“Eye Flu” की गंभीरता को कैसे समझें और उसके अनुसार कौन सी दवा लें? पढ़ें, क्या कहते हैं नेत्र रोग विशेषज्ञ…

Eye Flu:आई फ्लू वास्तव में कैसे होता है? इस बीमारी के स्टेज के अनुसार क्या सावधानी बरतनी चाहिए और कौन सी दवा लेनी चाहिए, इसके बारे में प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश पवार ने विस्तार से बताया है।

Eye Flu Symptoms: आई फ्लू आंखों की एक बीमारी है जो मानसून के दौरान तेजी से बढ़ती है। इस समय देशभर में आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन, आई फ्लू वास्तव में कैसे होता है? इस बीमारी के स्टेज के अनुसार क्या सावधानी बरतनी चाहिए और कौन सी दवा लेनी चाहिए, इसके बारे में पुणे के प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश पवार (Dr Rajesh Pawar) ने विस्तार से बताया।

आई फ्लू क्या है? (What is Eye Flu)

डॉ राजेश पवार का कहना है कि आई फ्लू एक प्रकार का आंखों का संक्रमण है। लक्षणों में आंखों में खुजली, आंखों में सूजन, आंखों का लाल होना, आंखों से लगातार पानी आना, पलकों में सूजन आदि शामिल हैं। इसे कंजंक्टिवाइटिस भी कहा जाता है।

हम आई फ्लू का इलाज कैसे कर सकते हैं (How can we do eye flu treatment)

डॉ पवार का कहना है कि आई फ्लू की स्टेज के हिसाब से दवा लेना जरूरी है। इसके लिए उन्होंने आई फ्लू को तीन चरणों में बांटा।

  • पहले चरण में, जब व्यक्ति को आंखों में हल्का दर्द हो रहा हो तो एंटीबायोटिक्स लेनी चाहिए,
  • दूसरा चरण में आंखों में दर्द गंभीर हो जाता है। इस समय स्टेरॉयड के साथ एंटीबायोटिक्स लेनी चाहिए।
  • तीसरे चरण में आंखों में तेज दर्द, आंखों में सूजन, पलकों में सूजन, फिर एंटीबायोटिक और स्टेरॉयड के साथ मौखिक दवा लेनी चाहिए। मौखिक मतलब डॉक्टर की सलाह के अनुसार।

पवार का कहना है कि उन्हें गर्म पानी में साफ रुई भिगोकर अपनी आंखें पोंछनी चाहिए। इससे आंखों के संक्रमण को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

आई फ्लू को फैलने से रोकने के लिए क्या करें? (How can we cure eye flu)

डॉ राजेश पवार कहते हैं, ‘बरसात के मौसम में आई फ्लू फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। ऐसे में बारिश के मौसम में पानी वाली जगहों या भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। सैनिटाइजर का प्रयोग करें। जिस तरह हम कोरोना के दौरान कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते थे, उसी तरह अब आप भी सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर चलते समय चश्मे का प्रयोग करें। आई फ्लू से बचने के लिए स्वच्छता बनाए रखना बहुत जरूरी है।

डॉ राजेश पवार आगे कहते हैं, “आई फ्लू के लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर से जांच कराने के बाद डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही दवा लें।

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