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हरियाणा सरकार ने किसानों की फसलों का बीमा करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत हरियाणा सरकार 7 जिलों में किसानों की फसलों का बीमा करेगी।
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आपको बता दें कि किसानों ने प्रीमियम राशि जमा करने के बाद, इन जिलों में फसलों का बीमा करने से कंपनी ने इनका इनकार कर दिया था।
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इसके परिणामस्वरूप, सरकार ने अब यह निर्णय लिया है कि यदि बीमा इंश्योरेंस कंपनी फसलों का बीमा नहीं कर रही है, तो किसानों को खुद ही अपने स्तर पर बीमा करना होगा।
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बीमा योजना के अंतर्गत, किसानों को खरीफ फसल के लिए विभिन्न प्रीमियम देने की अनुमति होती है। इसके लिए, सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों को तीन क्लस्टरों में विभाजित किया है, जिसमें क्लस्टर-2 का काम भी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी के पास था।
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क्लस्टर-2 का काम भी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी के पास था। हालांकि, कंपनी ने किसानों के साथ विवाद बढ़ते देख, फसलों का बीमा करने से मना कर दिया। यह अद्यतन जुलाई तक 2 लाख किसानों से प्रीमियम राशि भी काट ली जा चुकी थी।
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विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ अभियान शुरू किया जब तक सरकार ने किसानों के बीमा करने का निर्णय नहीं लिया। कंपनी को इसका हानि होने का खतरा था और दूसरा कारण था कि संबंधित जिलों में कई क्लेम के मामले कोर्ट में पेश हैं।
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मामले को लेकर विवाद बढ़ने पर, कृषि कल्याण विभाग ने स्टेट लेवल बैंकर कमेटी को पत्र लिखकर किसानों की प्रीमियम राशि को वापस करने का आदेश दिया। फैसले के बाद, बैंकराशि को तो वापस कर दिया जाता है, लेकिन फसलों की जिम्मेदारी किसी के पास नहीं रहती। इसलिए अब यह निर्णय लिया गया है कि किसानों की प्रीमियम राशि वापस नहीं की जाएगी, बल्कि इसी प्रीमियम पर अब राज्य सरकार किसानों की फसलों का बीमा करेगी।
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