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Lord Ganesh: बुधवार को इस सरल विधि से करें भगवान गणेश की पूजा

Lord Ganesh: बुधवार को इस सरल विधि से करें भगवान गणेश की पूजासनातन धर्म में बुधवार के दिन का बेहद खास महत्व है। क्योंकि इस दिन जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण और गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही सभी संकटों को दूर करने के लिए व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि सच्चे मन से भगवान गणेश की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। अगर आप भी गणपति बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद गणेश जी की विधिपूर्वक उपासना करें। आइए जानते हैं गणपति बप्पा की पूजा विधि के बारे में।

Lord Ganesh: गणेश जी की पूजा विधि

  • बुधवार को सुबह जल्दी उठें और भगवान गणेश का ध्यान करें।
  • स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें।
  • एक साफ चौकी पर कपड़ा बिछाएं और गणेश जी की प्रतिमा रखें।
  • गणेश जी को माला और दूर्वा अर्पित करें।
  • देशी घी का दीपक जलाएं और आरती करें।
  • गणेश चालीसा और मंत्रों का जप करें।
  • बूंदी का लड्डू या मोदक का भोग लगाएं।
  • गरीब लोगों को अन्न, धन और भोजन का दान करें।

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इन चीजों को भोग के रूप में प्रस्तुत करें

माना जाता है कि भगवान गणेश को लड्डू प्रिय है। इसलिए उन्हें मोतीचूर के लड्डू का भोग दें। साथ ही, फल, खीर और मिठाई का भी आहार उपलब्ध हो सकता है। इन आहारों का भोग लगाने से मान्यता है कि देवता प्रसन्न होते हैं।

भोग लगाते समय निम्न मंत्र का जप करें:

“त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।।”

इस मंत्र के माध्यम से भगवान के सामने भोग लगाने के समय प्रार्थना करें कि गणपति बप्पा हमारी आहार सेवा स्वीकार करें और हमें अपनी कृपा से आशीर्वाद दें।

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PM Modi Meditation: 45 घंटे का मौनव्रत और अन्न का एक दाना भी नहीं

PM Modi Meditation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने गुरुवार शाम से देश के सबसे दक्षिणी छोर पर स्थित कन्याकुमारी के प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे की ध्यान साधना शुरू की। कन्याकुमारी पहुंचने के बाद उन्होंने भगवती अम्मन मंदिर में पूजा-अर्चना की। उसके बाद वह नौका पर सवार होकर तट से करीब 500 मीटर दूर समुद्र में स्थित चट्टान पर विवेकानंद रॉक मेमोरियल (Vivekananda Rock Memorial) पहुंचे और ध्यान शुरू किया, जो एक जून तक चलेगा। रॉक मेमोरियल पहुंचने के बाद उन्होंने ‘ध्यान मंडपम’ में अपना ध्यान प्रारंभ किया।

PM Modi Meditation: 45 घंटों का मौनव्रत

आइए जानें कि 45 घंटे के ध्यान के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की दिनचर्या कैसी होगी।

जानकारी के अनुसार, 45 घंटे के दौरान PM Modi केवल तरल आहार लेंगे। वे नारियल पानी और अंगूर के जूस का सेवन करेंगे। इस दौरान PM Modi मौनव्रत का पालन करेंगे और ध्यान कक्ष से बाहर नहीं आएंगे।

स्वामी विवेकानंद ने देखा था विकसित भारत का सपना

बता दें कि यह स्मारक स्वामी विवेकानंद की याद में ही बनाया गया है, जिन्होंने देशभर का दौरा करने के बाद 1892 के अंत में समुद्र के अंदर इन चट्टानों पर तीन दिनों तक ध्यान लगाया था और विकसित भारत का सपना देखा था। इस स्थान का नाम स्वामी विवेकानंद की याद में ही विवेकानंद रॉक मेमोरियल रखा गया है। यह भारत का सुदूर दक्षिणी हिस्सा है, जहां पूर्वी और पश्चिमी घाट आपस में मिलते हैं।

