पर प्रतिबंध लगा दिया है
1 सितंबर को राज्य में जातीय हिंसा की विभिन्न घटनाओं में 11 लोग मारे गए, छात्रों ने घाटी के इलाके, विशेष रूप से थौबल और इंफाल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
थौबल में अपराधियों और पुलिस के बीच मशहुर के बाद पुलिस विभाग में कम से कम 20 लोग घायल हो गए।
राहुल गांधी ने अमेरिका में आरएसएस को घेरा,और
अमेरिका में आरएसएस को घेरा राहुल गांधी ने, गिरिराज सिंह ने दिया ये जवाब
नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद राहुल गांधी का ये पहला अमेरिकी दौरा है.जिसमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अमेरिका के दौरे पर गए
Rahul Gandhi ने टेक्सास में भारतीय समयानुसार नौ सितंबर की सुबह दो कार्यक्रमों में गए . वही राहुल गांधी ने भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाक़ात की और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के एक कार्यक्रम में आपने विचार रखे,इस दौरान पर राहुल गांधी बीजेपी और RSS पर भारी पड़े .
इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस के चेयरपर्सन सैम पित्रोदा ने बीते सप्ताह समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा था कि विपक्ष के नेता अमेरिका किसी आधिकारिक हैसियत से नहीं बल्कि ‘व्यक्तिगत तौर’ पर आ रहे हैं|
राहुल गांधी ने कहा है,”चुनाव के नतीजे आने के कुछ मिनट के अंदर ही लोगों के मन से बीजेपी और भारत के प्रधानमंत्री मोदी का डर समाप्त हो जाऊंगा ”
बीजेपी 240 सीटें ही जीत सकी थी बीते लोकसभा चुनावों में, हालांकि एनडीए के घटक दलों की मदद से नरेंद्र मोदी सरकार बनाने में सफल रहे थे.
साथ ही चुनावों के बाद से कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन साल 2024 के चुनावी नतीजों सेअपनी बड़ी जीत बताकर पेश कर रहा है.
राहुल गांधी वॉशिंगटन डीसी में भी कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे जैसे :
राहुल गांधी ने टेक्सास में एक कार्यक्रम में कहा है, कि ”RSS मानता है कि भारत ‘एक विचार’ है, जबकि हम मानते हैं कि भारत ‘कई विचारों’ से बना है. हम अमेरिका की तरह मानते हैं कि हर किसी को सपने देखने का अधिकार है,और सबको भागीदारी का मौक़ा मिलना चाहिए और यही लड़ाई है.?
राहुल गांधी ने अमेरिका में बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर हमला बोला है
बीजेपी की प्रतिक्रिया राहुल गांधी के अमेरिकी दौरे में,
राहुल के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने कहा कि “Rahul Gandhi को आरएसएस को समझने के लिए कई जन्मों की आवश्यकता होगी। कोई भी देशद्रोही RSS को नहीं समझ सकता। जो लोग विदेश में जाकर देश की निंदा करते हैं, वे RSS के मूल को नहीं समझ सकते। ऐसा लगता है कि राहुल गांधी विदेशों में सिर्फ भारत को बदनाम करने के लिए जाते हैं।”
गिरिराज सिंह ने आगे कहा कि “मैं यह कह रहा हूं कि इस जन्म में राहुल गांधी RSS को नहीं समझ पाएंगे, क्योंकि यह संगठन भारतीय संस्कार और संस्कृति की नींव पर आधारित है।”
राहुल गांधी ने कई बार अमेरिका का दौरा किया है, और इनके विदेश दौरों पर बीजेपी ने आक्रामक रुख अपनाया है।
