symptoms of epilepsy: मिर्गी मस्तिष्क से संबंधित एक बीमारी है जिसमें रोगी को दौरे पड़ते हैं और वह लगभग बेहोश हो जाता है। वैसे तो मिर्गी एक बहुत पुरानी बीमारी है लेकिन जब लोगों में जागरूकता की कमी के कारण यह नियंत्रण से बाहर हो जाती है तो शरीर में कई अन्य समस्याएं होने लगती हैं। इन्हीं घातक बीमारियों में से एक है ब्रेन ट्यूमर। हाल के चिकित्सा अनुसंधान से पता चला है कि जिन लोगों को अधिक मिर्गी के दौरे पड़ते हैं उनमें दूसरों की तुलना में ब्रैम ट्यूमर विकसित होने का खतरा अधिक होता है।
बार-बार दौरे पड़ना ब्रेन ट्यूमर का संकेत है। ( Frequent seizures are a sign of brain tumor. )
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कभी-कभी जब मिर्गी की बीमारी पुरानी हो जाती है, तो लोग इसके हमलों के प्रति लापरवाह हो जाते हैं। लेकिन यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि अगर किसी मरीज को दवा और इलाज के बावजूद भी दौरे पड़ते रहें तो संभव है कि उसके मस्तिष्क में ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि मरीज को एमआरआई जरूर करानी चाहिए। एमआरआई ब्रेन ट्यूमर का पता लगा सकता है और यदि ब्रेन ट्यूमर मौजूद है, तो इसे जल्दी पकड़ा जा सकता है और इलाज किया जा सकता है।
मिर्गी का इलाज ( epilepsy treatment )
आपको बता दें कि मस्तिष्क रोगों में मिर्गी एक आम बीमारी के रूप में जानी जाती है। हालांकि कई लोग इसे घरेलू उपचार के रूप में दावा करते हैं, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ ऐसा नहीं मानते हैं। यदि किसी मरीज को मिर्गी के साथ-साथ ब्रेन ट्यूमर भी है, तो इसका इलाज अकेले साइबरनाइफ रेडियोसर्जरी से किया जा सकता है। इस सर्जरी में लक्षित विकिरण किरणों का उपयोग करके ब्रेन ट्यूमर का इलाज किया जाता है। आपको बता दें कि इस तरह की सर्जरी में मरीज के शरीर में कोई कट या चीरा नहीं लगाया जाता है।
Disclaimer: इस लेख में बताए गए तरीकों, तरीकों और सुझावों को लागू करने से पहले कृपया डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।
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