Himachal Lok Sabha Election 2024: Lok Sabha चुनावों के लिए कल यानी 1 जून को होने वाले मतदान के मद्देनजर, पुलिस ने चंबा की सीमाओं सहित अन्य स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। सुरक्षा के लिहाज से, जिला चंबा की अन्य राज्यों के साथ लगती सीमाएं और कुछ अन्य क्षेत्र अति संवेदनशील हैं। इसलिए, मतदान से पहले पुलिस ने जम्मू-कश्मीर और Himachal को जोड़ने वाले सेवा नदी पर बने पुल से लेकर खैरी के चूहन सिंधारा, खुंडी मराल और लंगेरा से होकर चुराह घाटी की सीमाएं पूरी तरह से सील कर दी हैं।
Himachal Lok Sabha Election 2024: पंजाब से लगती सीमाओं पर भी कड़ी नजर
खैरी सेक्टर के साथ-साथ पंजाब से लगती सीमाओं पर भी हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है। मतदान से पहले, जिले के हर क्षेत्र में चौकसी बढ़ाते हुए दिन-रात पेट्रोलिंग की जा रही है। पड़ोसी राज्यों से जिले में प्रवेश करने वाले वाहनों की गहन चेकिंग और निगरानी के साथ ही एंट्री दी जा रही है।
पड़ोसी राज्यों से होकर गुजरने वाली बसों और निजी वाहनों की भी जांच की जा रही है, साथ ही गाड़ियों में रखे सामान की प्रमुखता से जांच की जा रही है ताकि शांत प्रदेश में संदिग्ध गतिविधियों से किसी तरह की अशांति न फैल सके और चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके। उधर, मिलिट्री फोर्स के जवान भी सुरक्षा के मद्देनजर विभिन्न स्थानों पर नजर बनाए हुए हैं।
आतंकी घटनाओं से अछूता नहीं है चंबा
1993 में चंबा के किहार क्षेत्र के गांव जलाड़ी में घटी आतंकी घटना ने सबको भयभीत कर दिया था। आतंकवादी एक घर में घुसकर दो लोगों को गोली मारकर भाग निकले थे। सलूणी के लंगेरा क्षेत्र में, जम्मू के साथ लगते पधरी जोत से दो चरवाहों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद, चंबा पुलिस ने दो आतंकवादियों को मार गिराया था। 1995 में मनसा धार में आतंकियों ने दो पुलिस जवानों को गोली मारकर हत्या कर दी थी। 1996 में आतंकवादियों ने किहार सेक्टर में दो भेड़पालकों को लूट लिया था।
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आतंकियों ने दिल दहला देने वाली घटनाओं को अंजाम दिया था।
1998 में चुराह के कालाबन में आतंकियों ने दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम दिया था। चंबा-पांगी सड़क मार्ग के कार्य में लगे निर्दोष मजदूर, जो अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए काम कर रहे थे, कार्य से लौटकर अपने टेंट में चुराह (कालाबन सतरूंडी) में आराम कर रहे थे। उसी वक्त जम्मू-कश्मीर की सीमा पार कर आतंकी कालाबन पहुंच गए और आराम कर रहे 35 मजदूरों को मौत के घाट उतार दिया।
यह घटना 3 अगस्त 1998 की है। बताया जाता है कि पहले आतंकियों ने मजदूरों को एक लाइन में खड़ा किया और उनके हाथ बांध दिए। फिर एक-एक करके सभी पर गोलियां बरसाईं। इसके अलावा लंगेरा, पांगी, खैरी और तीसा क्षेत्रों में भी इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं।
जिले में लगभग 20 मतदान केंद्र अति संवेदनशील हैं
जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों में कुल 631 मतदान केंद्र हैं। इनमें से 20 अति संवेदनशील हैं। इसके अलावा 611 सामान्य मतदान केंद्र हैं। इनमें 593 केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में और 28 केंद्र शहरी क्षेत्रों में बनाए गए हैं। इन केंद्रों में चार लाख से अधिक मतदाता हैं, जो दो संसदीय क्षेत्रों के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे।
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