साथ ही, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने टेक्सास में राहुल गांधी का परिचय देते हुए कहा, “Rahul Gandhi के पास एक स्पष्ट दृष्टिकोण है। यह उस बात के विपरीत है जिसके लिए बीजेपी ने करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। वो बेवकूफ नहीं हैं। वह एक ज्ञानवर्धक व्यक्ति हैं और उन्होंने बहुत कुछ पढ़ा है। वह एक रणनीतिकार हैं जिनके पास किसी भी मुद्दे पर गहन विचार है।”
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इसी बयान का एक अंश साझा कर तंज़ कसा है।
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि यदि कोई Rahul Gandhi का परिचय इस तरह से कर रहा है कि वे बेवकूफ नहीं हैं, तो सैम पित्रोदा ने यह साबित कर दिया है।
सैम पित्रोदा लोकसभा के एक महत्वपूर्ण चुनाव के दौरान अपनी एक टिप्पणी के कारण प्रसिद्ध हुए। इसके चलते उन्हें अपनी नौकरी से हटना पड़ा, लेकिन चुनाव के बाद उन्हें दोबारा नौकरी मिल गई।
मई 2024 में सैम ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहाँ विभिन्न प्रकार के लोग निवास करते हैं। पूर्व में कुछ लोग चीनी जैसे, पश्चिम में कुछ लोग अरब जैसे, उत्तर में कुछ लोग गोरे जैसे और दक्षिण में कुछ लोग अफ्रीकी जैसे दिखते हैं। लेकिन चाहे हम जैसे भी दिखें, हम सब भाई-बहन के समान हैं और खुशी-खुशी एक साथ रह सकते हैं।
नौ सितंबर को अमेरिका में हुए कार्यक्रम में Rahul Gandhi ने दावा किया- बीजेपी भारत के संविधान पर हमला कर रही है.
अमेरिका में भारतीय समुदाय के लोगों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का स्वागत किया है
Rahul Gandhi ने और क्या कुछ कहा
राहुल गांधी ने दावा किया है कि चुनाव के दौरान लाखों लोग इस बात को स्पष्ट तौर पर समझ रहे थे भारत के प्रधानमंत्री संविधान के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं,
राहुल गांधी ने कहा, कि भारत का संविधान नियमों के एक बड़े समूह की तरह है जो कहता है कि हमें सभी भाषाओं, धर्मों, परंपराओं और लोगों के समूहों का सम्मान करना चाहिए। संविधान आधुनिक भारत की बुनियाद है. चुनाव के दौरान मैंने एहसास क्या की बीजेपी हमारी परंपरा, भाषा, राज्य और इतिहास पर हमला कर रही है.”
पिछले बड़े लोकसभा चुनावों में, कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन ने ‘संविधान को ख़तरे में होने की बात कही थी विपक्षी दलों ने चुनावी रैलियों में दावा किया था कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो संविधान को बदल देगी
हालांकि विपक्षी दलों के ऐसे दावों को बीजेपी ख़ारिज करती रही थी.
इंडिया गठबंधन का आरोप था कि बीजेपी संविधान में कमज़ोर तबकों को दिए गए आरक्षण को ख़त्म करना चाहती है.
Rahul Gandhi ने कहा, ”बीजेपी का डर समाप्त हो गया है. यह भारत के लोगों की उपलब्धि है जिन्होंने बताया कि हम भारत के संविधान पर किसी हमले को स्वीकार नहीं करेंगे.”
भारतीय समुदाय से जुड़े एक कार्यक्रम में राहुल गांधी बोले, ”आप यहां मन में घृणा नहीं, सम्मान लेकर आए हैं और आप यहां हमारे दूत हैं. इसलिए आपकी एक बहुत बड़ी भूमिका है. भारत को अमेरिका की ज़रूरत है और अमेरिका को भारत की. आप अपने पुराने घर और नए घर अमेरिका के बीच पुल हैं.”
राहुल ने यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्सास के छात्रों के बीच दुनियाभर में बेरोज़गारी और अन्य मुद्दों पर बात की.
राहुल गांधी ने छात्रों के बीच कहा कि आज भारत में ‘मेड इन चाइना’ फ़ोन, फ़र्नीचर और कपड़े हर चीज़ के पीछे लिखा होता है.
