यूरोप के गरीब देशों की आमदनी के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था वर्तमान में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है और अगले कुछ वर्षों में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। यह विकास दर निश्चित रूप से उत्साहजनक है। हालांकि, जब प्रति व्यक्ति आय की बात आती है, तो भारत यूरोप के सबसे गरीब देश से भी पीछे छूट जाता है। यह बताता है कि भारत की आर्थिक वृद्धि का लाभ अभी तक देश की पूरी आबादी तक समान रूप से नहीं पहुंच पाया है।
भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में सबसे तेजी से बढ़ रही है, लेकिन प्रति व्यक्ति आय के मामले में हम अभी भी कई देशों से पीछे हैं। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, यूरोप का सबसे गरीब देश मोल्दोवा, भारत से कहीं अधिक प्रति व्यक्ति आय रखता है। मोल्दोवा की प्रति व्यक्ति जीडीपी लगभग 4,500 डॉलर है, जबकि भारत की केवल 2,700 डॉलर के आसपास है। यहाँ तक कि युद्धग्रस्त यूक्रेन की प्रति व्यक्ति आय भी भारत के बराबर है। भारत की प्रति व्यक्ति आय 2029 तक बढ़कर 4,281 डॉलर होने का अनुमान है, लेकिन यह अभी भी कई विकसित देशों से काफी कम है।
यूरोप के सबसे गरीब देशों की सूची में कोसोवो तीसरे स्थान पर है, जहां प्रति व्यक्ति आय लगभग 4,700 डॉलर है। इसके बाद आर्मेनिया (5,300 डॉलर), अल्बानिया (5,500 डॉलर), और उत्तरी मैसेडोनिया (6,100 डॉलर) हैं। इस क्षेत्र के अन्य देशों जैसे जॉर्जिया, बोस्निया और हर्जेगोविना, सर्बिया, और मोंटेनेग्रो में भी प्रति व्यक्ति आय 6,000 से 8,000 डॉलर के बीच है। पूर्वी यूरोप के देशों जैसे बेलारूस, अजरबैजान, और बुल्गारिया में यह आंकड़ा 8,000 से 9,700 डॉलर के बीच है। रोमानिया, तुर्की, और रूस जैसे देशों में प्रति व्यक्ति आय 10,000 डॉलर से अधिक है।
सबसे अमीर देश
यूरोप के सबसे अमीर देशों की सूची में कुछ ऐसे नाम हैं जो आपको आश्चर्यचकित कर सकते हैं! वेटिकन सिटी इस सूची में शीर्ष पर है, जहां हर निवासी की औसत आय 63,000 डॉलर सालाना है। इसके बाद सैन मरीनो, अंडोरा, मोनाको और लिकटेंस्टीन जैसे छोटे लेकिन समृद्ध देश आते हैं। स्विट्जरलैंड, लक्जमबर्ग, और स्कैंडिनेवियाई देश जैसे नॉर्वे, स्वीडन और डेनमार्क भी इस सूची में शीर्ष पर हैं। यहां प्रति व्यक्ति आय 40,000 डॉलर से अधिक है। ब्रिटेन भी इस समूह में शामिल है, जहां प्रति व्यक्ति आय लगभग 38,000 डॉलर है।