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PM Kisan Yojana: आज बड़ी सौगात देंगे प्रधानमंत्री मोदी

PM Kisan Yojana: कांग्रेस ने मंगलवार को PM Modi पर कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी करने से पहले सुर्खियाँ बटोरना उनका उद्देश्य है। कांग्रेस ने कहा कि यह कोई ‘प्रसाद’ नहीं है बल्कि किसानों का कानूनी अधिकार है।

PM Kisan Yojana: जयराम रमेश ने साधा निशाना

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “जैसे ही 9 जून को ‘एक तिहाई प्रधानमंत्री’ ने पदभार संभाला, सुर्खियों में यह बात जोर-शोर से कही जाने लगी कि उन्होंने सबसे पहले प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त से जुड़ी फाइल पर हस्ताक्षर किया।”

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वाराणसी में पीएम किसान सम्मान सम्मेलन में हिस्सा लेंगे मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा करेंगे। यह दौरा तीसरी बार सत्ता संभालने के बाद उनका पहला दौरा होगा। यहां प्रधानमंत्री मोदी पीएम-किसान सम्मान सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और 9.26 करोड़ से अधिक किसानों के लिए 20,000 करोड़ रुपये की किस्त जारी करेंगे। उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने शपथ ग्रहण के बाद सबसे पहले किसान सम्मान निधि से जुड़ी फाइल पर हस्ताक्षर किए थे।

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PM Modi Varanasi Visit: तीसरी बार पीएम बनने के बाद पहली बार काशी आ रहे मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi Varanasi Visit) वाराणसी संसदीय सीट से तीसरी बार सांसद बनने और प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मंगलवार को पहली बार काशी आ रहे हैं। उनके स्वागत में पूरा नगर भगवा झंडों से सज गया है। जगह-जगह ढोल नगाड़े, डमरू दल और शंखनाद के साथ भव्य स्वागत की तैयारी की गई है।

PM Modi Varanasi Visit: काशी आ रहे मोदी

PM Modi दो दिवसीय दौरे पर 18 जून को दोपहर साढ़े तीन बजे काशी पहुंचेंगे। बाबतपुर एयरपोर्ट पर विमान से उतरने के बाद वे हेलीकॉप्टर से मेहंदीगंज हेलीपैड जाएंगे। वहीं कुछ दूरी पर बने मंच से किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) के तहत 9.26 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसानों के खातों में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि 17वीं किस्त के रूप में जारी करेंगे। इसमें वाराणसी के दो लाख 74 हजार 615 किसान भी लाभान्वित होंगे।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री कृषि सखी के रूप में मान्यता प्राप्त 30,000 से अधिक राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े स्वयं सहायता समूहों को भी प्रमाण पत्र जारी करेंगे। इसमें वाराणसी की 212 कृषि सखी शामिल रहेंगी। पीएम मंच से प्रतीकात्मक रूप में पांच कृषि सखियों को प्रमाण पत्र देंगे, जिसमें वाराणसी की एक, मीरजापुर की एक और तीन अन्य प्रदेशों की कृषि सखी शामिल हैं।

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किसान सम्मेलन के बाद PM Modi हेलीकॉप्टर से पुलिस लाइन आएंगे और फिर सड़क मार्ग से दशाश्वमेध घाट जाएंगे, जहां वे गंगा आरती में शामिल होंगे। रात आठ बजे पीएम श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में जाएंगे और विधिवत पूजन-अर्चन करेंगे। इसके बाद सड़क मार्ग से बरेका गेस्ट हाउस पहुंचेंगे और रात्रि विश्राम करेंगे। अगले दिन सुबह आठ बजे बरेका हेलीपैड से बाबतपुर एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे और 9.45 बजे नालंदा (बिहार) के लिए प्रस्थान करेंगे। प्रधानमंत्री 19 जून को राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय परिसर का उद्घाटन करेंगे और सभा को संबोधित करेंगे।

प्रधानमंत्री के स्वागत की भव्य तैयारी

दूसरी तरफ, भाजपा काशी में PM Modi के स्वागत की भव्य तैयारी में जुटी है। तैयारियों को लेकर एमएलसी अश्वनी त्यागी, जिलाध्यक्ष एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, पूर्व विधायक जगदीश पटेल समेत अन्य नेताओं ने बैठक कर कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया। किसान सम्मेलन में अन्नदाता बसों, ट्रैक्टरों और चार पहिया वाहनों से सम्मेलन में भाग लेने पहुंचेंगे। निकटवर्ती क्षेत्रों के किसान ढोल-नगाड़े के साथ पैदल मार्च करते हुए सम्मेलन में पहुंचेंगे।