छात्रों के बीच राहुल गांधी ने अपनी 4 हज़ार किलोमीटर की भारत जोड़ो यात्रा पर भी बात की है.
Rahul Gandhi ने कहा, ”पहला सवाल जो आपने पूछा, कि मैं चार हजार किलोमीटर पैदल क्यों चला, हमें ऐसा करने की ज़रूरत क्यों पड़ी?”
“ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत में संचार की सभी लाइनें बंद थीं।” हमने संसद में बात की लेकिन उन्हें टेलीविजन पर प्रसारित नहीं किया गया।’ हम मीडिया के पास गए, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी. हमने कानूनी व्यवस्था के दस्तावेज भी पेश किये, लेकिन कुछ नहीं हुआ. सारे रास्ते बंद हो गए और काफी देर तक हमें समझ नहीं आया कि कैसे बातचीत करें।’
राहुल ने कहा, “फिर अचानक हमें यह विचार आया कि अगर मीडिया आम लोगों तक नहीं पहुंच रहा है और संस्थाएं हमसे नहीं जुड़ रही हैं, तो हम सीधे उनके पास जाएं.
राहुल गांधी ने कहा, “इस यात्रा ने मेरे काम के प्रति सोचने का तरीका पूरी तरह से बदल दिया। इस यात्रा में कई लोग शामिल थे, और बिना किसी योजना के जो सबसे अच्छी बात स्वाभाविक रूप से उभरी, वह थी राजनीति में प्रेम के विचार का आगमन। यह अजीब है क्योंकि अधिकांश देशों में राजनीतिक चर्चा में आपको ‘प्रेम’ शब्द सुनने को नहीं मिलता। वहाँ आपको नफरत, गुस्सा, अन्याय, भ्रष्टाचार जैसे शब्द ही सुनने को मिलते हैं।”
राहुल गांधी ने कहा है कि दुनिया में हर जगह रोज़गार की समस्या नहीं है। पश्चिमी देशों और भारत में रोज़गार की समस्या है, लेकिन चीन और वियतनाम में ऐसा नहीं है।
राहुल गांधी ने बताया कि 1940, 50 और 60 के दशकों में अमेरिका वैश्विक उत्पादन का केंद्र था। उस समय अमेरिका में कार, वाशिंग मशीन, टीवी जैसी चीज़ें बनाई जाती थीं, लेकिन धीरे-धीरे यह उत्पादन कोरिया, जापान और अब चीन में चला गया है।
राहुल ने कहा, “अगर आप आज देखें, तो चीन वैश्विक उत्पादन पर हावी है। भारत में आप फोन, फर्नीचर, कपड़े देखें तो उनमें ‘मेड इन चाइना’ लिखा होता है। यह एक सच्चाई है।”
“तो क्या हुआ है? पश्चिमी देशों, अमेरिका, यूरोप और भारत ने उत्पादन के विचार को छोड़ दिया है और इसे चीन को सौंप दिया है,” राहुल गांधी ने कहा।
राहुल गांधी ने रोज़गार के संकट पर विशेष रूप से बात की और कहा, “उत्पादन का काम रोज़गार पैदा करता है। हम जो करते हैं, या जो अमेरिका और पश्चिमी देश करते हैं, वह उपभोग को व्यवस्थित करना है।”
राहुल गांधी के अनुसार, भारत को उत्पादन के काम और उसे व्यवस्थित करने के बारे में गंभीरता से सोचना होगा। विनिर्माण या उत्पादन का काम अब चीनी, वियतनामी या बांग्लादेशियों द्वारा किया जा रहा है।
राहुल गांधी ने कहा, “बांग्लादेश अभी समस्याओं का सामना कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद उसने वस्त्र उद्योग में हमसे पूरी तरह प्रतिस्पर्धा की है। उन्होंने वस्त्र उद्योग में हमारा सफाया कर दिया है।”
हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर यह कहते रहे हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था तेज़ी से आगे बढ़ रही है।
नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीति का प्रमुख हिस्सा नई सड़कों, हवाई अड्डों, बंदरगाहों और मेट्रो लाइनों का निर्माण रहा है। उनकी सरकार पिछले तीन सालों से हर साल 100 अरब डॉलर की राशि बुनियादी ढांचे के विकास में (पूंजीगत व्यय) खर्च कर रही है।
