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ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में रंगभरनी एकादशी से रंगीली होली की शुरुआत होगी। तो पांच दिन तक सुबह से शाम तक मंदिर में होने वाली रंगों की होली में सराबोर होने को देश-दुनिया से लाखों श्रद्धालु वृंदावन में डेरा डालेंगे।
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होली के आनंद का अनुभव करने के लिए श्रद्धालुओं ने वृंदावन के होटल और गेस्ट हाउसों में अपनी बुकिंग करवा ली है। परिस्थितियाँ यह हैं कि होली की शुरुआत से दो दिन पहले ही शहर के सभी होटल और गेस्ट हाउस पूरी तरह से भर जा चुके हैं। इस प्रकार, बिना पूर्व-बुकिंग के आने वाले श्रद्धालुओं को हरजाना पड़ेगा।
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20 मार्च को ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में रंगभरनी एकादशी से होली का आरंभ होगा। इसी दिन, पंचकोसीय परिक्रमा के लिए लगभग दस से बारह लाख श्रद्धालु वृंदावन में आएंगे। देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं ने पहले से ही वृंदावन में ठहरने के लिए होटल, गेस्ट हाउस और आश्रमों में अपनी बुकिंग करवा ली है।
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अधिकांश आश्रमों में होली महोत्सव और श्रीमद्भागवत कथाओं का दौर भी चल रहा है, जो होली तक जारी रहेगा। इसी बीच, शहर के करीब दो हजार से अधिक गेस्ट हाउस और करीब चार दर्जन छोटे-बड़े होटलों में श्रद्धालुओं ने पहले ही अपनी बुकिंग करा ली है।
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सोमवार को ऐसी परिस्थिति थी कि बिना पूर्व-बुकिंग के आने वाले श्रद्धालु होटल और गेस्ट हाउसों में ठहरने के लिए एक-एक कमरे की खोज में घूम रहे थे। वहीं, नए विकसित क्षेत्रों में लोग अपने घरों को गेस्ट हाउस के रूप में उपयोग करने लगे थे, और भीड़ को देखते हुए अनाप-शनाप किराया भी वसूला जा रहा था। इससे न तो कोई अवैध प्रवेश हो रहा था और न ही नगर निगम और जिला प्रशासन को इससे कोई राजस्व का लाभ मिल रहा था।
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फिर भी, इसके एक-एक कमरे के लिए अब से ही श्रद्धालुओं के बीच में भरमार है। परिस्थितियाँ यह हैं कि रंगभरनी एकादशी से लेकर होली तक, अगर कोई श्रद्धालु बिना पूर्व-बुकिंग के वृंदावन आता है, तो उसे ठहरने के लिए एक कमरा भी मिलना संभव नहीं होगा।
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