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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में 4 महीनों में बदल दूंगा सरकार

Maharashtra Politics: लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बाद इंडी गठबंधन के दलों का उत्साह सातवें आसमान पर है। इस गठबंधन ने न केवल भाजपा को बहुमत हासिल करने से रोका, बल्कि खुद 235 सीटें जीतकर एनडीए के लिए भी चुनौती पेश की।

अब विभिन्न राज्यों के राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव में भी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। महाराष्ट्र में भी विपक्षी दलों ने शानदार प्रदर्शन किया और 48 में से 41 सीटों पर जीत हासिल की। अब राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एनसीपी (शरद गुट) प्रमुख शरद पवार ने बड़ा दावा किया है।

Maharashtra Politics: मैं राज्य में सरकार बदल दूंगा: शरद पवार

शरद पवार कई दिनों से महाराष्ट्र में अपनी सरकार आने की बात कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए तैयार रहने का निर्देश देने वाले पवार ने बीते दिन किसानों और ग्रामीणों के साथ बैठक कर फिर से सरकार बदलने की बात कही।

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उन्होंने दावा करते हुए कहा, ‘थोड़ा इंतजार कीजिए, मैं सरकार बदलने वाला हूं, लेकिन किसानों की समस्या के लिए सभी को सड़कों पर उतरना होगा।’

शिंदे सरकार किसानों के लिए कुछ नहीं कर रही

पुरंदर तालुका में किसानों से बातचीत करते हुए शरद पवार ने कहा कि जब तक सरकार नहीं बदलेगी, तब तक किसानों के लिए हम कुछ नहीं कर पाएंगे। पवार ने आगे कहा कि हम जो किसानों के लिए नई नीतियां लाना चाहते हैं, वे सब सरकार बदलने पर ही संभव होंगी। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि शिंदे सरकार किसानों के लिए कुछ करना चाहती है। इसलिए, मैं कुछ महीनों में सरकार बदल दूंगा।

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India Maldives Conflict: मोहम्मद मुइज्जू खड़ा करेंगे नया बवाल?

India Maldives Conflict: हाल ही में (9 जून) मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भारत आए थे। खबरों के मुताबिक, संसदीय समिति ने भारत के साथ किए गए तीन समझौतों की समीक्षा करने का ऐलान किया है। खास बात यह है कि यह ऐलान उस समय किया गया जब मुइज्जू भारत में मौजूद थे।

India Maldives Conflict: क्या हैं ये तीन समझौते?

इन तीन समझौतों में शामिल हैं:

  1. हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण,
  2. भारत की अनुदान सहायता से निर्मित होने वाला उथुरु थिलाफल्हू डॉकयार्ड,
  3. मानवीय, खोज और बचाव कार्यों के लिए मालदीव के रक्षा बलों को भारत द्वारा उपहार में दिए गए डोर्नियर विमान के लिए समझौता।

मालदीव मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय हिताधू निर्वाचन क्षेत्र के सांसद अहमद अजान ने कहा कि आज संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा सेवा समिति ने राष्ट्रपति सोलिह के प्रशासन द्वारा मालदीव की संप्रभुता और स्वतंत्रता को कमजोर करने वाली कार्रवाइयों की जांच करने के लिए संसदीय जांच का फैसला किया है।

उन्होंने आरोप लगाते हुए संसदीय जांच शुरू करने का प्रस्ताव रखा कि पिछली सरकार के कार्यों ने देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता को प्रभावित किया।

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मुइज्जू की सरकार ने पिछले साल घोषणा की थी कि वह मालदीव के जलक्षेत्र में संयुक्त हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण के लिए भारतीय नौसेना के साथ समझौते को नवीनीकृत नहीं करेगी।

राष्ट्रपति मुर्मु से भी मुइज्जू ने की थी मुलाकात

राष्ट्रपति मुर्मु से भी मुइज्जू ने मुलाकात की। उन्होंने रविवार को मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया और सोमवार को राष्ट्रपति मुर्मु से मुलाकात की जिसमें उन्होंने मालदीव को भारत की निरंतर सहायता के लिए आभार व्यक्त किया।

उनके कार्यालय ने बताया कि वह मौजूदा संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए तत्पर हैं।