2014 से 2024 के बीच भारत में लगभग 54,000 किलोमीटर (33,553 मील) लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए गए हैं, जो इससे पहले के दस वर्षों में बने राजमार्गों से दोगुना हैं।
जीडीपी के अनुपात में देखें तो 2020-21 में निजी निवेश महज 19.6 प्रतिशत था, जबकि 2007-08 में यह 27.5 प्रतिशत के साथ अपने शिखर पर था।
हालांकि, बेरोज़गारी के मुद्दे पर पीएम मोदी की अकसर आलोचना होती रही है।
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 2000 में देश के बेरोज़गारों में पढ़े-लिखे नौजवानों की संख्या 54.2 प्रतिशत थी, जो 2022 में बढ़कर 65.7 प्रतिशत हो गई है।
Rahul Gandhi ने कहा, “भारत को लोकतांत्रिक माहौल में उत्पादन करने के तरीकों पर पुनर्विचार करना होगा। जब तक ऐसा नहीं होता, हमें बड़ी बेरोज़गारी का सामना करना पड़ेगा।”
थाईलैंड की 31वीं प्रधानमंत्री चुनी गईं Paetongtarn Shinawatra
पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा की सबसे छोटी बेटी, 37 वर्षीय पेटोंगटार्न शिनावात्रा (Paetongtarn Shinawatra), थाईलैंड की 31वीं प्रधानमंत्री चुनी गई हैं। उन्हें 319 सांसदों का समर्थन प्राप्त हुआ है। वह इस पद को संभालने वाली सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री होंगी। पेटोंगटार्न देश की दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनेंगी और श्रेथा थाविसिन का स्थान लेंगी।
श्रेथा थाविसिन को पद से बर्खास्त किया गया
श्रेथा थाविसिन को संवैधानिक न्यायालय ने बुधवार को नैतिकता के उल्लंघन के मामले में पद से बर्खास्त कर दिया था। उन पर आपराधिक रिकॉर्ड वाले कैबिनेट सदस्य की नियुक्ति का आरोप लगा था, जिसके कारण उन्हें पद से हटाया गया।
देश की बनीं दूसरी महिला प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद अपने पहले संबोधन में Paetongtarn Shinawatra ने कहा कि श्रेथा थाविसिन के हटाए जाने से वह दुखी हैं। उन्होंने श्रेथा, अपने परिवार और पार्टी के लोगों से चर्चा की और फिर निर्णय लिया कि अब देश के लिए कुछ करने का समय आ गया है।
पेटोंगटार्न अपने पिता थाकसिन और बुआ यिंगलक शिनावात्रा के बाद प्रधानमंत्री बनने वाली शिनावात्रा परिवार की तीसरी सदस्य हैं। यिंगलक शिनावात्रा थाईलैंड की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। उन्हें 7 मई 2014 को संवैधानिक न्यायालय के एक फैसले द्वारा पद से हटा दिया गया था।
US Election 2024: कमला हैरिस के राष्ट्रपति चुनाव में उतरने के बाद अमेरिका की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। वहीं, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उन्हें कड़ी चुनौती मिलने के बाद लगातार निशाना बना रहे हैं। उन्होंने आज कहा कि कमला हैरिस व्यक्तिगत हमलों की हकदार हैं।
US Election 2024: मैं Kamala Harris से नाराज हूं…
ट्रंप ने कहा कि जहां तक व्यक्तिगत हमलों की बात है, मैं उनसे बहुत नाराज हूं क्योंकि उन्होंने देश के साथ जो किया है वो गलत है। ट्रंप का कहना है कि कमला हैरिस ने देश के लिए अच्छा काम नहीं किया है।
मेरे मन में Kamala Harris के लिए सम्मान नहीं: ट्रंप
