इन सात तरीकों से क्रिप्टो स्कैमर लोगों को लगा रहे चूना, आप भी फंस सकते हैं जाल में

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क्रिप्टोकरेंसी का वह पूराना उत्साह, जो दो साल पहले था, अब देखने को मिलता नहीं है, लेकिन यह नहीं मतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी समाप्त हो गई है। आज भी लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं। क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसा डिजिटल संपत्ति है जिस पर हैकर्स का नजरबंद है। चेकपॉइंट की रिपोर्ट के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी हैकिंग के संबंध में क्रिप्टो समुदाय में एक चेतावनी जारी की गई है। इस चेतावनी में बताया गया है कि हैकर्स कैसे क्रिप्टोकरेंसी चोरी करते हैं। आइए जानें...

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कैंपेन और फर्जी वेबसाइट: क्रिप्टो हैकर्स ऐसी वेबसाइटें बनाते हैं जिनका नाम क्रिप्टोकरेंसी से सम्बंधित होता है, ताकि वे क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में धन डाल सकें। इसके अलावा, ये हैकर्स विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन फर्जी कैंपेन भी चलाते हैं, जिन्हें वे सोशल मीडिया और ई-मेल के माध्यम से प्रमोट करते हैं।

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असली वेबसाइट की नकली: क्रिप्टो हैकर्स विधिवत हैकर्स की भांति किसी प्रमिनेंट क्रिप्टोकरेंसी की असली वेबसाइट को मिमिक्रित करते हैं और इसे ऑनलाइन में प्रसारित करते हैं। जब कोई उपयोगकर्ता गूगल पर ऐसी कोई क्रिप्टोकरेंसी की जानकारी खोजता है, तो प्रमोशन के कारण नकली वेबसाइट सबसे पहले प्रदर्शित होती है। इस प्रकार, लोग यह मान लेते हैं कि यह असली साइट है, और वे इस जाल में फंस जाते हैं।

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वॉलेट कनेक्शन अनुरोध: इन धूर्त साइट्स के माध्यम से, हैकर्स उपयोगकर्ताओं को डिजिटल वॉलेट से कनेक्ट करने के लिए एक अनुरोध भेजते हैं और फिर उन्हें टोकन का दावा करने के लिए कहते हैं। इस कनेक्शन के माध्यम से, हैकर्स उपयोगकर्ताओं के क्रिप्टो खाते में अनधिकृत पहुंचा देते हैं।

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ERC-20 टोकन में 'परमिट' फ़ंक्शन का दुरुपयोग: ये हैकर्स ERC-20 टोकन के 'परमिट' फ़ंक्शन का अनैतिक उपयोग करके उपयोगकर्ताओं के साथ कपटपूर्ण कार्रवाई करते हैं। वे इस फंक्शन में हेरफेर करते हैं और उपयोगकर्ताओं को साइन इन करने के लिए मैसेज भेजते हैं। जैसे ही कोई उपयोगकर्ता साइन इन करता है, उन्हें उसकी पूरी जानकारी मिल जाती है। टोकन 'परमिट' का एक्सेस प्राप्त होने के बाद, इसकी अन्य किसी एक्सेस की आवश्यकता नहीं होती।

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एसेट ट्रांसफर: वॉलेट या खाते के एक्सेस प्राप्त होने के बाद, ये हैकर्स तत्काल रूप से उपयोगकर्ता के एसेट को ट्रांसफर करने का कार्रवाई करते हैं। इसके लिए, हैकर्स क्रिप्टोकरेंसी मिक्सर का उपयोग करते हैं। इसके अलावा, एक-दो नहीं, बल्कि कई सारे अकाउंटों में भी क्रिप्टो ट्रांसफर करने का प्रयास करते हैं।

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कोई ट्रैकिंग नहीं: ऑफ-चेन साइन इन के कारण, इन्हें ट्रैक करना कई बार अत्यंत कठिन हो जाता है। 'परमिट' फंक्शन के एक्सेस प्राप्त होने के बाद, फ्रॉड की पहचान करना और उसे पर्याप्त रूप से ट्रैक करना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

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