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Lok Sabha Election 2024: कैसे तीन सीट से तीन अंकों तक पहुंची भाजपा

Lok Sabha Election 2024: BJP की पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ ने पहले लोकसभा चुनाव में तीन सीटें जीती थीं। इनमें से दो बंगाल में और एक राजस्थान में थीं। जनसंघ ने सबसे अधिक 35 सीटें 1967 के चुनाव में हासिल कीं। उस समय दीनदयाल उपाध्याय पार्टी के अध्यक्ष थे।

Lok Sabha Election 2024: सीटों के हिसाब से सबसे बड़ी पार्टी भाजपा

2014 से पहले, BJP के नेतृत्व में राजग 1998 से 2004 तक छह वर्षों तक केंद्र में सत्ता में रहा। इस सरकार का नेतृत्व अटल बिहारी वाजपेयी ने किया। नरेंद्र मोदी की अगुआई में भाजपा ने 2014 और 2019 में अकेले दम पर बहुमत हासिल किया, लेकिन इस बार पार्टी बहुमत से दूर रह गई। हालांकि, भाजपा अब भी सबसे बड़ी पार्टी है।

पहले चुनाव में हिंदू महासभा ने जीती थीं चार सीटें

1977 और 1980 में जनसंघ की सीटें शून्य थीं, क्योंकि इस अवधि में पार्टी ने जनता पार्टी के साथ विलय कर लिया था। हिंदू महासभा ने 1951-52 में हुए लोकसभा चुनाव में चार सीटें जीती थीं।

सबसे पुरानी पार्टी के सामने नई चुनौतियां

लगातार पांच चुनाव जीतने के बाद, कांग्रेस को 1977 में संयुक्त विपक्ष ने सत्ता से बाहर कर दिया। इसके बाद पार्टी को गिरावट के दो चरणों का सामना करना पड़ा। गिरावट का एक लंबा दौर 2014 में शुरू हुआ। हालांकि, पार्टी 2024 के नतीजों को सकारात्मक बदलाव के तौर पर देख सकती है।

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अल्पमत की सरकार में हुआ बड़ा आर्थिक सुधार

1989 में, 197 सीटों और 40 प्रतिशत वोट शेयर के साथ, कांग्रेस को विपक्ष में बैठना पड़ा। 1991 में कांग्रेस सत्ता में लौटी। 1991 की सरकार अल्पमत की सरकार थी, जिसने देश में बड़े आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाया।

2014 में BJP ने की सत्ता में वापसी

1996 के बाद, संयुक्त मोर्चा और राजग गठबंधन ने कांग्रेस को करीब एक दशक तक सत्ता से बाहर रखा। संप्रग का कार्यकाल 10 वर्ष रहा। 2014 में भाजपा ने सत्ता में वापसी की और कांग्रेस इतिहास में सबसे कम सीटों पर सिमट गई।

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Lok Sabha Election 2024: चुनाव में पिता की हार से सदमे में Neha Sharma

Lok Sabha Election 2024: चुनाव में पिता की हार से सदमे में Neha Sharma मंगलवार को घोषित हुए लोकसभा चुनाव (लोकसभा चुनाव 2024) के नतीजों पर पूरे देश की नजर बनी रही। इस चुनाव में कंगना रनौत और अरुण गोविल जैसे कुछ उम्मीदवार मौजूद रहे। बॉलीवुड अभिनेत्री नेहा शर्मा के पिता अजीत शर्मा ने भी यह चुनाव लड़ा। वे कांग्रेस के टिकट पर भागलपुर सीट से मैदान में थे।

Neha Sharma ने पिता की हार पर किया प्रतिक्रिया

नेहा शर्मा के पिता को चुनाव में जेडीयू उम्मीदवार अजय मंडल से हार का सामना करना पड़ा। अपने पिता की हार से दुखी नेहा शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है, जो तेजी से वायरल हो रहा है।

“तुम निडर डरो नहीं”