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मां पार्वती ने की थी साधना

यह मेमोरियल हिंद महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी का भी मिलन स्थल है। ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी चुनाव प्रचार के दौरान 2047 तक विकसित भारत का निर्माण प्रमुख मुद्दा बनाया है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी पार्वती ने इसी स्थान पर एक पैर पर खड़े होकर भगवान शिव का इंतजार किया था। दरअसल, विवेकानंद रॉक मेमोरियल का स्थान स्वामी विवेकानंद के जीवन में सबसे अहम माना जाता है। जिस तरह गौतम बुद्ध ने सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था, उसी तरह पूरे देश का भ्रमण करने के बाद स्वामी विवेकानंद के ध्यान में भारत माता का विकसित स्वरूप सामने आया था।

पुलिस की जबरदस्त तैनाती

बताते चलें कि विवेकानंद रॉक मेमोरियल के आस-पास 2,000 पुलिसकर्मियों के साथ-साथ विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों की मौजूदगी है। यही नहीं, भारतीय तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना भी समुद्री सीमाओं पर निगरानी बनाए हुए हैं।

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Masik Durgashtami 2024: मासिक दुर्गाष्टमी पर भूलकर भी न करें ये कार्य

Masik Durgashtami 2024: आज, अर्थात् 15 मई, Masik Durgashtami का त्योहार मनाया जा रहा है। यह व्रत हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। इस शुभ अवसर पर माँ दुर्गा की पूजा करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि माँ की आराधना करने से जातक को सभी प्रकार के दुःख, संकट, रोग, और भय से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही घर में सुख-शांति का आगमन होता है। मान्यता है कि मासिक दुर्गाष्टमी के दिन कुछ कार्यों को करने से माँ दुर्गा नाराज हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि मासिक दुर्गाष्टमी पर किन गलतियों से बचना चाहिए।

Masik Durgashtami पर भूलकर भी न करें ये कार्य

ये कार्य न करें

शुभ और मांगलिक कार्यों में काले वस्त्र न पहनें। अगर आप मां की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो लाल और गुलाबी रंग के वस्त्र पहनें।
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह की पूजा करने के बाद साधक को दिन में सोना न करें। दिन में मां दुर्गा का भजन-कीर्तन करें।
इसके अलावा मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मांस और मदिरा का सेवन भूलें। ऐसा करने से मां दुर्गा नाराज हो सकती हैं।

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करें ये कार्य

हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा पूजनीय है। माना जाता है कि तुलसी में मां लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए मासिक दुर्गाष्टमी के दिन तुलसी के पास अंधेरा न हो। इसके लिए पौधे के पास घी का दीपक जलाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
मासिक दुर्गाष्टमी पर सुबह स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके बाद मां दुर्गा की पूजा कर श्रद्धा अनुसार गरीबों को धन, भोजन और वस्त्र का दान करें। इससे जातक को जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है।

Masik Durgashtami का महत्व

मान्यता है कि मासिक दुर्गाष्टमी पर पूजा करने से जातक के सभी पाप दूर होते हैं और जीवन में सदैव मां दुर्गा की कृपा बनी रहती है। मां दुर्गा के व्रत के प्रभाव से साधक दुःख से निकलने में कामयाब रहते हैं।

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Mahabharat Re-telecast: TV पर लौटी BR Chopra की ‘महाभारत’, कब और कहां देखें शो? 

Mahabharat Re-telecast: महाभारत एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे लोग आज भी पसंद करते हैं। यह धारावाहिक उस समय पर टेलीकास्ट हुआ था जब सभी घरों में टीवी नहीं थी। फिर भी, लोगों में इसे देखने का एक ऐसा उत्साह था कि वे पड़ोसियों के घरों में बैठकर घंटों तक महाभारत देखते रहते थे।

Mahabharat Re-telecast: TV पर लौटी BR Chopra की ‘महाभारत’, कब और कहां देखें शो? 