विवाद तब शुरू हुआ जब तीन उप-मंत्रियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रधानमंत्री मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बारे में पोस्ट के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया, जिसमें उन्होंने द्वीपों की प्राकृतिक सुंदरता और भारतीय पर्यटकों के लिए इसके संभावित आकर्षण का जश्न मनाया। दो पूर्व राष्ट्रपतियों – इब्राहिम सोलिह और मोहम्मद नशीद – ने मंत्रियों की टिप्पणियों की कड़ी निंदा की थी।

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Chirag Paswan: चुनाव के साथ सोशल मीडिया पर भी छाए रहे चिराग पासवान

Chirag Paswan: चुनावी माहौल के बीच लोक जनशक्ति पार्टी के राजनेता चिराग कुमार पासवान (Chirag Kumar Paswan) इन दिनों काफी चर्चा में हैं। रविवार को चिराग कुमार पासवान ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली। चिराग पासवान ने बिहार के जमुई लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की है।

Chirag Paswan: चुनाव के साथ सोशल मीडिया पर भी छाए रहे चिराग पासवान

आज हम चिराग पासवान के बढ़ते फॉलोअर्स के बारे में बताएंगे। चुनावी माहौल में सोशल मीडिया पर चिराग की फैन फॉलोइंग में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स – इंस्टाग्राम (Instagram), फेसबुक (Facebook) और एक्स (X) पर चिराग के फैन्स की संख्या में शानदार तेजी देखी जा रही है। आइए, चिराग पासवान की फैन फॉलोइंग के बारे में जानते हैं।

चिराग पासवान के इंस्टाग्राम प्रोफाइल (Chirag Paswan Insta Profile) के अनुसार, इस साल 26 मई 2024 को पासवान के एक मिलियन फॉलोअर्स पूरे हुए थे। वहीं, 7 जून 2024 को उनके फोलोअर्स की संख्या 2 मिलियन पहुंच गई। पासवान के फोलोअर्स की संख्या में लगातार तेजी देखने को मिल रही है।

अब उनके इंस्टाग्राम पर 2.8 मिलियन फोलोअर्स हो गए हैं। हर दिन उनके सोशल मीडिया फोलोअर्स की संख्या बढ़ रही है। इंस्टाग्राम पर बढ़ रहे फोलोअर्स की जानकारी चिराग ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर खुद दी।

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जहां एक तरफ चिराग पासवान की फैन फॉलोइंग बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ इंस्टाग्राम पर चिराग पासवान केवल 4 लोगों को ही फॉलो करते हैं। वह अर्जुन भारती, नरेंद्र सिंह मोदी, राम विलास पासवान, और अमित शाह को फॉलो करते हैं। चिराग पासवान ने इंस्टाग्राम पर कुल 2,076 पोस्ट्स शेयर किए हैं।

एक्स पर भी छाया चिराग पासवान का जलवा

इंस्टाग्राम के साथ ही एक्स पर भी चिराग पासवान की फैन फॉलोइंग काफी ज्यादा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर चिराग पासवान के 934.7K फॉलोअर्स हैं। पासवान एक्स पर 112 लोगों को फॉलो करते हैं। इसके अलावा, फेसबुक पर चिराग के 788K फॉलोअर्स हैं और वह केवल 3 लोगों को फॉलो करते हैं।

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PM Modi: शपथ लेते ही एक्शन मोड में मोदी, साइन की ये अहम फाइल

PM Modi: प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद, नरेंद्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यभार संभाल लिया। तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद, मोदी ने आज सबसे पहले एक महत्वपूर्ण फाइल पर हस्ताक्षर किए। दरअसल, मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी करने की अपनी पहली फाइल पर हस्ताक्षर किए। इससे 9.3 करोड़ किसानों को लाभ होगा और लगभग 20,000 करोड़ रुपये वितरित किए जाएंगे।

किसानों का हित ही हमारा फोकस है, यह मोदी के अनुसार है। कार्यभार संभालने के बाद, मोदी ने किसान निधि से जुड़ी फाइल पर हस्ताक्षर किए और उन्होंने अपनी सरकार की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता को जताया। मोदी ने कहा कि हमारी सरकार का फोकस किसान कल्याण पर है और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।

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PM Modi: किसानों से जुड़े और नए एलान संभव

मोदी सरकार आने वाले समय में किसानों से जुड़े कई बड़े एलान कर सकती है। प्रधानमंत्री ने आज कहा कि हमारी सरकार किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए यह उचित है कि कार्यभार संभालते ही सबसे पहली फाइल किसान कल्याण से संबंधित हो। हम आने वाले समय में किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए और भी अधिक काम करना चाहते हैं।

लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने मोदी, अब विभाग बंटवारे पर फोकस

बता दें कि Modi ने रविवार को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और आज सुबह ही साउथ ब्लॉक स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचकर कार्यभार संभाला। सरकार गठन के बाद अब मोदी विभागों के बंटवारे पर फोकस कर रहे होंगे। आज ही मोदी कैबिनेट की पहली बैठक होने की संभावना जताई जा रही है।

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लोकसभा चुनाव 2024 राजनीति

Lok Sabha Election 2024: कैसे तीन सीट से तीन अंकों तक पहुंची भाजपा

Lok Sabha Election 2024: BJP की पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ ने पहले लोकसभा चुनाव में तीन सीटें जीती थीं। इनमें से दो बंगाल में और एक राजस्थान में थीं। जनसंघ ने सबसे अधिक 35 सीटें 1967 के चुनाव में हासिल कीं। उस समय दीनदयाल उपाध्याय पार्टी के अध्यक्ष थे।

Lok Sabha Election 2024: सीटों के हिसाब से सबसे बड़ी पार्टी भाजपा

2014 से पहले, BJP के नेतृत्व में राजग 1998 से 2004 तक छह वर्षों तक केंद्र में सत्ता में रहा। इस सरकार का नेतृत्व अटल बिहारी वाजपेयी ने किया। नरेंद्र मोदी की अगुआई में भाजपा ने 2014 और 2019 में अकेले दम पर बहुमत हासिल किया, लेकिन इस बार पार्टी बहुमत से दूर रह गई। हालांकि, भाजपा अब भी सबसे बड़ी पार्टी है।

पहले चुनाव में हिंदू महासभा ने जीती थीं चार सीटें

1977 और 1980 में जनसंघ की सीटें शून्य थीं, क्योंकि इस अवधि में पार्टी ने जनता पार्टी के साथ विलय कर लिया था। हिंदू महासभा ने 1951-52 में हुए लोकसभा चुनाव में चार सीटें जीती थीं।

सबसे पुरानी पार्टी के सामने नई चुनौतियां

लगातार पांच चुनाव जीतने के बाद, कांग्रेस को 1977 में संयुक्त विपक्ष ने सत्ता से बाहर कर दिया। इसके बाद पार्टी को गिरावट के दो चरणों का सामना करना पड़ा। गिरावट का एक लंबा दौर 2014 में शुरू हुआ। हालांकि, पार्टी 2024 के नतीजों को सकारात्मक बदलाव के तौर पर देख सकती है।

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अल्पमत की सरकार में हुआ बड़ा आर्थिक सुधार

1989 में, 197 सीटों और 40 प्रतिशत वोट शेयर के साथ, कांग्रेस को विपक्ष में बैठना पड़ा। 1991 में कांग्रेस सत्ता में लौटी। 1991 की सरकार अल्पमत की सरकार थी, जिसने देश में बड़े आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाया।

2014 में BJP ने की सत्ता में वापसी

1996 के बाद, संयुक्त मोर्चा और राजग गठबंधन ने कांग्रेस को करीब एक दशक तक सत्ता से बाहर रखा। संप्रग का कार्यकाल 10 वर्ष रहा। 2014 में भाजपा ने सत्ता में वापसी की और कांग्रेस इतिहास में सबसे कम सीटों पर सिमट गई।

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लोकसभा चुनाव 2024 राजनीति

Lok Sabha Election 2024: चुनाव में पिता की हार से सदमे में Neha Sharma

Lok Sabha Election 2024: चुनाव में पिता की हार से सदमे में Neha Sharma मंगलवार को घोषित हुए लोकसभा चुनाव (लोकसभा चुनाव 2024) के नतीजों पर पूरे देश की नजर बनी रही। इस चुनाव में कंगना रनौत और अरुण गोविल जैसे कुछ उम्मीदवार मौजूद रहे। बॉलीवुड अभिनेत्री नेहा शर्मा के पिता अजीत शर्मा ने भी यह चुनाव लड़ा। वे कांग्रेस के टिकट पर भागलपुर सीट से मैदान में थे।

Neha Sharma ने पिता की हार पर किया प्रतिक्रिया

नेहा शर्मा के पिता को चुनाव में जेडीयू उम्मीदवार अजय मंडल से हार का सामना करना पड़ा। अपने पिता की हार से दुखी नेहा शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है, जो तेजी से वायरल हो रहा है।

“तुम निडर डरो नहीं”