पिता की हार पर एक्ट्रेस ने नेहा शर्मा ने शायराना अंदाज में पोस्ट किया है। उन्होंने कुछ लाइनें लिखने के साथ ही फैंस को बताया कि वह और उनका परिवार जिंदगी के अगले चैप्टर के लिए तैयार है। एक्ट्रेस ने लिखा “यह हमारे लिए कठिन दिन था, लेकिन हमने अच्छा लड़ा और मैं उन लोगों की आभारी हूं, जिन्होंने मेरे पिता पर यकीन किया और उन्हें वोट दिया। हम अगले पड़ाव के लिए तैयार हैं। सभी याद रखें कि हमारी जीत कभी न हारने में नहीं है, बल्कि हमेशा आगे बढ़ते रहने में है।”

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एक्ट्रेस ने आगे लिखा, ‘सामने पहाड़ हो, सिंह की दहाड़ हो। तुम निडर डरो नहीं, तुम निडर डटो वहीं। वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो! #BhagalpurLoksabha’

Lok Sabha Election 2024: अजीत शर्मा ने कितने वोटों से हारा?

नेहा शर्मा ने भागलपुर लोकसभा सीट पर अपने पिता के लिए खूब प्रचार किया। अजीत शर्मा के सामने खड़े जेडीयू कैंडिडेट को 2 लाख 79 हजार 323 मत प्राप्त हुए थे। जबकि, अजीत शर्मा को 2 लाख 13 हजार 383 वोट मिले थे।

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Lok Sabha Election Result: मैनपुरी में सपा की डिंपल यादव ने बनाई बड़ी बढ़त

Lok Sabha Election Result: यूपी की सबसे बड़ी हॉट सीट माने जाने वाली मैनपुरी में एक बार फिर भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गई है। भाजपा के प्रत्याशी जयवीर सिंह यहां से चुनाव मैदान में हैं। क्या इस बार सपा अपना कब्जा बरकरार रखेगी या भाजपा नया इतिहास रचने में सफल होगी? इस बार भी डिंपल यादव यह सीट जीतकर फिर से इतिहास बनाएंगी, इसका फैसला बस कुछ ही देर में हो जाएगा। पोस्टल बैलेट की गिनती में डिंपल यादव आगे चल रही हैं। मैनपुरी में डिंपल यादव पहले राउंड में 8,034 वोटों से आगे चल रही हैं।

Lok Sabha Election Result: भाजपा के जयवीर सिंह पीछे

उपचुनाव में डिंपल यादव ने मैनपुरी सीट जीती थी। सपा से सांसद डिंपल यादव उम्मीदवार थीं और वर्ष 2022 में मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हुए उपचुनाव में सांसद बनी थीं। भाजपा ने स्थानीय विधायक और पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह को उम्मीदवार बनाया था, जबकि बसपा ने पूर्व विधायक शिवप्रसाद यादव को मैदान में उतारा था।

इनके अलावा पांच अन्य प्रत्याशी भी चुनाव में थे। चुनाव में सपा, भाजपा और बसपा, तीनों दलों ने प्रचार के लिए पूरी ताकत झोंकी थी। बड़े नेताओं के दौरे और सभाओं का भी क्रम जारी रहा था। पिछले उपचुनाव में डिंपल यादव 2.88 लाख वोटों के बड़े अंतर से जीती थीं।

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मैनपुरी में खूब वोट पड़े। इस बार 58.60 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि 2022 के उपचुनाव में 54.75 प्रतिशत और 2019 के लोकसभा चुनाव में 56.67 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबर्दस्त गर्मी के बावजूद सुबह से ही मतदाताओं में उत्साह नजर आया।

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Himachal Lok Sabha Election 2024: मतदान से पहले सुरक्षा व्‍यवस्‍था चाक चौबंद

Himachal Lok Sabha Election 2024: Lok Sabha चुनावों के लिए कल यानी 1 जून को होने वाले मतदान के मद्देनजर, पुलिस ने चंबा की सीमाओं सहित अन्य स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। सुरक्षा के लिहाज से, जिला चंबा की अन्य राज्यों के साथ लगती सीमाएं और कुछ अन्य क्षेत्र अति संवेदनशील हैं। इसलिए, मतदान से पहले पुलिस ने जम्मू-कश्मीर और Himachal को जोड़ने वाले सेवा नदी पर बने पुल से लेकर खैरी के चूहन सिंधारा, खुंडी मराल और लंगेरा से होकर चुराह घाटी की सीमाएं पूरी तरह से सील कर दी हैं।

