Categories
टेक

Christopher Nolan: क्रिस्टोफर नोलन की ‘Oppenheimer’ देखने से पहले जान ले एटम बम के पीछे का विज्ञान!

क्रिस्टोफर नोलन (Christopher Nolan) की Oppenheimer के लिए तैयार हैं? क्या आप बिना किसी स्पॉइलर के फिल्म के एटम बम (Atom Bomb) विज्ञान का पूरा आनंद लेना चाहते हैं? हमने आपका ध्यान रखा है! यहां, हम परमाणु बमों के पीछे के विज्ञान का विश्लेषण कर रहे हैं ताकि आप अपने दिमाग को आराम दे सकें और सिनेमाई अनुभव पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

ओपेनहाइमर और मैनहट्टन परियोजना:
यह फिल्म जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक प्रसिद्ध अमेरिकी भौतिक विज्ञानी हैं जिन्हें परमाणु भौतिकी के जनक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने मैनहट्टन प्रोजेक्ट का नेतृत्व किया, जो 6 और 9 अगस्त, 1945 को जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम बनाने के लिए जिम्मेदार था। इन बम विस्फोटों में जीवन की महत्वपूर्ण क्षति हुई, लगभग 2 लाख लोग मारे गए, और कई लोग स्थायी चोटों और विकृतियों के साथ चले गए।

परमाणु बम विज्ञान को आसानी से समझाया गया:
नुक्लेयर बम, जिसे परमाणु बम के रूप में भी जाना जाता है, परमाणु विखंडन नामक प्रक्रिया के माध्यम से भारी मात्रा में ऊर्जा जारी करके संचालित होता है। लेकिन वास्तव में परमाणु विखंडन क्या है? आइए विज्ञान को आसानी से समझाएं!

हमारी दुनिया में सब कुछ, जिसमें हम भी शामिल हैं, छोटे कणों से बने हैं जिन्हें परमाणु कहा जाता है। परमाणु के मूल में नाभिक होता है, एक छोटा लेकिन घना क्षेत्र जिसमें विद्युत रूप से सकारात्मक प्रोटॉन और विद्युत रूप से तटस्थ न्यूट्रॉन होते हैं। नाभिक के चारों ओर और भी छोटे कण होते हैं जिन्हें इलेक्ट्रॉन कहा जाता है।

एक परमाणु को एक छोटे सौर मंडल के रूप में कल्पना करें, जिसमें नाभिक सूर्य का प्रतिनिधित्व करता है, जो न्यूट्रॉन और प्रोटॉन से बना है, जबकि इलेक्ट्रॉन ग्रहों की तरह इसके चारों ओर घूमते हैं।

परमाणु विखंडन और श्रृंखला प्रतिक्रिया:
वैज्ञानिकों ने पाया कि जब एक न्यूट्रॉन कुछ विखंडनीय पदार्थों के नाभिक से टकराता है, तो यह नाभिक को अस्थिर कर देता है, जिससे यह दो छोटे नाभिकों में विभाजित हो जाता है। नए जारी न्यूट्रॉन फिर आस-पास के अन्य परमाणुओं से टकराते हैं, जिससे आगे विभाजन की एक श्रृंखला प्रतिक्रिया होती है। इस कैस्केड प्रभाव के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में परमाणुओं का विखंडन होता है।

परमाणु बम और अल्बर्ट आइंस्टीन:
परमाणु विखंडन के दौरान, परिणामी टुकड़ों का कुल द्रव्यमान मूल नाभिक के द्रव्यमान से थोड़ा कम होता है। यह “लापता द्रव्यमान” भारी मात्रा में ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है, जैसा कि अल्बर्ट आइंस्टीन के प्रसिद्ध समीकरण E=mc^2 द्वारा वर्णित है।

