Wednesday, November 13, 2024
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रद्दी के कबाड़ से बनाई 800 करोड़ की कंपनी। जानिये Poonam Gupta PG Papers की सफलता की कहानी

पूनम गुप्ता की कंपनी का नाम पीजी पेपर कंपनी लिमिटेड है। पहले यह यूरोप और अमेरिका की कंपनियों से स्क्रैप पेपर खरीद रही थी। अब यह दुनिया के कई देशों से स्क्रैप लेता है। वे अच्छी गुणवत्ता का कागज भी तैयार करते हैं और दूसरे देशों को भेजते हैं

आपने अक्सर यह पंक्ति सुनी होगी “एक विचार जो आपकी जिंदगी बदल देता है”, ऐसे ही एक विचार ने पूनम गुप्ता ( Poonam Gupta)की जिंदगी बदल दी। पढ़ाई पूरी करने के बाद पूनम गुप्ता नौकरी की तलाश में थी। इसके बाद उन्होंने स्कॉटलैंड में रहने वाले एक एनआरआई से शादी कर ली। शादी के बाद वह स्कॉटलैंड चली गईं और वहां भी कंपनियों में नौकरी की तलाश में रहीं।

कंपनियों में भटकने के दौरान उन्हें नौकरी तो नहीं मिली, लेकिन वहां उन्हें एक बिजनेस आइडिया मिला और उसी आइडिया पर काम करते हुए उन्होंने अपनी खुद की कंपनी शुरू की।

जन्म:17 अगस्त 1976, नई दिल्ली
शिक्षा:लेडी श्रीराम कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ऑनर्सएमबीए
पद:PG Papers कंपनी लिमिटेड की संस्थापक
टर्नओवर:आठ सौ करोड़ रुपये – 800 CRORE

कौन हैं पूनम गुप्ता? Who is Poonam Gupta ?

47 वर्षीय पूनम गुप्ता का जन्म 17 अगस्त 1976 को नई दिल्ली में हुआ था। पूनम की स्कूली शिक्षा दिल्ली में हुई, वह बचपन से ही एक मेधावी छात्रा थीं, इसलिए अपनी योग्यता के आधार पर उन्हें दिल्ली पब्लिक स्कूल में दाखिला मिल गया। इसके बाद पूनम ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इकोनॉमिक्स में ऑनर्स की डिग्री हासिल की और फिर एमबीए की डिग्री पूरी की।

नौकरी ढूंढने का संघर्ष शुरू हुआ

पढ़ाई पूरी करने के बाद पूनम अपनी पहली नौकरी पाने के लिए संघर्ष कर रही थीं। उन्होंने जहां भी आवेदन किया, अनुभव की कमी के कारण उनका आवेदन खारिज कर दिया गया। इसी दौरान उन्होंने स्कॉटलैंड में भारतीय मूल के फार्मासिस्ट पुनीत गुप्ता से शादी की और अच्छी नौकरी भी की। पुनीत के साथ पूनम भी स्कॉटलैंड पहुंच गईं, जहां उन्होंने नौकरी की तलाश शुरू कर दी. लेकिन यहां भी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और उनके सभी आवेदन खारिज कर दिए गए।

रद्दी से आया बिज़नेस का आईडिया

उन्होंने स्कॉटलैंड में नौकरियों के लिए विभिन्न कंपनियों का दौरा किया, लेकिन अनुभव की कमी के कारण उनके आवेदन लगातार खारिज कर दिए गए। जब उसने इन विभिन्न कार्यालयों का दौरा किया, तो उसने देखा कि प्रत्येक कार्यालय में कूड़े के ढेर लगे थे। कचरे के इस ढेर को देखकर उनके मन में विचार आया कि क्या इस कचरे को रिसाइकल कर ताजा कागज बनाया जाना चाहिए। पूनम ने इस विचार पर आगे शोध किया, इस दौरान उन्हें स्कॉटिश सरकार की एक योजना के तहत 1 लाख रुपये की फंडिंग भी मिली।

इसके बाद 2003 में उन्होंने पीजी पेपर्स कंपनी लिमिटेड नाम से अपनी कंपनी शुरू की, जिसके तहत बेकार कागज को रिसाइकल कर बेहतर गुणवत्ता के नए कागज बनाए जाते हैं। आज पूनम का कारोबार स्कॉटलैंड, यूरोप, अमेरिका और भारत समेत 60 देशों में फैला हुआ है और उनकी कंपनी का टर्नओवर 800 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। जहां कभी पूनम नौकरी पाने के लिए ऑफिस-ऑफिस भटकती थीं, आज वही पूनम कई बड़ी कंपनियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट करके बिजनेस कर रही हैं।

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