Himachal Lok Sabha Election 2024: पंजाब से लगती सीमाओं पर भी कड़ी नजर

खैरी सेक्टर के साथ-साथ पंजाब से लगती सीमाओं पर भी हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है। मतदान से पहले, जिले के हर क्षेत्र में चौकसी बढ़ाते हुए दिन-रात पेट्रोलिंग की जा रही है। पड़ोसी राज्यों से जिले में प्रवेश करने वाले वाहनों की गहन चेकिंग और निगरानी के साथ ही एंट्री दी जा रही है।

पड़ोसी राज्यों से होकर गुजरने वाली बसों और निजी वाहनों की भी जांच की जा रही है, साथ ही गाड़ियों में रखे सामान की प्रमुखता से जांच की जा रही है ताकि शांत प्रदेश में संदिग्ध गतिविधियों से किसी तरह की अशांति न फैल सके और चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके। उधर, मिलिट्री फोर्स के जवान भी सुरक्षा के मद्देनजर विभिन्न स्थानों पर नजर बनाए हुए हैं।

आतंकी घटनाओं से अछूता नहीं है चंबा

1993 में चंबा के किहार क्षेत्र के गांव जलाड़ी में घटी आतंकी घटना ने सबको भयभीत कर दिया था। आतंकवादी एक घर में घुसकर दो लोगों को गोली मारकर भाग निकले थे। सलूणी के लंगेरा क्षेत्र में, जम्मू के साथ लगते पधरी जोत से दो चरवाहों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद, चंबा पुलिस ने दो आतंकवादियों को मार गिराया था। 1995 में मनसा धार में आतंकियों ने दो पुलिस जवानों को गोली मारकर हत्या कर दी थी। 1996 में आतंकवादियों ने किहार सेक्टर में दो भेड़पालकों को लूट लिया था।

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आतंकियों ने दिल दहला देने वाली घटनाओं को अंजाम दिया था।

1998 में चुराह के कालाबन में आतंकियों ने दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम दिया था। चंबा-पांगी सड़क मार्ग के कार्य में लगे निर्दोष मजदूर, जो अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए काम कर रहे थे, कार्य से लौटकर अपने टेंट में चुराह (कालाबन सतरूंडी) में आराम कर रहे थे। उसी वक्त जम्मू-कश्मीर की सीमा पार कर आतंकी कालाबन पहुंच गए और आराम कर रहे 35 मजदूरों को मौत के घाट उतार दिया।

यह घटना 3 अगस्त 1998 की है। बताया जाता है कि पहले आतंकियों ने मजदूरों को एक लाइन में खड़ा किया और उनके हाथ बांध दिए। फिर एक-एक करके सभी पर गोलियां बरसाईं। इसके अलावा लंगेरा, पांगी, खैरी और तीसा क्षेत्रों में भी इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं।

जिले में लगभग 20 मतदान केंद्र अति संवेदनशील हैं

जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों में कुल 631 मतदान केंद्र हैं। इनमें से 20 अति संवेदनशील हैं। इसके अलावा 611 सामान्य मतदान केंद्र हैं। इनमें 593 केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में और 28 केंद्र शहरी क्षेत्रों में बनाए गए हैं। इन केंद्रों में चार लाख से अधिक मतदाता हैं, जो दो संसदीय क्षेत्रों के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे।

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Lok Sabha Election 2024: क्या जातीय समीकरण में फंसी अनुप्रिया पटेल की सीट

Lok Sabha Election 2024: मां विंध्यवासिनी देवी के प्राचीन मंदिर से महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन स्थल माने जाने वाले विंध्य क्षेत्र के मिर्जापुर में कई सवाल हैं, और इन्हीं सवालों पर चुनावी गणित भी निर्भर करता है। उदाहरण के लिए बड़ा सवाल यही है कि ब्राह्मण किस ओर जाएगा? भाजपा के प्रति उनका लगाव रहा है, लेकिन बसपा ने ब्राह्मण उम्मीदवार उतारा है। मिर्जापुर के मुहकोचवा चौराहे पर मिले लवकुश मालवीय कहते हैं, ‘कोई फर्क नहीं पड़ना है, ब्राह्मण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही रहेंगे। अलग बात यह है कि लड़ाई त्रिकोणीय हो सकती है।’