पिता की हार पर एक्ट्रेस ने नेहा शर्मा ने शायराना अंदाज में पोस्ट किया है। उन्होंने कुछ लाइनें लिखने के साथ ही फैंस को बताया कि वह और उनका परिवार जिंदगी के अगले चैप्टर के लिए तैयार है। एक्ट्रेस ने लिखा “यह हमारे लिए कठिन दिन था, लेकिन हमने अच्छा लड़ा और मैं उन लोगों की आभारी हूं, जिन्होंने मेरे पिता पर यकीन किया और उन्हें वोट दिया। हम अगले पड़ाव के लिए तैयार हैं। सभी याद रखें कि हमारी जीत कभी न हारने में नहीं है, बल्कि हमेशा आगे बढ़ते रहने में है।”

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एक्ट्रेस ने आगे लिखा, ‘सामने पहाड़ हो, सिंह की दहाड़ हो। तुम निडर डरो नहीं, तुम निडर डटो वहीं। वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो! #BhagalpurLoksabha’

Lok Sabha Election 2024: अजीत शर्मा ने कितने वोटों से हारा?

नेहा शर्मा ने भागलपुर लोकसभा सीट पर अपने पिता के लिए खूब प्रचार किया। अजीत शर्मा के सामने खड़े जेडीयू कैंडिडेट को 2 लाख 79 हजार 323 मत प्राप्त हुए थे। जबकि, अजीत शर्मा को 2 लाख 13 हजार 383 वोट मिले थे।

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UP Lok Sabha Chunav Result 2024: फ्लाप कहे गए ‘लड़कों’ का हिट शो

UP Lok Sabha Chunav Result 2024: पूर्वांचल की नौ सीटों पर पिछले दस साल से अजेय भाजपा का किला इस बार हिल गया है। बस्ती, संतकबीरनगर और सलेमपुर की हार से भाजपाई स्तब्ध हैं। महराजगंज और बांसगांव में नजदीकी जीत से भी वे चिंतित हैं। गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर में पिछले चुनावों के मुकाबले तीन गुना कम मतों से मिली विजय भी सोचने पर विवश कर रही है। एक्जिट पोल के विपरीत आए परिणाम से सभी हैरान हैं।

UP Lok Sabha Chunav Result 2024

सपा की आंधी वाराणसी, प्रयागराज और आजमगढ़ मंडल की कई सीटें भले ही उड़ा ले गई हो, लेकिन गोरक्षपीठ के प्रभाव वाले गोरखपुर मंडल में नुकसान कम हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ में भाजपा अपना दुर्ग ढहने से बचाने में कामयाब रही। अब बात करते हैं हारी सीटों की। बस्ती में भाजपा प्रत्याशी हरीश द्विवेदी को लेकर असंतोष, मोदी की जनसभा और योगी की रैलियों के बावजूद, शांत नहीं हो सका। इसका फायदा गठबंधन ने उठाया।

यादव-मुस्लिम समीकरण में कुर्मी नेता राम प्रसाद को उतारकर हरीश को उलझा दिया गया। कुछ ऐसा ही संतकबीरनगर में भी हुआ। भाजपा प्रत्याशी प्रवीण निषाद की क्षेत्र में निष्क्रियता विरोध का कारण बनी। पिछली बार निषाद वोटों की बदौलत जीतने वाले प्रवीण को घेरने के लिए गठबंधन ने स्थानीय प्रत्याशी लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद को उतारकर उनके वोटबैंक में सेंध लगा दी।

सलेमपुर से सांसद रविंदर कुशवाहा के विरुद्ध गठबंधन ने रमाशंकर राजभर को उतारा। बसपा ने भीम राजभर को उतारकर घेराबंदी की, लेकिन रमाशंकर की विजय को रोक नहीं सके। रविंदर से सवर्ण मतदाताओं की नाराजगी भी हार का कारण बनी। रविंदर के समर्थकों के ऑडियो भी उनके विरुद्ध हवा बना गए।

भाजपा की जीती हुई सीटों में सर्वाधिक चर्चा महराजगंज की रही। पिछले चुनाव में 3.40 लाख मतों के भारी अंतर से जीतने वाले पंकज चौधरी को कांग्रेस के वीरेंद्र चौधरी ने मतगणना के पहले चरण से ही चुनौती दी, जो अंत तक बनी रही। 35 हजार वोटों से जीतने वाले पंकज की चौधराहट भले बरकरार रही, लेकिन वीरेंद्र ने किला हिला दिया।