ट्रंप ने कहा कि मेरे मन में कमला हैरिस के लिए बहुत सम्मान नहीं है। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि उनके मन में कमला हैरिस की बुद्धिमत्ता पर सवाल हैं और उन्हें लगता है कि वह एक भयानक राष्ट्रपति होंगी।
जब पूर्व प्रतिद्वंद्वी निक्की हेली द्वारा की गई टिप्पणियों के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया था कि ट्रंप को अपने अभियान की दिशा बदलनी चाहिए, इस पर ट्रंप ने कहा कि वह अपने अभियान को अपने तरीके से चलाएंगे।
बता दें कि एक गैर-पक्षपाती कुक पॉलिटिकल रिपोर्ट के सर्वे के अनुसार, हैरिस सात में से पांच राज्यों में ट्रंप से आगे हैं। एरिजोना, मिशिगन, विस्कॉन्सिन, उत्तरी कैरोलिना और पेंसिल्वेनिया में ट्रंप पिछड़ रहे हैं, जो नवंबर के चुनाव के परिणाम को बदल सकते हैं।
US Presidential Election: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने आशंका जताई है कि अगर डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव में हार जाते हैं तो शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण को लेकर उन्हें शक है। जो बाइडन ने एक मीडिया चैनल CBS से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि यदि रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव हार जाते हैं तो सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण कैसे हो पाएगा।
US Presidential Election: आसानी से नहीं होगा सत्ता हस्तांतरण – बाइडन
उन्होंने कहा कि अगर डोनाल्ड ट्रंप हार जाते हैं तो उन्हें यह विश्वास नहीं है कि कमला हैरिस को सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण तरीके से हो पाएगा। ट्रंप जो भी बोलते हैं, उसका मतलब होता है, लेकिन हम उन्हें गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन उनकी बातों का मतलब है जैसे कि उन्होंने कहा था कि – अगर हम हारे तो खून-खराबा होगा।
पूर्व राष्ट्रपति पर वाशिंगटन डीसी और जॉर्जिया में भी आपराधिक आरोप लगाए गए थे, क्योंकि उन्होंने 2020 के चुनाव में बाइडन के खिलाफ जीत का झूठा दावा करके अवैध रूप से चुनाव को पलटने की कोशिश की थी। बाइडन का यह इंटरव्यू 2024 के राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने के बाद पहली बार सामने आया है। ट्रंप के खिलाफ निराशाजनक बहस के प्रदर्शन के बाद साथी डेमोक्रेट्स के दबाव के कारण, राष्ट्रपति की उम्र और स्वास्थ्य के बारे में चिंताएं बढ़ गईं हैं।
US Presidential Election:2020 के राष्ट्रपति चुनाव में भी हुई थी हिंसा
जो बाइडन को जो डर है वह बिल्कुल भी बेबुनियाद नहीं है। साल 2020 में जब जो बाइडन ने डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव में पटखनी दी थी, उस वक्त भारी हिंसा हुई थी। दंगाइयों की भीड़ अमेरिकी संसद में घुस गई थी और उस दौरान पुलिसकर्मियों समेत कई लोगों की मौत भी हुई थी।
डोनाल्ड ट्रंप पर लोगों की भीड़ को उकसाने का भी आरोप है और इसे लेकर उनके खिलाफ मुकदमा भी चल रहा है। इस बार भी जिस तरह के हालात हैं, उन्हें देखते हुए भी डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। यही वजह है कि जो बाइडन ने आशंका जताई है कि अगर डोनाल्ड ट्रंप फिर हारे तो इस बार भी हिंसा हो सकती है। बता दें कि राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने के बाद जो बाइडन ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का समर्थन किया, जिन्होंने हाल ही में डेमोक्रेटिक नामांकन जीता है।
