Jitiya Vrat 2024: जितिया व्रत तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

जितिया व्रत: तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि जाने अधिक जानकारी के लिए पढ़ें

Jitiya Vrat : जितिया व्रत कब है, यह सवाल हर साल महिलाओं के मन में उठता है। इस साल जितिया व्रत का नहाय-खाय 22 सितंबर और पारण 25 सितंबर को है।आइए जानते हैं जितिया व्रत से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी विस्तार से।

जितिया व्रत, जिसे जीवितपुत्रिका व्रत भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में माताओं का एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत अपनी संतान की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए किया जाता है। मान्यता है कि भविष्य पुराण के अनुसार इस व्रत को करने से संतान की आयु लंबी होती है।

यह व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी वृद्धा अष्टमी से शुरू होता है और नवमी तिथि को पारण किया जाता है। इस व्रत में भगवान जीमूतवाहन की पूजा की जाती है। यह व्रत काफी कठिन होता है क्योंकि व्रती महिलाएं 36 घंटे तक निराहार रहती हैं।

इस साल जितिया व्रत की तिथि को लेकर कुछ उलझन है। पंचांग के अनुसार, कभी-कभी सप्तमी और अष्टमी तिथि दोनों को ही वृद्धा अष्टमी कहा जाता है। इसलिए, सटीक तिथि जानने के लिए स्थानीय पंडित या पंचांग का सहारा लेना बेहतर होगा।

जितिया नहाय खाय कब है

जितिया व्रत की शुरुआत नहाय-खाय से होती है जो इस साल 23 सितंबर को है। इस पवित्र दिन, माताएं नदी या तालाब में स्नान करके अपनी संतान के सुख और समृद्धि के लिए भगवान जीमूतवाहन की पूजा करती हैं। तेल और झिमनी के पत्तों का विशेष महत्व है, जिन्हें संतान के माथे पर लगाकर आशीर्वाद दिया जाता है।

जितिया ओठगन कब है

जितिया व्रत का ओठन एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इस साल, शास्त्रों के अनुसार, 24 तारीख को सूर्योदय से 2 घंटे पहले ओठन करना शुभ माना जाता है। ओठन के समय, व्रती महिलाएं चूड़ा दही या अपनी पसंद का कोई अन्य भोजन ग्रहण करती हैं। एक विशेष परंपरा के अनुसार, वे दरवाजे से शरीर को टिकाकर पानी पीती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस प्रक्रिया से न केवल उनकी संतान बल्कि उनके भाइयों को भी दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है।

ओठन के बाद से ही व्रती महिलाओं का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। यह व्रत अगले दिन पारण के समय तक जारी रहता है।

जितिया व्रत की तारीख

आपने बिल्कुल सही कहा है। इस वर्ष पंचांग के अनुसार, 24 तारीख की दोपहर बाद से अष्टमी तिथि लग रही है। चूंकि जितिया व्रत सप्तमी वृद्धा अष्टमी पर किया जाता है, इसलिए इस बार व्रत की शुरुआत 24 तारीख की सुबह से ही मान ली जाएगी। और जब अष्टमी तिथि का समापन होगा, यानी 25 तारीख को जितिया व्रत का पारण किया जाएगा।

जितिया व्रत का पारण

आपने बिल्कुल सही कहा है। इस वर्ष जितिया व्रत का पारण 25 तारीख को शाम 5 बजकर 25 मिनट पर होगा। इसी समय व्रती महिलाओं को दातुन लेना चाहिए। इसके बाद स्नान करके पूजा-पाठ करना चाहिए और फिर अन्न-जल ग्रहण करना चाहिए