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वंदे भारत रेल जल ही जीवन है, यह बात तो आप सभी ने सुनी होगी। गर्मियों में यह कहावत बार-बार याद आती है। और रेलवे भी इस बात को बखूबी जानता है। इसलिए पीने के पानी की बर्बादी रोकने के लिए रेलवे ने एक बड़ा फैसला किया है। गर्मियों की छुट्टियां शुरू होते ही रेलवे स्टेशनों पर भारी संख्या में यात्री पहुंचते हैं। ऐसे में पीने के पानी का ज्यादा इस्तेमाल होना लाजमी है। लेकिन साथ ही ऐसा कई बार देखा जाता है कि पीने के पानी की बर्बादी भी ज्यादा होती है।
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अब रेलवे ने पीने के पानी की बचत को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। पीने के पानी की बर्बादी को रोकने के लिए, रेलवे ने फैसला किया है कि सभी वंदे भारत ट्रेनों में प्रत्येक यात्री को 500 मिलीलीटर यानी आधे लीटर की एक रेल नीर पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर (पीडीडब्ल्यू) की बोतल दी जाएगी। हालांकि अगर जरूरत पड़ी तो यात्री के मांगे जाने पर उसे आधे लीटर की ही एक और बोतल भी दी जाएगी और उसके लिए कोई एक्स्ट्रा पैसे नहीं देने होंगे।
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अब तक वंदे भारत ट्रेनों में राजधानी एक्सप्रेस की तरह ही एक लीटर की पानी की बोतल यात्रियों को दी जा रही थी। लेकिन चूंकि वंदे भारत ट्रेनें राजधानी की तरह ज्यादा लंबी दूरी की यात्रा तय नहीं करतीं, ऐसे में रेलवे ने नियम बदलते हुए इनमें आधे लीटर की बोतल देने का फैसला किया है।
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हालांकि शताब्दी ट्रेनों में भी आधा लीटर की बोतल पहले से ही दी जा रही है, लेकिन वंदे भारत की तुलना में शताब्दी ट्रेनें और भी कम दूरी तय करती हैं, ऐसे में एक लीटर पानी ज्यादातर यात्री खर्च नहीं कर पाते। लेकिन वंदे भारत ट्रेनें तुलनात्मक रूप से ज्यादा दूरी तय करती हैं, इसलिए आधा लीटर की दो बोतलें देने का फैसला किया गया है।
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