Tuesday, September 17, 2024
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Auto Taxi Strike: दिल्ली-NCR में आज सड़कों पर नहीं उतरेंगे चार लाख Auto Taxi

Auto Taxi Strike: अगर आपको आज गुरुवार और कल शुक्रवार को NCR में किसी जरूरी काम से जाना हो, तो पूरी तैयारी के साथ निकलें, क्योंकि Auto Taxi चालकों की हड़ताल से परेशानी हो सकती है। NCR के प्रमुख ऑटो और टैक्सी चालक संगठनों ने 22 और 23 अगस्त को हड़ताल की घोषणा की है। इस दौरान करीब चार लाख यात्री वाहन सड़कों पर नहीं चलने की आशंका है।

Auto Taxi Strike: अगर आपको आज गुरुवार और कल शुक्रवार को NCR में किसी जरूरी काम से जाना हो, तो पूरी तैयारी के साथ निकलें, क्योंकि Auto Taxi चालकों की हड़ताल से परेशानी हो सकती है। NCR के प्रमुख ऑटो और टैक्सी चालक संगठनों ने 22 और 23 अगस्त को हड़ताल की घोषणा की है। इस दौरान करीब चार लाख यात्री वाहन सड़कों पर नहीं चलने की आशंका है।

हड़ताल में 15 से अधिक यूनियन शामिल

इस हड़ताल से Auto Taxi, और एप आधारित कैब सेवाएं प्रभावित होंगी। टैक्सी चालक सेना यूनियन, दिल्ली ऑटो तिपहिया ड्राइवर यूनियन, राजधानी टूरिस्ट ड्राइवर यूनियन सहित एनसीआर की 15 से अधिक प्रमुख ऑटो और टैक्सी यूनियनों ने दो दिवसीय संयुक्त हड़ताल की घोषणा की है।

Auto Taxi Strike: क्यों हड़ताल पर ड्राइवर?

आशंका है कि एक लाख ऑटो और चार लाख टैक्सियां, जिनमें एक लाख से अधिक कैब शामिल हैं, सड़कों पर नहीं चलेंगी। हड़ताल के साथ ही 22 अगस्त को जंतर-मंतर पर टैक्सी और ऑटो चालकों का धरना प्रदर्शन भी होगा।

ऑल दिल्ली Auto Taxi ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष किशन वर्मा ने कहा कि एक तरफ जहां एप आधारित कैब सेवाओं से ऑटो और टैक्सी चालकों को नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ कैब चालकों का एप कंपनियां शोषण कर रही हैं और उनसे मोटा कमीशन वसूल रही हैं। इनकी मनमानी पर कोई रोक नहीं है।

हड़ताल के कारण कौन-कौन प्रभावित होंगे?

जानकारी के अनुसार, टैक्सी ड्राइवर सेना यूनियन, दिल्ली ऑटो ट्राइसाइकिल ड्राइवर यूनियन और राजधानी टूरिस्ट ड्राइवर यूनियन सहित 15 से अधिक प्रमुख ऑटो और टैक्सी चालक यूनियनों ने इस हड़ताल में हिस्सा लिया है। इस विरोध प्रदर्शन के कारण लगभग चार लाख वाहन, जिनमें ऑटो और टैक्सियां शामिल हैं, सड़कों पर नहीं चलेंगे। इससे एनसीआर के लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

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यूनियनों की मांगें क्या हैं?

यूनियनों का कहना है कि एप आधारित कैब सेवाओं के चलते ऑटो और टैक्सी चालकों को नुकसान हो रहा है। इसके अलावा, कैब चालकों से एप कंपनियां अधिक कमीशन वसूल रही हैं और उनका शोषण कर रही हैं। बाइक टैक्सी और ई-रिक्शा के कारण भी इनके रोजगार पर बुरा असर पड़ा है। यूनियनों का आरोप है कि केंद्र और राज्य सरकारें इस स्थिति पर कोई सख्त कदम नहीं उठा रही हैं, जिससे उन्हें अपने हक की लड़ाई के लिए हड़ताल पर जाना पड़ रहा है।

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