परमाणु विखंडन के लिए आवश्यक सामग्री:
व्यावहारिक परमाणु विखंडन के लिए विशिष्ट तत्वों की आवश्यकता होती है, जैसे यूरेनियम की एक विशेष किस्म, जिसे यूरेनियम-235 कहा जाता है। जब एक महत्वपूर्ण मात्रा में एक साथ पैक किया जाता है, तो यूरेनियम -235 परमाणु एक आत्मनिर्भर श्रृंखला प्रतिक्रिया शुरू कर सकते हैं, जिससे एक शक्तिशाली विस्फोट हो सकता है।

पारंपरिक और परमाणु बम के बीच अंतर:
टीएनटी, आरडीएक्स और सी4 (TNT, RDX, C4) जैसे पारंपरिक बम रासायनिक प्रतिक्रियाओं का उपयोग करते हैं न कि परमाणु विखंडन का। रासायनिक प्रतिक्रियाओं में, इलेक्ट्रॉन परमाणुओं या अणुओं के बीच पुनर्व्यवस्थित होते हैं, नए रासायनिक यौगिक बनाते हैं और इस प्रक्रिया में ऊर्जा जारी करते हैं। दूसरी ओर, परमाणु विखंडन में नाभिक को छोटे नाभिकों में विभाजित करना शामिल होता है।

जब आप Oppenheimer देखते हैं तो इन वैज्ञानिक विवरणों को याद रखें और क्रिस्टोफर नोलन (Christopher Nolan) के मनोरम सिनेमाई अनुभव का आनंद लें!

साइंस, फिक्शन और टेक्नोलॉजी न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें Buzztidings Hindi पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट Buzztidings Hindi पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, पूरी दुनिया से जुड़ी ख़बरें। For more science related stories, follow: Science Hindi News

Categories
मूवी रिव्यु

Oppenheimer First Day Collection: क्रिस्टोफर नोलन की ‘ओपेनहाइमर’ फिल्म ने BO पर पहले ही दिन ‘Barbie’ और ‘MI7’ दी मात

Oppenheimer First Day Collection: भारत में इन दिनों बॉलीवुड फिल्मों के अलावा हॉलीवुड फिल्मों का दबदबा चल रहा है वहीं पर क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म ‘ओपेनहाइमर’ की रिलीज के साथ ही इसके प्रति लोगों ने काफी प्यार जताया है। कलेक्शन के मामले इस फिल्म ने BO पर पहले ही दिन ‘Barbie’ और ‘MI7’ फिल्मो को ओंदे मुँह पटक दिया है।

Oppenheimer First Day Collection in India: क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म ‘ओपेनहाइमर’ का भारतीय फैंस काफी समय से इंतज़ार कर रहे थे। रिलीज के पहले भारत में इस फिल्म को लेकर गजब का क्रेज देखने को मिला जिस वजह ये फिल्म ब्लॉकबस्टर होने की ओर इशारा कर रही है. जहां कुछ दिन पहले ही रिलीज हुई टॉम क्रूज की ‘MI7’ और एक दिन पहले रिलीज़ हुई ‘Barbie’ को ‘ओपेनहाइमर’ ने बॉक्स ऑफिस पर पहले ही दिन इन फिल्मों को पीछे छोड़ दिया है। इस फिल्म में फिजिसिस्ट जे. रॉबर्ट की कहानी को भी दर्शाया गया। जिसे किलियन मर्फी ने बखूबी तौर पर निभाया है। जिसकी वजह से ये फिल्म पहले ही दिन बॉक्स ऑफिस से अच्छी कमाई करने में कामयाब रही।

क्रिस्टोफर नोलेन की ‘Oppenheimer’ ने ‘बार्बी’ को दी मात

बॉक्स ऑफिस इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, Barbie भारत में पहले दिन 5 करोड़ से ओपनिंग हासिल की। जो कि पिछली कई फिल्मों की तुलना में ठीक-ठाक है। जबकि फिल्म ‘ओपेनहाइमर’ ने भारतीय सिनेमाघरों में पहले ही दिन 13.50 करोड़ रुपये का शानदार कलेक्शन हासिल किया है. और तो और, इस दौड़ में इसने “फास्ट एक्स” और “मिशन इम्पॉसिबल” दोनों की कमाई को पीछे छोड़ दिया है। अपने पहले दिन में, “फास्ट एक्स” और “मिशन इम्पॉसिबल” दोनों ने भारतीय बॉक्स ऑफिस पर लगभग 12 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था।