दूसरा सवाल यह है कि संविधान बदलने का मुद्दा कितना गहराई तक पहुंचा है? जवाब देवरी कलां के सुरेन्द्र कोल से मिलता है – पहले हम सब बसपा और फिर भाजपा के साथ थे। इस बार भाजपा को वोट देकर उन्हें संविधान बदलने का मौका ही नहीं देंगे। यानी कि यह मुद्दा बसपा के कोर वोट बैंक तक असर कर रहा है।

Lok Sabha Election 2024: लीड घटेगी लेकिन…

मड़िहान के राजगढ़ बाजार में दवा कारोबारी अजय कुमार को लगता है कि लीड घटेगी, लेकिन अनुप्रिया पटेल जीतेंगी। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल मीरजापुर लोकसभा सीट से हैट्रिक लगाने को चुनावी रण में पसीना बहा रही हैं। एनडीए में भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) से चुनाव लड़ रहीं अनुप्रिया को टक्कर देने के लिए आईएनडीआईए में शामिल सपा ने भदोही से भाजपा सांसद रमेश चंद्र बिंद को टिकट दिया है।

यह है मीरजापुर का जातीय समीकरण

मनीष त्रिपाठी पर दांव लगाकर बसपा भी मैदान में है। तकरीबन 19 लाख मतदाताओं वाली मीरजापुर Lok Sabha सीट के जातीय समीकरण देखे जाएं तो यहां लगभग 22 प्रतिशत वंचित समाज के अलावा पिछड़े वर्ग में कुर्मी-पटेल बिरादरी का दबदबा है। बिंद, मल्लाह, मौर्य की आबादी भी ठीकठाक है। राजभर, यादव, कुशवाहा, विश्वकर्मा, चौरसिया, बारी आदि जातियां भी चुनावी नतीजों पर कुछ हद तक असर डालती हैं। सवर्णों में सर्वाधिक ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्यों की संख्या है।

किस ओर है ब्राह्मणों का झुकाव?

मुस्लिम आबादी लगभग आठ प्रतिशत है। मीरजापुर की मझवां सीट से तीन बार बसपा से विधायक रहे सपा प्रत्याशी रमेश बिंद के साथ बिंद बिरादरी तो है ही, क्षेत्रवासियों के लिए जाना-पहचाना चेहरा होने से वंचित व अन्य पिछड़ी जातियों में भी उनका प्रभाव है।

सपा से होने के कारण मुस्लिम-यादव भी उन्हीं के साथ दिखाई देते हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी चुनावी सभा कर रहे हैं। ब्राह्मण प्रत्याशी पर दांव लगाने से क्षेत्र के ब्राह्मणों का कुछ हद तक बसपा की ओर झुकाव दिखाई देता है, लेकिन ज्यादातर मोदी-योगी के साथ ही हैं।

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पल्लवी ने दौलत सिंह पटेल को उतारा

बसपा के कोर वोट वंचित समाज के साथ ब्राह्मणों के दम पर जीत के लिए बसपा प्रमुख मायावती यहां चुनावी सभा कर चुकी हैं। अनुप्रिया की विधायक बहन पल्लवी पटेल ने अपना दल (कमेरावादी) से दौलत सिंह पटेल को मैदान में उतारा है। दौलत सिंह, पटेल वोटों में कुछ हद तक सेंध लगा सकते हैं। हालांकि, पिछले 10 वर्षों के दौरान मोदी-योगी सरकार द्वारा क्षेत्र में कराए गए काम के साथ अनुप्रिया की सक्रियता से लोग कम प्रभावित नहीं हैं।

विकास कार्यों का दिख रहा प्रभाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित मुख्यमंत्री, मंत्री व भाजपा के दूसरे नेता अनुप्रिया के लिए खूब प्रचार कर रहे हैं। मां विंध्यवासिनी कॉरिडोर से लेकर मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय, गंगा पुल, हाईवे, हर-घर नल, मुफ्त राशन, प्रधानमंत्री आवास आदि का क्षेत्रवासियों पर प्रभाव देखने को मिल रहा है। जो अनुप्रिया से खुश नहीं हैं वे भी मोदी के लिए ‘कप-प्लेट’ का बटन दबाने की बात कह रहे हैं। इस बार ललितेश के यहां से चुनाव न लड़ने से ब्राह्मणों के वोटों का बड़ा हिस्सा भी भाजपा को मिलने की उम्मीद है।