US Presidential Election: टिम वाल्ज होंगे उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार
मिनेसोटा के गवर्नर टिम वाल्ज, कमला के साथ उनके साथी उम्मीदवार के रूप में शामिल होंगे और साथ मिलकर वे चुनाव लड़ेंगे और 5 नवंबर को होने वाले आम चुनाव में ट्रंप और उनके उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार, ओहियो के सीनेटर जेडी वेंस का सामना करेंगे।
बता दें कि वाल्ज को हैरिस समर्थक माना जाता है। बतौर शिक्षक अपना करियर शुरू करने वाले टिम वाल्ज का मिनेसोटा के गवर्नर के रूप में दूसरा कार्यकाल चल रहा है। साथ ही वह डेमोक्रेटिक गवर्नर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। उल्लेखनीय है कि रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति और जेडी वेंस उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख Sharad Pawar ने सोमवार को मुंबई में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। यह जानकारी एक अधिकारी ने साझा की। अधिकारी के मुताबिक, यह मुलाकात मालाबार हिल क्षेत्र में स्थित राज्य सरकार के गेस्ट हाउस सह्याद्री में हुई। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच सिंचाई, दूध की कीमतों और चीनी कारखानों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई।
अतुल बेनके से भी मिल चुके Sharad Pawar
Sharad Pawar ने हाल ही में पुणे के जुन्नार से विधायक अतुल बेनके से भी मुलाकात की थी। अतुल बेनके अजित पवार गुट के विधायक हैं। दोनों नेताओं की मुलाकात महाराष्ट्र की सियासत में खूब चर्चा का विषय बनी हुई है। इससे पहले अजित पवार की पार्टी के पिंपरी-चिंचवाड़ के अध्यक्ष और दो पार्षद भी पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। शरद पवार और अतुल बेनके की मुलाकात शिरूर के सांसद अमोल कोल्हे के निवास स्थान पर हुई थी। इस मुलाकात पर शरद पवार ने बस इतना कहा था कि वह मेरे दोस्त का बेटा है।
कुछ दिन पहले Sharad Pawar ने कहा था कि महा विकास अघाड़ी (MVA) प्रदेश में लोगों को विकल्प प्रदान करेगा। उन्होंने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने का भी दावा किया था। पवार ने कहा था कि गठबंधन में सीट बंटवारे का मुद्दा लोकसभा की तरह ही विधानसभा चुनाव में सुलझा लिया जाएगा। हर कोई अधिक सीटों की मांग करता है। मगर जिन सीटों से चुनाव लड़ते हैं, उन्हें जीतना अहम है। हमारी पार्टी एनसीपी (Sharad Pawar) ने 10 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ा और आठ सीटों पर जीत हासिल की। हमारा स्ट्राइक रेट सबसे अधिक है।
PM Modi In Austria: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा के लिए रूस गए थे। रूस की दो दिवसीय यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रिया पहुंचे हैं। यहाँ वियना में ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर ने पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया और उनके लिए रात्रिभोज का आयोजन किया। इस दौरान दोनों की गले मिलते हुए एक तस्वीर भी सामने आई, जो सोशल मीडिया पर छाई हुई है।
