Categories
टेक

Cyber Crime: साइबर अपराधियों को नहीं मिल रही सजा

Cyber Crime: जिले में साइबर ठगी के पीड़ितों की संख्या बढ़ती जा रही है। हर दिन Cyber Cell और थानों में 20 से अधिक शिकायतें दर्ज की जा रही हैं। लेकिन निस्तारण की दर बेहद कम है। कुछ छोटे मामलों में पीड़ितों को उनके पैसे वापस मिले हैं, लेकिन बड़े मामलों में पुलिस की कार्यवाही असफल रही है। सजा दिलाने के मामलों में भी स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि आंकड़े शून्य के बराबर हैं।

साल 2020 में खुले Cyber थाने ने अब तक किसी भी अपराधी को सजा नहीं दिलाई है। 2021 के कुछ मामले अभी भी ट्रायल पर हैं। ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं के बढ़ने के साथ ही साइबर ठगी के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। साइबर अपराधी अलग-अलग तरीकों से लोगों को ठग कर उनकी मेहनत की कमाई हड़प रहे हैं।

Cyber Crime: Cyber अपराधियों को नहीं मिल रही सजा

पीड़ित साइबर सेल और थानों में शिकायतें दर्ज कराते हैं और कुछ महीनों तक चक्कर लगाने के बाद निराश होकर घर बैठ जाते हैं। छह महीने पहले तक रेंज स्तर पर काम कर रहे साइबर थाने में 2021 में करीब 700 शिकायतें दर्ज की गई थीं। लेकिन 2022 में, रेंज के जिलों से 1200 लोगों ने साइबर अपराध के मामले में थाने पर और ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से शिकायतें दर्ज कराईं।

इनमें से छह मामलों का निस्तारण कर पुलिस ने नौ आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। हालांकि, पुख्ता सबूत कोर्ट में प्रस्तुत नहीं कर पाने के कारण सभी आरोपी रिहा हो गए। इसके अलावा, ऑनलाइन ठगी की शिकायतों में 130 पीड़ितों को 79 लाख 71 हजार रुपये वापस दिलाए गए। 2023 में शिकायतों की संख्या बढ़कर 1500 तक पहुंच गई।

यह भी पढ़े: MICROSOFT SERVER DOWN: ऑस्ट्रेलिया से लेकर जर्मनी तक माइक्रोसॉफ्ट का सर्वर ठप

रुपये निकालने वाले गिरोह पर नहीं हुई कार्रवाई

वर्ष 2021 में साइबर सेल और क्राइम ब्रांच की टीम ने अंगूठे का क्लोन बनाकर खाते से रुपये निकालने वाले गिरोह के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। यह गिरोह भूलेख वेबसाइट की मदद से रजिस्ट्री कराने वालों के अंगूठे का क्लोन तैयार कर उनके खाते से रुपये निकालता था। इस गिरोह को पकड़कर पुलिस ने जेल भेज दिया, लेकिन उन्हें सजा नहीं दिला सकी।

अपराध एसपी सुधीर जायसवाल ने कहा कि साइबर अपराधियों को सजा दिलाने में पुलिस तत्परता से लगी हुई है। साक्ष्य जुटाकर सजा दिलाने का काम पुलिस कर रही है। जो आरोपी जमानत पर बाहर आए हैं, उन्हें भी सजा दिलाई जाएगी। साइबर अपराध में कमी लाने के लिए समय-समय पर लोगों को जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है।

For Tech & Business Updates Click Here

Categories
देश

Indians data leaked: 81.5 करोड़ भारतीयों की निजी जानकारी हुई चोरी, ‘ऐसे’ साइबर खतरे से बचें

Cyber Security News: 80 करोड़ से अधिक भारतीयों की निजी जानकारी चोरी हो गई है।

Cyber Crime: दुनिया के साथ-साथ भारत भी डिजिटल युग की ओर बढ़ने लगा है। हालाँकि, डिजिटल लेनदेन और संचालन के साथ-साथ साइबर अपराध में भी काफी वृद्धि देखी जा रही है। इसी पृष्ठभूमि में जानकारी सामने आई है कि 80 करोड़ से ज्यादा भारतीयों की निजी जानकारी चोरी हो गई है. एक अमेरिकी फर्म ने दावा किया है कि 81.5 करोड़ भारतीयों के आधार और पासपोर्ट की जानकारी चोरी हो गई है। इतना ही नहीं, यह भी कहा गया है कि इस जानकारी को ऑनलाइन बेचने की भी कोशिश की गई है.

@MrRajputHacker नाम के ट्विटर हैंडल से सोमवार (30 अक्टूबर) को एक पोस्ट किया गया. जिसमें उन्होंने बताया कि कोरोना काल में 80 करोड़ भारतीयों की निजी जानकारी अज्ञात हैकर्स ने चुरा ली है। लीक हुए डेटा में नाम, पिता का नाम, फोन नंबर, पासपोर्ट नंबर, आधार नंबर और उम्र शामिल है। लीक हुआ डेटा इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च का हो सकता है। आईसीएमआर की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. मामले की जांच सीबीआई कर रही है.

अगस्त महीने में भारतीयों की निजी जानकारी बेचने की प्रथा का खुलासा हुआ था. इससे पहले जून महीने में कोरोना वैक्सीन लेने वाले नागरिकों की निजी जानकारी चोरी हो गई थी. इसके बाद सरकार ने आगे की जांच शुरू की. ऑनलाइन उपयोग में वृद्धि के साथ, साइबर अपराधी हर दिन धोखाधड़ी के विभिन्न तरीके ढूंढ रहे हैं। उन लोगों को मैसेज, कॉल, लिंक भेजकर कम दिनों में ज्यादा पैसे देने का लालच दिया जा रहा है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक साइबर अपराधियों ने पिछले पांच साल में करीब 2 लाख लोगों को अपने जाल में फंसाया है. इस दौरान साइबर अपराधियों ने नागरिकों से 700 करोड़ से ज्यादा की रकम लूट ली है. ऐसे में 300 करोड़ की रकम अभी तक नहीं मिल पाई है. दिलचस्प बात यह है कि 39 प्रतिशत ने धोखा मिलने के बाद भी पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई।

‘ऐसे’ साइबर क्राइम से बचना चाहिए
– अगर मैसेज या लिंक किसी जरूरी या अत्यावश्यक रूप में आता है तो उसकी जांच कर लेनी चाहिए।

– किसी के कहने पर मोबाइल से केवाईसी न करें।

– किसी भी व्यक्ति से ओटीपी साझा न करें और बार-बार बैंक व एटीएम पिन बदलते रहें।

-डिस्काउंट, कम दिनों में ज्यादा पैसा मिलना, अवॉर्ड मिलना, नौकरी मिलना जैसी चीजों के चक्कर में न पड़ें।

– इस बात पर विश्वास न करें कि आपको पुरानी कारें या चीजें सस्ती मिलेंगी।

ये भी पढें: अब TATA बनाएगा IPHONE ‘इस फैक्ट्री’ से होगा भारत और GLOBAL MARKET में एक्सपोर्ट

धोखाधड़ी की रिपोर्ट यहां करें
ऑनलाइन धोखाधड़ी की सूचना cybercrime.gov.in वेबसाइट पर देनी चाहिए, जिससे आपका बैंक खाता फ्रीज हो सकता है। इसकी सूचना नजदीकी थाने को भी दें ताकि संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करने में सुविधा हो.

Exit mobile version