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Jaipur: राजस्थान में सबसे कम मतदाताओं वाली इस सीट पर पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह भी चुनाव लड़ चुके हैं.

जयपुर / किशनपोल: राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर की किशनपोल विधानसभा सीट एक ऐसी सीट है जहां राजस्थान के बहुत कम मतदाता हैं। इस विधानसभा सीट पर सिर्फ केवल 1 लाख 91 हजार 564 मतदाता हैं। यहां महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख से भी कम हैं। हैरानी की बात ये है कि बाकि विधानसभा सीटों पर हर बार मतदाताओं की संख्या अधिक रहती है लेकिन किशनपोल क्षेत्र में इस बार मतदाताओं की संख्या में डाउनफॉल है। पिछली बार की तुलना में इस बार 6 हजार से भी मतदाता कम हुए है।

पिछली बार 30 प्रत्याशी उतरे थे चुनाव मैदान में

किशनपोल विधानसभा सीट प्रदेश की सबसे छोटी विधानसभा सीट है लेकिन राजनीति में अपनी किस्मत आजमाने वालों की संख्या काफी ज्यादा है। वर्ष 2018 के विधानसभा में कुल 30 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था। इनमें कांग्रेस के अमीन कागजी, बीजेपी के मोहनलाल गुप्ता, आप पार्टी के संदीप बागड़ा, सीपीआई के संजीव वर्मा, भारत वाहिनी पार्टी विष्णु जायसवाल, एनपीईपी से चारू गुप्ता, भारतीय जनक्रांति दल से नीता माथुर, दलित शोषित पिछड़ा वर्ग अधिकार दल से सुनील कुमार, जागो पार्टी से नमन शर्मा के साथ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भारत शर्मा, मोहम्मद उमर, कृष्ण कुमार महर्षि, मोहम्मद जहांगीर, आजम अली खान, मोहम्मद अफरोज, आबिद हुसैन, गौरव जैन, नरेश जायसवाल, पवन, अलीमुद्दीन, रफीक भाटी, हरीश बारी, फजल अहमद, राकेश पारीक, मुकेश कुमार शर्मा, शंकर लाल टिक्कीवाल, भागचंद और मंजू खान शामिल हैं। रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़

हिन्दुओं के लिए चर्चित रहा क्षेत्र

किशनपोल विधानसभा क्षेत्र पिछले कुछ सालों से हिंदुओं के कारण चर्चा में रहा है. कुछ महीने पहले कई परिवारों के अपने घर बेचकर दूसरे इलाकों में चले जाने की खबरें मीडिया मेंवायरल हुई थीं. इस बीच ये भी गंभीर आरोप लगे कि लोग एक खास पार्टी से परेशान होकर अपने घर बेच रहे हैं. हालांकि, मकान बेचने वाले लोगों ने निजी कारणों का हवाला देते हुए कहा कि वे अपनी मर्जी से यानी बिना किसी दबाव के मकान बेच रहे हैं.

भैरोंसिंह शेखावत दो बार चुने जा चुके विधाय

जयपुर की फेमस किशनपोल विधानसभा सीट से पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत भी दो बार विधायक रह चुके हैं। पहली बार वर्ष 1962 और दूसरी बार वर्ष 1967 में शेखावत ने किशनपोल से चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। वर्ष 1985 के बाद हुए 8 विधानसभा चुनावों में 6 बार भाजपा और 2 बार कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की। वर्ष 1985 में बीजेपी के गिरधारी लाल भार्गव, 1990 में बीजेपी के रामेश्वर भारद्वाज, 1993 में बीजेपी के रामेश्वर भारद्वाज, 1998 में कांग्रेस के महेश जोशी, 2003 में बीजेपी के मोहनलाल गुप्ता, 2008 में बीजेपी के मोहनलाल गुप्ता, 2013 में बीजेपी के मोहन लाल गुप्ता और वर्ष 2018 में कांग्रेस के अमीन कागजी ने चुनाव जीता। किशनपोल सीट से जीतने वाले अमीन कागजी पहले मुस्लिम नेता हैं।

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