कहीं दिखी नाराजगी तो कहीं लोग संतुष्ट

कांग्रेस से विधायक रहे ललितेश इस बार टीएमसी के टिकट पर भदोही से चुनाव लड़ रहे हैं। चुनार के डंवक बबुरी के मुन्ना पटेल, गंगा सरन मौर्य व बोदल सिंह कहते हैं कि उनके विधायक नहीं दिखाई देते हैं, लेकिन अनुप्रिया ने काम किया है, इसलिए कोई दिक्कत नहीं है। दरवान के नागेश्वर नाराजगी जताते हुए कहते हैं कि पहले तो जानवरों से धान बचाना मुश्किल है और फिर नहर में पानी न आने से फसल सूख जाती है।

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Lok Sabha Election 2024: गजब है ये प्रत्याशी! पंजाब में लड़ रहे चुनाव, कनाडा से प्रचार

Lok Sabha Election 2024: Lok Sabha Election के मैदान में उतरे नेताओं में एक प्रत्याशी ऐसे भी हैं जो चुनाव तो बठिंडा से लड़ रहे हैं, लेकिन प्रचार कनाडा में बैठकर कर रहे हैं। बठिंडा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे गुरबरन सिंह इस समय कनाडा के एडमिंटन शहर में हैं। जिला मानसा के गांव मोहर सिंह वाला के रहने वाले गुरबरन पिछले 14 साल से कनाडा में रह रहे हैं और वे केवल नामांकन दाखिल करने के लिए यहां आए थे और फिर वापस चले गए।

Lok Sabha Election 2024:

इंटरनेट मीडिया पर चल रहा प्रचार अभियान

गुरबरन सिंह ने चुनाव प्रचार के लिए इंटरनेट मीडिया को अपना हथियार बनाया है। वे कनाडा से व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए अपनी बात लोगों तक पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा, बठिंडा और मानसा में रह रहे उनके दोस्त टीमें बनाकर रोजाना अलग-अलग इलाकों में लोगों तक पहुंच रहे हैं। उनके द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों को लेकर पोस्टर भी लगाए जा रहे हैं।

‘मानसा विकास में काफी पीछे’

गुरबरन सिंह बताते हैं कि जब भी वे कनाडा से पंजाब आते हैं तो देखते हैं कि अन्य जिलों में तो काफी विकास हुआ है, लेकिन मानसा इसमें काफी पीछे रह गया है। उनका कहना है कि समय-समय पर बनने वाली सरकारों ने विकास के वादे और दावे तो बहुत किए, लेकिन जमीनी हकीकत में कुछ नहीं दिखता।

चुनाव लड़ने का मकसद लोगों को जागरूक करना

गुरबरन कहते हैं कि उनका मुकाबला किसी प्रत्याशी से नहीं है। चुनाव लड़ रहे अन्य राजनीतिक दलों के प्रत्याशी लोगों को मुद्दों से भटकाने का काम करते हैं। उनका चुनाव लड़ने का मकसद लोगों को जागरूक करना है। इसीलिए उन्होंने माचिस और तीली को चुनाव चिन्ह चुना है। माचिस को ऊर्जा का स्रोत माना जाता है, जिससे भविष्य उज्ज्वल होगा और तरक्की का रास्ता रोशन होगा।

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उत्तर प्रदेश व बिहार से आए लोगों के हक में बात

गुरबरन सिंह उत्तर प्रदेश और बिहार से आए लोगों के हक में बात करते हैं। वे कहते हैं कि कई प्रत्याशी चुनाव में दूसरे राज्यों से आए लोगों के बारे में बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। ये लोग पंजाब में मेहनत-मजदूरी कर अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं।

कई लोग रेहड़ी लगा रहे हैं और कई रिक्शा चला रहे हैं। कई उम्मीदवार इसे ही नौकरी मान रहे हैं, तो ऐसे नेताओं से क्या उम्मीद की जा सकती है। अगर ऐसा उम्मीदवार जीत भी गया, तो वह संसद में ऐसे मुद्दे उठाकर पंजाब के सम्मान को धूमिल करेगा।

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Lok Sabha Election 2024: बहुमत नहीं मिला तो क्या करेगी भाजपा? Amit Shah का प्लान B

Lok Sabha Election 2024: भाजपा इस लोकसभा चुनाव में ‘अबकी बार, 400 पार’ के नारे के साथ मैदान में उतरी है और बड़े आत्मविश्वास के साथ बड़ी जीत की उम्मीद कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पार्टी के सभी प्रमुख नेता एनडीए के 400 से अधिक और अकेले भाजपा के 370 सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं।

Lok Sabha Election 2024: बहुमत नहीं मिला तो क्या करेगी भाजपा?

