Delhi Election Results: दिल्ली में बीजेपी ने लगभग 54 प्रतिशत से अधिक वोट लेकर फिर साबित कर दिया है कि राजधानी में उसका मजबूत जनाधार है। यह चुनाव परिणाम दिल्ली की भविष्य की राजनीति भी तय करेगा, क्योंकि आप और कांग्रेस इस समय आंतरिक कलह से जूझ रहे हैं। वहीं, इन दोनों पार्टियों के गठबंधन को परास्त करने से भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है। अगले कुछ महीनों में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव पर इस बदले हुए राजनीतिक वातावरण का प्रभाव भी देखने को मिलेगा।
Delhi Election Results: दिल्ली में भाजपा को मिले 54.35 प्रतिशत वोट
इस लोकसभा चुनाव में दिल्ली में भाजपा को 54.35 प्रतिशत वोट मिले, जो पिछले चुनाव की तुलना में करीब ढाई प्रतिशत कम है। नई दिल्ली से दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज, चांदनी चौक से व्यापारी नेता प्रवीण खंडेलवाल, और पूर्वी दिल्ली से भाजपा प्रत्याशी हर्ष मल्होत्रा ने एक लाख से कम मतों से जीत हासिल की। अन्य प्रत्याशी बड़े अंतर से चुनाव जीते।
2019 के चुनाव में भाजपा को मिले थे 56.85 प्रतिशत वोट
नई दिल्ली से बांसुरी स्वराज ने आप प्रत्याशी सोमनाथ भारती को दिल्ली में सबसे कम 78,370 मतों से हराया, जबकि उत्तर पश्चिमी दिल्ली से योगेंद्र चांदोलिया ने कांग्रेस प्रत्याशी उदित राज को सर्वाधिक दो लाख 90 हजार 849 मतों से पराजित किया। वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा को 56.85 प्रतिशत वोट मिले थे। तब कांग्रेस और आप अलग-अलग चुनाव लड़ रहे थे।
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मनोज तिवारी ने शीला दीक्षित को दी थी शिकस्त
उस समय भाजपा ने दो लोकसभा सीटों पर साढ़े पांच लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज की थी। उस चुनाव में उत्तर पूर्वी दिल्ली से भाजपा प्रत्याशी मनोज तिवारी ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को तीन लाख 66 हजार से अधिक मतों से पराजित किया था। इस बार तिवारी ने कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार को एक लाख 38 हजार 778 वोटों से हराकर जीत की हैट-ट्रिक लगाई। मनोज तिवारी इस बार एकमात्र सांसद थे, जिन्हें पार्टी ने दिल्ली में फिर से टिकट दिया था।
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