दिलचस्प बात यह है कि क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म “Oppenheimer” भारत में तमिल, तेलुगु, हिंदी और अंग्रेजी सहित कई भाषा विकल्पों के साथ रिलीज़ हुई थी। हैरानी की बात यह है कि फिल्म की कमाई का केवल 10 प्रतिशत हिस्सा हिंदी दर्शकों द्वारा देखा गया है, जबकि इस फिल्म ने दक्षिणी भारतीय क्षेत्रों से ज्यादा कमाई की है।

‘Oppenheimer’ फर्स्ट डे कलेक्शन

Oppenheimer First Day Collection In India: सिलियन मर्फी और रॉबर्ट डाउनी जूनियर के दमदार अभिनय से सजी फिल्म “ओपेनहाइमर” ने पहले ही दिन जबरदस्त कमाई की है। सैकनिल्क की शुरुआती ट्रेड रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्म ने 13.50 करोड़ का शानदार कलेक्शन किया है। जो इसे भारत में साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली पहली हॉलीवुड फिल्म बनाती है। जिसने “फास्ट एक्स” और “मिशन इम्पॉसिबल 7” पहले दिन के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। जहां “फास्ट एक्स” ने भारत में पहले दिन 12.5 करोड़ रुपये कमाए, वहीं “मिशन: इम्पॉसिबल – डेड रेकनिंग पार्ट वन” ने 12.3 करोड़ रुपये कमाए।

भारत में “ओपेनहाइमर” का ट्रेलर लोगो को काफी पसंद आया था जिस वजह लोग लंबे समय से इंतज़ार कर रहे थे है। यही कारण है कि फिल्म की एडवांस बुकिंग में फैंस ने काफी रूचि दिखाई।

जहां तक ऑक्यूपेंसी रिपोर्ट का सवाल है, अंग्रेजी भाषा के शो में कुल ऑक्यूपेंसी 48.76% दर्ज की गई। सुबह के शो में 39.91%, शाम के शो में 52% और रात के शो में 59% की शानदार ऑक्यूपेंसी देखी गई। फिल्म की लोकप्रियता और क्रेज ने निस्संदेह भारतीय सिनेमाघरों में इस फिल्म को अच्छी कमाई वसूलने का मौका दिया।

क्या है Oppenheimer फिल्म की कहानी?

ओपेनहाइमर” एक जीवनी पर आधारित बायोग्राफी ड्रामा है जो जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर के जीवन पर केंद्रित है, जिन्हें व्यापक रूप से परमाणु बम के जनक के रूप में जाना जाता है। यह फिल्म ‘ट्रिनिटी’ के नाम से जाने जाने वाले पहले परमाणु परीक्षण में ओपेनहाइमर की महत्वपूर्ण भागीदारी के इर्द-गिर्द घूमती है। यह परीक्षण और उसके बाद की घटनाओं को दिलचस्प ढंग से चित्रित करता है।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सेट की गई यह फिल्म संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा हिरोशिमा और नागासाकी पर किए गए विनाशकारी परमाणु बम विस्फोटों पर प्रकाश डालती है। इन हमलों के परिणामस्वरूप अनगिनत लोगों की जान चली गई, और इसका प्रभाव कई वर्षों तक महसूस किया गया क्योंकि जापान को इससे उबरने के लिए संघर्ष करना पड़ा। यह फिल्म मानवीय इच्छाओं के परिणामों पर प्रकाश डालती है जो अंततः मानव जीवन के विनाश का कारण बन सकती हैं।

Exit mobile version