PM Modi In Austria: नेहमर ने किया पीएम मोदी का स्वागत
रात्रिभोज के लिए PM Modi का स्वागत करते हुए ऑस्ट्रियाई चांसलर नेहमर ने कहा कि आपका स्वागत करना मेरे लिए खुशी और सम्मान की बात है। मैं आपकी यात्रा के दौरान राजनीतिक और आर्थिक चर्चा के लिए उत्सुक हूं।
PM Modi ने दिया ट्वीट का जवाब
पीएम मोदी के स्वागत की तस्वीरें चांसलर कार्ल नेहमर ने ट्वीट कीं। नेहमर के ट्वीट के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, “आपसे मिलकर खुशी हुई। भारत-ऑस्ट्रिया की दोस्ती मजबूत है, और आने वाले समय में यह और मजबूत होगी। दोनों देश वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे।”
ऑस्ट्रिया में PM Modi का कार्यक्रम
मिली जानकारी के अनुसार, सुबह 10 बजे से 10 बजकर 15 मिनट के दौरान पीएम मोदी का स्वागत किया जाएगा। इसके बाद पीएम मोदी गेस्टबुक पर हस्ताक्षर करेंगे। 10.15 से 11 बजे के दौरान पीएम मोदी प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। 11-11.20 मिनट पर पीएम मोदी प्रेस वक्तव्य देंगे। 11.30 से 12.15 के बीच पीएम मोदी ऑस्ट्रिया-भारत सीईओ बैठक में शामिल होंगे।
इसके बाद 12.30-1.50 बजे के दौरान वह ऑस्ट्रिया के चांसलर के साथ लंच करेंगे। दोपहर 2 बजे से ढाई बजे ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलेन के साथ बातचीत करेंगे। 3.40 से 4.30 बजे तक ऑस्ट्रियाई हस्तियों के साथ बैठकें करेंगे। शाम पांच बजे प्रेस वार्ता होगी। शाम 7.00-7.45 के दौरान सामुदायिक कार्यक्रम है। इसके बाद रात 8 बजकर 15 मिनट पर पीएम मोदी स्वदेश के लिए रवाना हो जाएंगे।
वियना में भी भारतीयों से मिले पीएम मोदी
बता दें कि ऑस्ट्रिया पहुंचने के बाद वियना में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतवंशी लोगों से मुलाकात की। पीएम ने भारतवंशी लोगों का हाथ जोड़कर अभिवादन स्वीकार किया। इस दौरान पीएम मोदी के साथ ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर भी मौजूद रहे।
PM Modi Russia Visit: इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। पीएम मोदी का रूस जाना और पुतिन से मिलना अब अमेरिका की चिंता बढ़ा रहा है। पीएम मोदी की पुतिन के साथ हुई अनौपचारिक बैठक के कुछ ही देर बाद, सोमवार को अमेरिका ने एक बयान जारी किया।
PM Modi की पुतिन से मुलाकात, लेकिन US को क्यों हो रही चिंता?
दरअसल, अमेरिका ने सोमवार को यूक्रेन पर मॉस्को के आक्रमण के बीच भारत के साथ रूस के संबंधों को लेकर चिंता जताई है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक प्रेस ब्रीफिंग की। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘मैं प्रधानमंत्री मोदी के पब्लिक रिमार्क को देखूंगा कि उन्होंने क्या कहा, लेकिन जैसा कि मैंने कहा, हमने रूस के साथ उनके संबंधों के बारे में अपनी चिंताओं को भारत के समक्ष स्पष्ट कर दिया है।’
अमेरिका को भारत से क्या उम्मीद?
मिलर ने आगे कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि भारत या कोई भी अन्य देश जब रूस के साथ बातचीत करेगा, तो वह “यह स्पष्ट करेगा कि मॉस्को को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए।”
अमेरिका क्यों बना रहा भारत पर दबाव?