महाभारत की कहानी सबसे पहले टेलीविजन पर बीआर चोपड़ा (BR Chopra) ने प्रस्तुत की थी। उनका यह शो इतने सालों बाद भी दर्शकों के बीच लोकप्रिय है। बीआर चोपड़ा के बाद एकता कपूर भी ‘महाभारत’ शो लेकर आईं, लेकिन पुराने महाभारत का जोश लोगों में थमा नहीं। समय-समय पर किसी न किसी कारण शो का चर्चा होता रहता है। इस बीच, महाभारत सीरियल एक बार फिर सामान्य चर्चा में आ गया है।

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रामानंद सागर की ‘रामायण’ जितनी प्रसिद्ध है, उतना ही हमेशा से बीआर चोपड़ा की ‘महाभारत’ का भी उत्साह बना रहा है। 1988 में दूरदर्शन पर यह सीरियल प्रसारित हुआ था। इस कास्ट में नितीश भारद्वाज, गूफी पेंटल, मुकेश खन्ना, सुरेंद्र पाल, पंकज धीर, गजेंद्र चौहान, प्रवीण कुमार, गिरीजा शंकर और रुपा गांगुली ने मुख्य भूमिकाओं में निभाया था। जिन लोगों ने अब तक बीआर चोपड़ा की ‘महाभारत’ नहीं देखी है या उन्हें फिर से देखने की इच्छा है, उनके लिए अच्छी खबर है।

बीआर चोपड़ा की ‘महाभारत’ का पुनः प्रसारण दूरदर्शन पर किया जा रहा है। यह शो सोमवार से शनिवार शाम 5 बजे देखा जा सकेगा। ‘महाभारत’ का प्रसारण पहले डीडी भारती, कलर्स चैनल और स्टार भारत पर हो चुका है।

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Dara Singh: Ramayan का ‘हनुमान’ बनने के लिए दारा सिंह ने दिया था ये बड़ा बलिदान,

Dara Singh: रामायण, छोटे पर्दे का सबसे प्रसिद्ध शो, की चर्चा कितनी भी की जाए, वह कम ही होती है। रामानंद सागर की रामायण से जुड़े कई ऐसे तथ्य हैं जिनके बारे में जितना बोला जाए, वह भी बहुत कम होता है। इस माइथोलॉजी शो के स्टार कास्ट भी अपने आप में बहुत विशेष है, विशेष रूप से रामायण में हनुमान के चरित्र को निभाने वाले Dara Singh ने हर किसी का दिल जीत लिया था।

Dara Singh: Ramayan का ‘हनुमान’ बनने के लिए दारा सिंह ने दिया था ये बड़ा बलिदान,

क्या आपको पता है कि दारा सिंह (Dara Singh) पहले इस रोल को नहीं करना चाहते थे, और जब वे इसके लिए राजी हो गए, तो उन्होंने एक महत्वपूर्ण बलिदान दिया। सन् 1987 में, रामायण टीवी शो को पहली बार दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया। लंबे समय तक यह धारावाहिक भारतीय दर्शकों को पूरी तरह से मनोरंजित किया। शो की स्टार कास्ट ने अपने अभिनय के जादू को बिखेरा, जिससे आज भी उसकी छाप दर्शकों के दिलों पर मजबूत है।

दारा सिंह ने भगवान हनुमान जी की भूमिका को जिस तरह से निभाया, उसकी सराहना कम ही हो सकती है। उनकी शानदार अभिनय से वह मनोरंजन जगत के इस किरदार को हमेशा के लिए अमर बना दिया। कहा जाता है कि दारा सिंह असली रूप से हनुमान के रोल के लिए तैयार नहीं थे और उन्होंने रामानंद सागर को इसके लिए मना किया था।

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उनका विचार था कि रामानंद को एक युवा को इस रोल के लिए चुनना चाहिए, न कि मुझे जिसकी उम्र 60 साल हो गई है। लेकिन रामानंद सागर ने उन्हें आश्वासन दिया और कहा, “आपकी कद-काठी के हिसाब से आप रामायण के हनुमान बनने के लिए एकदम फिट हैं,” और तब जाकर वे इस रोल को स्वीकार कर लिया।

