इसी महीने की शुरुआत में पॉपुलर माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) ने एलान किया कि कंपनी ब्राजील में अपना काम बंद कर रही है। इस फैसले के तहत ब्राज़ील में काम करने वाले कर्मचारियों को हटाने की जानकारी दी गई थी। इसी सिलसिले में, ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एलेक्जेंडर डी मोरेस ने अरबपति Elon Musk को आदेश दिया कि वे 24 घंटे के भीतर ब्राजील में एक्स के लिए एक कानूनी प्रतिनिधि का नाम बताएं। यदि ऐसा नहीं होता है, तो प्लेटफॉर्म को ब्राजील में बैन कर दिया जाएगा।
Elon Musk: कोर्ट के आदेश न मानने से बढ़ी मुश्किलें
ब्राज़ील में X के खिलाफ कोर्ट का आदेश इसलिए आया है क्योंकि यह प्लेटफॉर्म नफरत फैलाने वाली स्पीच और गलत सूचनाओं के प्रसार से बार-बार जुड़ा रहा है। कोर्ट के कई बार कहे जाने के बावजूद कंपनी इस आदेश का पालन नहीं कर पाई है। चेतावनी के बावजूद, कंपनी ने अभी तक ब्राजील में कानूनी प्रतिनिधि नियुक्त नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि यदि कंपनी इस आदेश का पालन नहीं करती, तो सोशल मीडिया नेटवर्क की गतिविधियों को ब्राजील में सस्पेंड किया जा सकता है।
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न्यायाधीश एलेक्जेंडर डी मोरेस के फैसले पर मतभेद
ब्राजील के राजनीतिक अधिकार के आलोचकों का दावा है कि जस्टिस एलेक्जेंडर डी मोरेस ने अपने अधिकार का अतिक्रमण किया है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाया है। उनका कहना है कि जस्टिस एलेक्जेंडर डी मोरेस ने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया है। हालांकि, उनके समर्थकों का तर्क है कि उनके कार्य कानूनी रूप से सही हैं और अदालत के अधिकांश सदस्यों द्वारा समर्थित हैं। वे मानते हैं कि यह कदम लोकतंत्र की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
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