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Ghaziabad Housing Scheme: गाजियाबाद में घर बसाने का मौका

Ghaziabad Housing Scheme: हरनंदी पुरम टाउनशिप के विकास के लिए Ghaziabad विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने स्थायी और अस्थायी निर्माण का आंकलन शुरू कर दिया है। इसके बाद किए गए निर्माण को मान्यता दी जाएगी। जीडीए सचिव इस योजना के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए हैं।

ड्रोन द्वारा भूमि का सर्वे

Ghaziabad विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने हरनंदी पुरम टाउनशिप को विकसित करने के लिए योजना बनाई है और इसकी कार्यान्वयन प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत ड्रोन सर्वे के जरिए चिह्नित भूमि का सर्वेक्षण किया गया है। ड्रोन की मदद से स्थायी और अस्थायी निर्माण के अलावा खाली पड़ी भूमि का भी निरीक्षण किया जा रहा है।

Ghaziabad Housing Scheme: 16 अक्टूबर को टेंडर खुलेंगे

चिह्नित भूमि पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यदि कोई व्यक्ति इस भूमि पर निर्माण करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। योजना को आगे बढ़ाने के लिए प्राधिकरण ने टेंडर जारी किए हैं, जो 16 अक्टूबर को खोले जाएंगे।

किसानों से जमीन की खरीद

टाउनशिप के नोडल अधिकारी जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि शासन की मंजूरी मिलने के बाद टाउनशिप के लिए भूमि की दर निर्धारित की जाएगी। भूमि अधिग्रहण के लिए पहले धारा 11 का कार्य किया जाएगा। इसके बाद उस क्षेत्र में कोई भी भूमि का लेन-देन नहीं हो सकेगा। प्राधिकरण किसानों के साथ बातचीत करके जमीन खरीदेगा। भूमि की कीमत तय करने के लिए डीएम की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी।

विकास के रंग भरते 55 गांव

Ghaziabad जिले के विकास के लिए 55 कम आबादी वाले गांवों को आदर्श बनाने के लिए चिह्नित किया गया है। ये गांव कूड़ा निस्तारण और जल संरक्षण में उत्कृष्टता हासिल करेंगे।

स्वच्छता के लिए चल रहे कार्य

इन गांवों में कूड़ा संग्रहण और पृथकीकरण, नालियों, सोख्ता गड्ढों, सेनेटरी सुधार, सीमेंट के डस्टबिन, कूड़ा वाहन, कंपोस्ट पिट, सामुदायिक कंपोस्ट पिट और स्वच्छता किट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह कार्य तेजी से चल रहा है, और पहले से 100 गांवों में ये प्रयास जारी हैं।

ओडीएफ प्लस योजना

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेस-2 योजना के तहत 55 गांवों को ओडीएफ प्लस और आदर्श बनाया जा रहा है। पंचायती राज विभाग ने ग्राम पंचायतों के लिए 2.13 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है, जिससे काम शुरू हो चुका है।

कुल 155 गांवों में विकास कार्य

पहले चरण में 100 गांवों में कार्य चल रहा है, जिसके बाद कम आबादी वाले 55 गांवों का चयन किया गया। इस प्रकार कुल 155 गांवों में विकास कार्य जारी है। कम आबादी वाले गांवों को आदर्श गांव के रूप में विकसित किया जा रहा है।

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पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित गांव

कम आबादी वाले गांवों को पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि बाहर से आने वाले लोगों को इन गांवों का भ्रमण कराया जा सके। इन गांवों में साफ-सफाई और पौधारोपण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, और कूड़ा किसी भी स्थान पर दिखाई नहीं देगा।

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Ghaziabad Pollution: गाजियाबाद की हवा देश में सबसे ज्यादा खराब

Ghaziabad Pollution: Ghaziabad में पिछले तीन दिनों से वायु प्रदूषण सबसे खराब श्रेणी में रहा है। देश के 243 शहरों में गाजियाबाद सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहाँ वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 275 दर्ज किया गया। यह पहली बार नहीं है कि गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर बना है। इसके बावजूद संबंधित विभागों के अधिकारी इस स्थिति पर चुप्पी साधे हुए हैं और जमीन पर कोई ठोस कार्यवाही नज़र नहीं आ रही है।

Ghaziabad के बाद ग्रेटर नोएडा भी प्रदूषण की चपेट में

Ghaziabad के बाद, ग्रेटर नोएडा 271 AQI के साथ दूसरे स्थान पर रहा। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB), GDA, नगर निगम, परिवहन विभाग समेत जिले के 20 से अधिक विभाग प्रदूषण के बढ़ते स्तर को रोकने में असफल साबित हो रहे हैं।

Ghaziabad Pollution: सड़कों पर धूल कम करने के लिए छिड़काव नहीं हो रहा

प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी विभाग समन्वय बनाकर योजनाएं बनाने का दावा करते हैं, लेकिन धरातल पर स्थिति बिल्कुल विपरीत है। नगर निगम, GDA और PWD की जिम्मेदारी है कि वे सड़कों पर धूल उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव करें, लेकिन छिड़काव का दावा करने के बावजूद, वास्तविकता में यह काम नहीं हो रहा और सड़कों पर धूल लगातार उड़ रही है।

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अवैध फैक्ट्रियां चल रही हैं धड़ल्ले से

जिला प्रशासन और UPPCB के अधिकारी अवैध फैक्ट्रियों को बंद करने की बात कर रहे हैं, लेकिन लोनी, भोपुरा, साहिबाबाद समेत कई इलाकों में अवैध फैक्ट्रियां अब भी धड़ल्ले से चल रही हैं। विभागीय अधिकारियों ने ऐसे सभी कारकों को चिन्हित कर लिया है, जो इस बढ़ते प्रदूषण का मुख्य कारण बने हुए हैं, परन्तु कार्रवाई की गति धीमी है।

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