Sudden Deaths: कोरोना के बाद युवाओं की मौत में अचानक बढ़ोत्तरी; क्या है कारण , रोकथाम के लिए केंद्र सरकार के प्रयास?

Sudden Deaths in Youth: देश में कोरोना काल के बाद युवाओं की अचानक मौत में बढ़ोतरी को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज चौंकाने वाली जानकारी दी।

Rise in Sudden Deaths: ऐसी आशंका जताई जा रही है कि पूरी दुनिया में तबाही मचाने वाली कोरोना महामारी का असर दो साल बाद भी वैसा का वैसा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया का आज लोकसभा में दिया गया बयान ऐसा शक पैदा करता है। कि कोरोना काल के बाद युवाओं की मृत्यु में बढ़ोतरी हुई है। मंडाविया ने आज लोकसभा कहा कि इस पर अध्ययन किया जा रहा है कि इसका कोरोना से कोई ताल्लुक है या नहीं।

लोकसभा में भी हुए सवाल जवाब

लोकसभा में एक सवाल के जवाब में, मंत्री मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने सीओवीआईडी ​​-19 के बाद दिल के दौरे की घटनाओं से संबंधित आंकड़ों का खुलासा किया, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न शारीरिक गतिविधियों के दौरान मौतें हुईं। विशेषकर 18 से 40 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है, जिनमें चलते समय या नृत्य करते समय दिल का दौरा पड़ने से दुखद मृत्यु हो गई है। इसके अलावा जिम में वर्कआउट के दौरान मौत के मामले भी सामने आए हैं। मंत्री जी ने आगे एक दुखद घटना साझा की जहां एक विवाह समारोह के दौरान संभवतः दिल का दौरा पड़ने से एक व्यक्ति की जान चली गई।

अचानक मौतों में के पीछे का कारण क्या है, इसका अभी तक कोई ठोस साबुत नहीं मिला है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) फिलहाल इस मामले की कई एंगल से जांच कर रही है। मंडाविया ने आगे जिक्र किया कि कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) के मामलों में तेजी के पीछे का कारण निर्धारित करने के लिए मेहनती प्रयास चल रहे हैं।

कोरोना काल के बाद मौतों में अचानक बढ़ोत्तरी

‘देश भर के 40 अस्पतालों और रिसर्च सेंटरों में 18 से 45 साल के लोगों की अचानक मौत के मामलों की जांच की जा रही है। इसके अलावा देश के 30 कोविड क्लिनिकल रजिस्ट्री अस्पतालों में ऐसे मामलों पर अध्ययन चल रहा है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि 18 से 45 साल के लोगों पर कोविड वैक्सीन का कोई असर होगा या नहीं. साथ ही वर्चुअल और ऑटोप्सी के जरिए भी पढ़ाई की जा रही है. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मौत के कारणों की जांच की जा रही है कि कोई बीमारी तो नहीं है.

रोकथाम के लिए सरकार के प्रयास

केंद्र सरकार हृदय संबंधी बीमारियों के लिए ‘गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम’ के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की मदद करेगी। इस कार्यक्रम के तहत प्रयासों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, जनशक्ति सृजन, स्वास्थ्य संवर्धन, स्वास्थ्य जांच, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य, स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना शामिल है। मंडाविया ने कहा, इसके अलावा 724 जिलों में गैर-संचारी रोग क्लीनिक, 210 जिलों में कार्डियक केयर यूनिट और 326 जिलों में डे केयर सेंटर शुरू किए जाएंगे।