जब केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah से पूछा गया कि अगर भाजपा बहुमत का आंकड़ा नहीं जुटा पाती है तो पार्टी का प्लान बी क्या होगा, तो उन्होंने एक दिलचस्प जवाब दिया। हाल ही में उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को एक इंटरव्यू दिया। इस इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि ‘क्या बीजेपी के पास बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंचने की स्थिति में कोई प्लान बी है?’

Amit Shah का जवाब

Amit Shah ने इस सवाल के जवाब में कहा कि प्लान बी बनाने की जरूरत तब होती है, जब प्लान ए के सफल होने की संभावना 60% से कम हो। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि प्रधानमंत्री मोदी प्रचंड बहुमत के साथ फिर से सत्ता में आएंगे।

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बहुमत के दुरुपयोग का आरोप

विपक्ष के नेता लगातार रैलियों में आरोप लगाते रहे हैं कि अगर एनडीए 400 से ज्यादा सीटें जीत गई तो वह संविधान में बदलाव करेगी। जब अमित शाह से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि हमारे पास पिछले 10 वर्षों से संविधान बदलने के लिए बहुमत था, लेकिन हमने ऐसा कभी नहीं किया।

आम आदमी पार्टी पर साधा निशाना

अमित शाह ने कहा कि बहुमत का दुरुपयोग हमारी पार्टी का इतिहास नहीं है, बल्कि इंदिरा गांधी के समय कांग्रेस पार्टी ने इसका दुरुपयोग किया था। इसके अलावा, दिल्ली में शराब घोटाले को लेकर उन्होंने एक बार फिर आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल जहां भी जाएंगे, लोग शराब घोटाले को याद रखेंगे। कई लोगों को तो बड़ी बोतलें ही नजर आएंगी।

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Lok Sabha Election 2024: चेन्नई में थलाइवा रजनीकांत ने डाला वोट

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव आरंभ हो चुका है। सभी राजनीतिक दल अपनी किस्मत आजमाने के लिए सियासी मैदान में उतर चुके हैं। 19 अप्रैल से लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। शुक्रवार को पहले चरण के लिए वोटिंग की जा रही है। इस दौरान आम जनता के साथ-साथ फिल्मी सितारे भी पोलिंग बूथ के बाहर नजर आ रहे हैं।

लोकसभा के पहले चरण, अर्थात शुक्रवार को, देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कुल 102 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होगी। इनमें तमिल नाडु का नाम भी शामिल है, जहां से तीन सुपरस्टार का वीडियो सामने आया है।

Lok Sabha Election 2024: चेन्नई में थलाइवा रजनीकांत ने डाला वोट

तमिल एक्टर अजीत कुमार सुबह जल्दी वोट डालने पहुंचे। उनका वीडियो थिरुवान्मियूर के पोलिंग बूथ से सामने आया है। कड़ी सुरक्षा के बीच, अजीत कुमार फर्स्ट फेज में अपना वोट डालने पहुंचे।

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अजीत कुमार के बाद थलाइवा रजनीकांत का वीडियो भी सामने आया। अभिनेता ने चेन्नई में वोट किया। वोटिंग स्टेशन से बाहर आने के बाद, उन्होंने मीडिया के सामने पोज भी किया और अपने हाथ पर लगी स्याही का निशान दिखाया। मीडिया से बातचीत के दौरान, उन्होंने लोगों से वोट डालने की अपील की।

तमिल एक्टर सिवाकार्तिकेयन भी वोट डालने के लिए पोलिंग स्टेशन पर पहुंचे। रजनीकांत की तरह, उन्होंने भी मीडिया के सामने फैंस से वोट डालने की अपील की।

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