रामायण में हनुमान का किरदार निभाने के लिए, दारा सिंह ने नॉन-वेज खाना छोड़ दिया था। उनकी असली जीवन में पहलवान होने के कारण, वे नॉन-वेज का सेवन भारी मात्रा में करते थे, लेकिन जब उन्होंने रामायण की शूटिंग शुरू की और शो की शूटिंग चली, तब तक उन्होंने नॉन-वेज को हाथ नहीं लगाया।

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Hanuman Jayanti: भगवान ‘हनुमान जी’ का राज, Hanuman Jayanti पर इस वेब सीरीज के चौथे सीजन का हुआ एलान

Hanuman Jayanti: हिंदू धर्म में, यूं तो ३३ करोड़ देवी-देवताओं की मान्यता है। लेकिन भगवान हनुमान उनमें से हर किसी के प्रिय माने जाते हैं। आज देशभर में हनुमान जयंती के खास पर्व को जश्न बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। लंबे समय से देखा जा रहा है कि बजरंगबली फिल्ममेकर्स की पहली पसंद माने जाते हैं, जिसकी वजह से उन पर कई फिल्में और वेब सीरीज़ बनाई जा चुकी हैं।

Hanuman Jayanti: भगवान ‘हनुमान जी’ का राज

इस कड़ी में, वेब सीरीज “द लीजेंड ऑफ हनुमान” का नाम भी शामिल है। पिछले सीजन की अपार सफलता के बाद अब हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के मौके पर इस सीरीज के चौथे सीजन का एलान कर दिया गया है। आइए जानते हैं कि ये सीरीज कहां रिलीज होगी।

वेब सीरीज “द लीजेंड ऑफ हनुमान” ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार की पेशकश है। इस वेब सीरीज के लिए फैंस में भारी क्रेज देखने को मिला है, जिसके कारण इसके पिछले तीन सीजन को बंपर सफलता मिली है। इसलिए, हनुमान जयंती के विशेष अवसर पर “द लीजेंड ऑफ हनुमान” की घोषणा की गई है।

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डिज्नी प्लस हॉटस्टार के यूट्यूब चैनल पर इस वेब सीरीज के चौथे सीजन का टीजर वीडियो साझा किया गया है। इसे देखकर फैंस की उत्साहना काफी बढ़ गई है और वे इसकी रिलीज का बहुत ही बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पिछले सीजन के अनुसार, इसमें हनुमान जी की कहानी को और शानदार ढंग से पेश किया जाएगा।

बॉलीवुड अभिनेता शरद केलकर, जो अपने दमदार अभिनय के साथ-साथ अपनी बुलंद आवाज के लिए भी प्रसिद्ध हैं, द लीजेंड ऑफ हनुमान वेब सीरीज के पिछले सीजन में नरेटर के रूप में प्रकट हुए थे। सीजन 4 में भी शरद की इसी प्रतिभा को दोहराते हुए उन्हें फिर से देखा जा सकता है।

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Holi 2024 Date: 25 या 26 मार्च, जानिए कब खेली जाएगी होली

Holi 2024 Date: होली 26 मार्च को धूमधाम से मनाई जाएगी। गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने कहा है कि होलिका दहन 24 मार्च को होगा।

Holi 2024 Date: 25 या 26 मार्च

योगी कमलनाथ ने बताया कि फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा (24 मार्च) को रात 10:27 बजे के बाद होलिका दहन किया जाएगा। यह कारण है कि इस दिन सुबह 9:24 बजे से रात 10:27 बजे तक भद्रा है। फिर, दूसरे दिन 25 मार्च को होलिका पड़ी रहेगी।