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गोरक्षपीठ के प्रभाव वाली बांसगांव सीट से तीन बार के सांसद कमलेश पासवान को जनता की नाराजगी के कारण जीत के लिए अंत तक संघर्ष करना पड़ा। कांग्रेस प्रत्याशी सदल प्रसाद ने उन्हें कांटे की टक्कर दी। देवरिया में स्थानीय ब्राह्मण प्रत्याशी शशांक मणि को टिकट देकर सुरक्षित मान रही भाजपा कांग्रेस प्रत्याशी अखिलेश सिंह की चुनौती में फंसती नजर आई।

भाजपा ने 34 हजार मतों से जीत भले दर्ज की हो, लेकिन उम्मीद के मुताबिक विजय नहीं मिली। जातीय घेराबंदी के बावजूद गोरक्षपीठ की परंपरागत गोरखपुर सीट पर रवि किशन शुक्ल ने आसान जीत दर्ज की। अंतर जरूर कम हुआ, लेकिन एक लाख मतों से जीतने वाले वह इकलौते प्रत्याशी बने।

कुशीनगर में भाजपा के विजय दुबे भी सम्मानजनक अंतर से जीते। सारथी आरपीएन बने। कुर्मी मतों को सहेजकर उन्होंने यह साबित कर दिया कि वह पूर्वांचल में कुर्मियों के प्रभावशाली नेता हैं।

डुमरियागंज के सांसद जगदंबिका पाल सबसे बड़े लड़ैया बनकर उभरे। मुस्लिम बहुल सीट पर सपा प्रत्याशी भीष्म शंकर तिवारी के पक्ष में बनी हवा को धता बताते हुए पाल ने चौथी बार जीत दर्ज की। उन्होंने पार्टी के उन नेताओं को चुप करा दिया जो उम्र के आधार पर टिकट को लेकर सवाल उठा रहे थे।

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Delhi Election Results: दिल्ली की राजनीति बदलेगा यह परिणाम

Delhi Election Results: दिल्ली में बीजेपी ने लगभग 54 प्रतिशत से अधिक वोट लेकर फिर साबित कर दिया है कि राजधानी में उसका मजबूत जनाधार है। यह चुनाव परिणाम दिल्ली की भविष्य की राजनीति भी तय करेगा, क्योंकि आप और कांग्रेस इस समय आंतरिक कलह से जूझ रहे हैं। वहीं, इन दोनों पार्टियों के गठबंधन को परास्त करने से भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है। अगले कुछ महीनों में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव पर इस बदले हुए राजनीतिक वातावरण का प्रभाव भी देखने को मिलेगा।

Delhi Election Results: दिल्ली में भाजपा को मिले 54.35 प्रतिशत वोट

इस लोकसभा चुनाव में दिल्ली में भाजपा को 54.35 प्रतिशत वोट मिले, जो पिछले चुनाव की तुलना में करीब ढाई प्रतिशत कम है। नई दिल्ली से दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज, चांदनी चौक से व्यापारी नेता प्रवीण खंडेलवाल, और पूर्वी दिल्ली से भाजपा प्रत्याशी हर्ष मल्होत्रा ने एक लाख से कम मतों से जीत हासिल की। अन्य प्रत्याशी बड़े अंतर से चुनाव जीते।

2019 के चुनाव में भाजपा को मिले थे 56.85 प्रतिशत वोट

नई दिल्ली से बांसुरी स्वराज ने आप प्रत्याशी सोमनाथ भारती को दिल्ली में सबसे कम 78,370 मतों से हराया, जबकि उत्तर पश्चिमी दिल्ली से योगेंद्र चांदोलिया ने कांग्रेस प्रत्याशी उदित राज को सर्वाधिक दो लाख 90 हजार 849 मतों से पराजित किया। वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा को 56.85 प्रतिशत वोट मिले थे। तब कांग्रेस और आप अलग-अलग चुनाव लड़ रहे थे।

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मनोज तिवारी ने शीला दीक्षित को दी थी शिकस्त

उस समय भाजपा ने दो लोकसभा सीटों पर साढ़े पांच लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज की थी। उस चुनाव में उत्तर पूर्वी दिल्ली से भाजपा प्रत्याशी मनोज तिवारी ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को तीन लाख 66 हजार से अधिक मतों से पराजित किया था। इस बार तिवारी ने कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार को एक लाख 38 हजार 778 वोटों से हराकर जीत की हैट-ट्रिक लगाई। मनोज तिवारी इस बार एकमात्र सांसद थे, जिन्हें पार्टी ने दिल्ली में फिर से टिकट दिया था।

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