Cyber Security News: 80 करोड़ से अधिक भारतीयों की निजी जानकारी चोरी हो गई है।
Cyber Crime: दुनिया के साथ-साथ भारत भी डिजिटल युग की ओर बढ़ने लगा है। हालाँकि, डिजिटल लेनदेन और संचालन के साथ-साथ साइबर अपराध में भी काफी वृद्धि देखी जा रही है। इसी पृष्ठभूमि में जानकारी सामने आई है कि 80 करोड़ से ज्यादा भारतीयों की निजी जानकारी चोरी हो गई है. एक अमेरिकी फर्म ने दावा किया है कि 81.5 करोड़ भारतीयों के आधार और पासपोर्ट की जानकारी चोरी हो गई है। इतना ही नहीं, यह भी कहा गया है कि इस जानकारी को ऑनलाइन बेचने की भी कोशिश की गई है.
@MrRajputHacker नाम के ट्विटर हैंडल से सोमवार (30 अक्टूबर) को एक पोस्ट किया गया. जिसमें उन्होंने बताया कि कोरोना काल में 80 करोड़ भारतीयों की निजी जानकारी अज्ञात हैकर्स ने चुरा ली है। लीक हुए डेटा में नाम, पिता का नाम, फोन नंबर, पासपोर्ट नंबर, आधार नंबर और उम्र शामिल है। लीक हुआ डेटा इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च का हो सकता है। आईसीएमआर की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. मामले की जांच सीबीआई कर रही है.
अगस्त महीने में भारतीयों की निजी जानकारी बेचने की प्रथा का खुलासा हुआ था. इससे पहले जून महीने में कोरोना वैक्सीन लेने वाले नागरिकों की निजी जानकारी चोरी हो गई थी. इसके बाद सरकार ने आगे की जांच शुरू की. ऑनलाइन उपयोग में वृद्धि के साथ, साइबर अपराधी हर दिन धोखाधड़ी के विभिन्न तरीके ढूंढ रहे हैं। उन लोगों को मैसेज, कॉल, लिंक भेजकर कम दिनों में ज्यादा पैसे देने का लालच दिया जा रहा है.
⚠️ India Biggest Data Breach
Unknown hackers have leaked the personal data of over 800 million Indians Of COVID 19.
The leaked data includes:
* Name
* Father's name
* Phone number
* Other number
* Passport number
* Aadhaar number
* Age#DataBreach #dataleak #CyberSecurity pic.twitter.com/lUaJS9ZPDr— Shivam Kumar Singh (@MrRajputHacker) October 30, 2023
एक रिपोर्ट के मुताबिक साइबर अपराधियों ने पिछले पांच साल में करीब 2 लाख लोगों को अपने जाल में फंसाया है. इस दौरान साइबर अपराधियों ने नागरिकों से 700 करोड़ से ज्यादा की रकम लूट ली है. ऐसे में 300 करोड़ की रकम अभी तक नहीं मिल पाई है. दिलचस्प बात यह है कि 39 प्रतिशत ने धोखा मिलने के बाद भी पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई।
‘ऐसे’ साइबर क्राइम से बचना चाहिए
– अगर मैसेज या लिंक किसी जरूरी या अत्यावश्यक रूप में आता है तो उसकी जांच कर लेनी चाहिए।
– किसी के कहने पर मोबाइल से केवाईसी न करें।
– किसी भी व्यक्ति से ओटीपी साझा न करें और बार-बार बैंक व एटीएम पिन बदलते रहें।
-डिस्काउंट, कम दिनों में ज्यादा पैसा मिलना, अवॉर्ड मिलना, नौकरी मिलना जैसी चीजों के चक्कर में न पड़ें।
– इस बात पर विश्वास न करें कि आपको पुरानी कारें या चीजें सस्ती मिलेंगी।
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धोखाधड़ी की रिपोर्ट यहां करें
ऑनलाइन धोखाधड़ी की सूचना cybercrime.gov.in वेबसाइट पर देनी चाहिए, जिससे आपका बैंक खाता फ्रीज हो सकता है। इसकी सूचना नजदीकी थाने को भी दें ताकि संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करने में सुविधा हो.