Sukanya yojana: 2015 में मोदी सरकार ने लड़कियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) लॉन्च की थी। इस योजना के जरिए आप अपनी बेटी की पढ़ाई या शादी के लिए बड़ी रकम मुहैया करा सकते हैं।
Sukanya Samruddhi yojana: चालू वित्त वर्ष में सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना से जुड़े नियमों में अहम बदलाव किया है। मोदी सरकार ने लड़कियों के भविष्य के लिए इस योजना की शुरुआत की।
क्या है नया नियम?
अब सुकन्या समृद्धि योजना (sukanya yojana) जैसी निवेश के बाद की योजनाओं के लिए पैन कार्ड और आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। इसके मुताबिक, अब निवेश के लिए आधार नंबर या आधार रजिस्ट्रेशन कार्ड अनिवार्य है। यदि खाता खोलने के समय आधार नंबर उपलब्ध नहीं है, तो इसके स्थान पर पंजीकरण फॉर्म जमा करना होगा। इसके अलावा खाता खोलने की तारीख से छह महीने के भीतर आधार नंबर भी देना होगा। पहले SSY में निवेश के लिए आधार अनिवार्य नहीं था।
आधार की जानकारी नहीं दी तो क्या होगा?
वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की है जिसने अगर आप अपने आधार कि जानकारी नहीं देते है तो आप इस योजना में निवेश नहीं कर पाएंगे। इसके मुताबिक, सुकन्या समृद्धि योजना खाता खोलते समय पैन या फॉर्म 60 भरना होगा। यदि खाता खोलते समय पैन जमा नहीं किया जाता है, तो इसे कुछ शर्तों के तहत दो महीने के भीतर जमा करना होगा।
Sukanya Yojana के बारे में
सुकन्या समृद्धि योजना पर सरकार ने 8 फीसदी ब्याज दिया है। इस योजना में एक साल में 1.5 लाख रुपये से ज्यादा जमा नहीं किया जा सकता है। तो आप न्यूनतम 500 रुपये से निवेश कर सकते हैं। इस योजना में 1 से 10 साल तक की लड़कियों का खाता खोला जा सकता है। यह खाता परिपक्वता तक कर मुक्त है। इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट 80C के तहत टैक्स से छूट दी जाती है।
Sukanya Yojana के फायदे
- सुकन्या योजना में सालाना न्यूनतम निवेश 250 रुपये, तथा अधिकतम निवेश 1.5 लाख रुपये तक सीमित है। यह एक 21 वर्षीय योजना है।
- ब्याज की गणना प्रत्येक महीने की 5 तारीख से महीने के अंत तक खाते में मौजूद सबसे कम राशि पर की जाती है।
- ब्याज प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में खाते में जमा किया जाता है। (उदाहरण के लिए, यदि आपने 10 जनवरी को 10,000 रुपये का निवेश किया है और 15 जनवरी को 5,000 रुपये का निकासी किया है, तो 15 जनवरी को आपके खाते में मौजूद सबसे कम राशि 5,000 रुपये होगी। ब्याज 5,000 रुपये पर गणना की जाएगी और प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में आपके खाते में जमा की जाएगी। )
- धारा 80C के अनुसार, आपको मूल राशि और ब्याज के साथ मेच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पर टैक्स नहीं देना होगा। (उदाहरण के लिए, यदि आपने 10 साल के लिए 10,000 रुपये की एफडी में निवेश किया है और आपको मेच्योरिटी पर 12,000 रुपये मिलते हैं, तो आपको मूल राशि (10,000 रुपये) और ब्याज (2,000 रुपये) पर टैक्स नहीं देना होगा)
- भारत में किसी भी डाकघर या बैंक से आप अपने खाते को किसी भी अन्य डाकघर या बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं (उदाहरण के लिए, यदि आपके पास दिल्ली में एक डाकघर खाता है और आप मुंबई में नौकरी पाते हैं, तो आप अपने खाते को दिल्ली से मुंबई के किसी भी डाकघर में ट्रांसफर कर सकते हैं। आप अपने खाते को किसी भी बैंक में भी ट्रांसफर कर सकते हैं।)
- मैच्योरिटी के बाद भी खाता बंद नहीं करने पर ब्याज मिलता है। (यदि आप अपने खाते को मैच्योरिटी के बाद बंद नहीं करते हैं, तो आपको ब्याज मिलता रहेगा। ब्याज की दरें बैंक या डाकघर द्वारा तय की जाती हैं।)
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