Holi 2024 Date: सिंधु के निर्णय के अनुसार, 26 मार्च को प्रतिपदा तिथि में सूर्योदय होने के कारण, प्रातःकाल होलिका दहन के साथ भूमि को प्रणाम किया जाएगा और विभूति धारण की जाएगी। इसके बाद दिन भर होली और वसंत उत्सव मनाया जाएगा।

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होली के दिन, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की होलिकोत्सव समिति के संरक्षण में, घंटाघर से भगवान नरसिंह की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली जाएगी। पूरे शहर में उत्सव और उल्लास का माहौल होगा।

समिति के अध्यक्ष मनोज जालान ने बताया कि गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शोभायात्रा में शामिल हो सकते हैं। इसे देखते हुए तैयारी की जा रही है। यात्रा के दौरान काले और हरे रंग का प्रयोग वर्जित रहेगा।

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Hindu New Year: इस दिन से हो रही है हिंदू नववर्ष की शुरुआत, जानिए क्यों खास है यह

Hindu New Year: अंग्रेजी कैलेंडर और पश्चिमी मान्यताओं के अनुसार, हर साल 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत होती है। वहीं हिंदी कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह की प्रतिपदा से नए साल की शुरुआत मानी जाती है। इस तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना गया है, क्योंकि इस तिथि पर नववर्ष मनाने के पीछे एक पौराणिक कारण मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस विषय में।

Hindu New Year: इस दिन से हो रही है हिंदू नववर्ष की शुरुआत

हिंदी कैलेंडर के अनुसार, Hindu New Year की शुरुआत चैत्र माह की प्रतिपदा से मानी जाती है। ऐसे में, साल 2024 में हिंदू नववर्ष की शुरुआत विक्रम संवत 2081, 09 अप्रैल मंगलवार के दिन से हो रही है। साथ ही, इस दिन से चैत्र नवरात्र भी प्रारंभ हो रहे हैं, जिसमें आदि शक्ति के नौ रूपों की पूजा करने का विधान है।

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ब्रह्माण पुराण के इस श्लोक के अनुसार, सृष्टि की रचना अनुसार, भगवान विष्णु ने सृष्टि की रचना का कार्य ब्रह्मा जी को सौंपा। माना जाता है कि ब्रह्मा जी ने जब सृष्टि की रचना की थी उस दिन चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि थी। इसलिए हिंदू धर्म में इस तिथि को बेहद शुभ माना जाता है।

इस तिथि पर धार्मिक कार्य करने का भी विशेष महत्व है। इस तिथि का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसी दिन से चैत्र नवरात्र की भी शुरुआत होती है, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन पर आदिशक्ति प्रकट हुई थी।

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Krishna Janmabhoomi Case: कृष्ण जन्मभूमि मामले में मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से झटका

Krishna Janmabhoomi Case: मथुरा Krishna Janmabhoomi Case मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। साथ ही, शीर्ष अदालत ने मुस्लिम पक्ष से हाईकोर्ट जाने को कहा है। वास्तव में, मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें हाईकोर्ट ने इस विवाद से जुड़े 15 मुकदमों को एक साथ जोड़कर सुनवाई करने का फैसला लिया था।

पीठ ने मुस्लिम पक्ष को आदेश दिया, “याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को वापस लेने का आह्वान किया है। हम उच्च न्यायालय के समक्ष पुनर्विचार याचिका को पुनर्जीवित करने की स्वतंत्रता के साथ वर्तमान एसएलपी को खारिज करते हैं।”

Krishna Janmabhoomi Case: कृष्ण जन्मभूमि मामले में मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से झटका

हाईकोर्ट ने कहा था कि ये सभी मुकदमे एक ही तरह के हैं और इनमें एक ही तरह के सबूतों के आधार पर फैसला होना चाहिए। इस प्रकार, समय बचाने के लिए इन मुकदमों की सुनवाई एक साथ होनी चाहिए।

हिंदूवादी ने उच्च न्यायालय के समक्ष आवेदन में कहा कि 25 सितंबर, 2020 को मथुरा के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के समक्ष मूल मुकदमा दायर किए जाने के बाद, 13.37 एकड़ भूमि के संबंध में कई अन्य मुकदमे दायर किए गए थे।