फरवरी 2022 में यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से ही भारत पर रूस से दूरी बनाने के लिए अमेरिका का दबाव है। भारत ने रूस के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों और अपनी आर्थिक जरूरतों का हवाला देते हुए इस दबाव का विरोध किया है, हालांकि, उसने चल रहे युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान के लिए आवाज उठाई है।
मोदी पुतिन के निमंत्रण पर 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए सोमवार शाम रूस पहुंचे। फरवरी 2022 में मॉस्को द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से मोदी की यह पहली रूस यात्रा है। उनकी पिछली यात्रा 2019 में हुई थी, जब उन्होंने सुदूर पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक में एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लिया था।
Mamata Letter to PM Modi: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को PM Modi को पत्र लिखकर एक बड़ी मांग की है। ममता ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह पत्र लिखा। मुख्यमंत्री ने PM Modi से नीट को समाप्त करने और राज्य सरकारों द्वारा इस परीक्षा का आयोजन करने की पूरानी प्रणाली को पुनः स्थापित करने की अपील की।
Mamata Letter to PM Modi: छात्रों के लिए कर दी ये बड़ी मांग
ममता ने पत्र में यह कहा, “बंगाल के मुख्यमंत्री रूप में, मुझे राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) से जुड़े हाल के घटनाक्रमों के बारे में आपको लिखने के लिए बाध्य हूं। पेपर लीक के आरोप, कुछ अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेना और कुछ छात्रों को परीक्षा में भाग लेने के लिए अनुमति देना, ग्रेस मार्क्स जैसे मुद्दे गंभीर हैं। इन मामलों पर पूरा ध्यान देने की आवश्यकता है और इसकी स्पष्ट और निष्पक्ष जांच की जरूरत है।”
“लाखों छात्रों के करियर का सवाल है। इन मामलों से न केवल देश में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है, बल्कि यह देश के चिकित्सा सुविधाओं और उपचार की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।”
2017 से पहले की प्रक्रिया के बारे में भी ममता ने कहा कि राज्यों को अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की अनुमति थी और केंद्र सरकार भी मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अपनी परीक्षाएं आयोजित करती थी। इस प्रणाली ने सुचारू रूप से काम किया और किसी समस्या का सामना नहीं किया। उन्होंने आगे लिखा कि यह प्रणाली क्षेत्रीय पाठ्यक्रमों और शैक्षिक मानकों के लिए बेहतर थी।
“राज्य सरकार आमतौर पर प्रति डॉक्टर 50 लाख रुपये से अधिक का खर्च करती है। इसलिए, राज्य को संयुक्त प्रवेश परीक्षा के माध्यम से मेडिकल छात्रों का चयन करने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए।”
UP Cabinet Meeting: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हुए निवेश करारों को लागू करने और उद्योगों के लिए आसानी से भूमि उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार ने भू-स्वामियों को भागीदार बनाने का निर्णय लिया है। लैंड पूलिंग नीति-2024 के तहत औद्योगिक विकास प्राधिकरण, उद्योगों की स्थापना के लिए जमीन जुटा सकेंगे।
UP Cabinet Meeting: कैबिनेट बैठक में लैंड पूलिंग नीति को हरी झंडी
वहीं, भू-स्वामी से ली गई जमीन का एक हिस्सा उन्हें ‘विकसित भूमि’ के रूप में वापस किया जाएगा, जिसे वे किसी दूसरे के नाम पर हस्तांतरित कर सकेंगे। कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को लैंड पूलिंग नीति से जुड़े प्रस्ताव पर चर्चा के बाद इसे स्थगित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नीति को और अधिक व्यावहारिक बनाने के लिए कुछ संशोधन का सुझाव देते हुए इसे अगली कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत करने को कहा।
गौरतलब है कि लैंड पूलिंग नीति-2024 के तहत औद्योगिक विकास प्राधिकरण, उद्योगों की स्थापना के लिए जमीन जुटा सकेंगे और भू-स्वामी भी औद्योगिक विकास में स्वेच्छा से भागीदार बन पाएंगे। यह नीति ग्रेटर नोएडा, नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र को छोड़कर सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में प्रभावी होगी।
पूलिंग नीति के तहत औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा वह भूमि ली जाएगी जो उसके मास्टर या जोनल प्लान के आसपास होगी, और जिसकी 80 प्रतिशत भूमि भू-स्वामी स्वेच्छा से देने को तैयार होंगे। शेष 20 प्रतिशत भूमि भू-अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता के अधिनियम 2013 के तहत अधिग्रहीत की जाएगी।