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उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था, “ये मुकदमे समान प्रकृति के हैं। इन मुकदमों में कार्यवाही की जा सकती है और सामान्य साक्ष्य के आधार पर मुकदमों का फैसला एक साथ किया जा सकता है। अदालत का समय बचाने के लिए, होने वाले खर्च को बचाया जा सकता है।”

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शीर्ष अदालत पहले से ही मस्जिद समिति द्वारा दायर एक अन्य याचिका पर विचार कर रही है, जिसमें मथुरा अदालत के समक्ष लंबित विवाद से संबंधित सभी मामलों को खुद को स्थानांतरित करने के उच्च न्यायालय के 26 मई, 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है। हिंदू पक्ष ने उच्च न्यायालय के समक्ष आग्रह किया था कि उसकी मूल सुनवाई उसी तरह चलानी चाहिए जैसे उसने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि स्वामित्व विवाद में की थी।

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Holi 2024: Banke Bihari मंदिर में होली खेलने आने से पहले जान लें ये जरूरी बात

ठाकुर Banke Bihari मंदिर में रंगभरनी एकादशी से रंगीली होली की शुरुआत होगी। तो पांच दिन तक सुबह से शाम तक मंदिर में होने वाली रंगों की होली में सराबोर होने को देश-दुनिया से लाखों श्रद्धालु वृंदावन में डेरा डालेंगे।

Holi के आनंद का अनुभव करने के लिए श्रद्धालुओं ने वृंदावन के होटल और गेस्ट हाउसों में अपनी बुकिंग करवा ली है। परिस्थितियाँ यह हैं कि होली की शुरुआत से दो दिन पहले ही शहर के सभी होटल और गेस्ट हाउस पूरी तरह से भर जा चुके हैं। इस प्रकार, बिना पूर्व-बुकिंग के आने वाले श्रद्धालुओं को हरजाना पड़ेगा।

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Holi 2024: Banke Bihari मंदिर में होली खेलने आने से पहले जान लें ये जरूरी बात

20 मार्च को ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में रंगभरनी एकादशी से होली का आरंभ होगा। इसी दिन, पंचकोसीय परिक्रमा के लिए लगभग दस से बारह लाख श्रद्धालु वृंदावन में आएंगे। देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं ने पहले से ही वृंदावन में ठहरने के लिए होटल, गेस्ट हाउस और आश्रमों में अपनी बुकिंग करवा ली है। अधिकांश आश्रमों में होली महोत्सव और श्रीमद्भागवत कथाओं का दौर भी चल रहा है, जो होली तक जारी रहेगा। इसी बीच, शहर के करीब दो हजार से अधिक गेस्ट हाउस और करीब चार दर्जन छोटे-बड़े होटलों में श्रद्धालुओं ने पहले ही अपनी बुकिंग करा ली है।

सोमवार को ऐसी परिस्थिति थी कि बिना पूर्व-बुकिंग के आने वाले श्रद्धालु होटल और गेस्ट हाउसों में ठहरने के लिए एक-एक कमरे की खोज में घूम रहे थे। वहीं, नए विकसित क्षेत्रों में लोग अपने घरों को गेस्ट हाउस के रूप में उपयोग करने लगे थे, और भीड़ को देखते हुए अनाप-शनाप किराया भी वसूला जा रहा था। इससे न तो कोई अवैध प्रवेश हो रहा था और न ही नगर निगम और जिला प्रशासन को इससे कोई राजस्व का लाभ मिल रहा था।

फिर भी, इसके एक-एक कमरे के लिए अब से ही श्रद्धालुओं के बीच में भरमार है। परिस्थितियाँ यह हैं कि रंगभरनी एकादशी से लेकर होली तक, अगर कोई श्रद्धालु बिना पूर्व-बुकिंग के वृंदावन आता है, तो उसे ठहरने के लिए एक कमरा भी मिलना संभव नहीं होगा।

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