कोविड-19 के बाद अमेरिका में एक और भयानक वायरस ने दस्तक दी है। यह वायरस बच्चों को विशेष रूप से निशाना बना रहा है और इसके लक्षण पोलियो जैसी गंभीर बीमारी से मिलते-जुलते हैं। वैज्ञानिक अभी भी इस वायरस के बारे में अधिक जानने की कोशिश कर रहे हैं और इसके लिए कोई प्रभावी वैक्सीन भी नहीं है। इस वजह से सावधानी और बचाव ही इस वायरस से बचने का एकमात्र तरीका है।
कोविड-19 महामारी के बाद अमेरिका में एक नया सांस संबंधी वायरस तेजी से फैल रहा है। फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यह वायरस मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित कर रहा है और इसके कारण कई बच्चों में पोलियो जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं। वैज्ञानिक अभी भी इस वायरस के बारे में अधिक जानने की कोशिश कर रहे हैं और इसके लिए कोई प्रभावी इलाज भी नहीं मिला है।
दरअसल, हाल के पानी के नमूनों में एंटरोवायरस डी68 नामक एक वायरस की मात्रा में काफी वृद्धि देखी गई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वायरस एक्यूट फ्लेसिड मायलाइटिस (एएफएम) नामक एक गंभीर बीमारी से जुड़ा हो सकता है। एएफएम एक ऐसी स्थिति है जिसमें तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है और इससे बच्चों के हाथ और पैरों में गंभीर कमजोरी हो सकती है। छोटे बच्चे इस बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
लक्षण
आमतौर पर एंटरोवायरस हल्के लक्षण जैसे नाक बहना, खांसी और सिरदर्द पैदा करते हैं। लेकिन साल 2014 में, एंटरोवायरस डी68 के एक नए स्ट्रेन ने गंभीर समस्याएं पैदा कर दीं। इस स्ट्रेन के कारण 120 से अधिक बच्चों में एक्यूट फ्लेसिड मायलाइटिस (एएफएम) नामक बीमारी देखी गई। यह पहली बार था जब अमेरिका में बच्चों में एएफएम के मामलों में इतनी तेजी से वृद्धि हुई थी।
अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने 3 सितंबर, 2024 तक एएफएम के मामलों की जांच पूरी की है। इस जांच में 22 संभावित रोगियों की जांच की गई, जिनमें से 13 में एएफएम की पुष्टि हुई है। यह पिछले साल, 2023 में हुए 40 संभावित मामलों में से 18 की पुष्टि के मुकाबले है।
इलाज
अभी तक EV-D68 वायरस के लिए कोई दवा या वैक्सीन नहीं बनी है। डॉक्टर इस वायरस के बारे में बहुत से सवालों के जवाब ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं, खासकर यह जानने के लिए कि यह वायरस लंबे समय तक शरीर पर क्या असर डालता है। इस वायरस के बारे में अभी और बहुत कुछ जानने की ज़रूरत है.
बचाव
चूंकि EV-D68 वायरस के लिए अभी कोई विशिष्ट चिकित्सा या टीका उपलब्ध नहीं है, अतः रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाना ही एकमात्र रणनीति है। कुछ बुनियादी स्वच्छता उपायों को अपनाकर हम इस वायरस के प्रसार को रोक सकते हैं, उदाहरण के लिए…
- बार-बार हाथ धोएं: साबुन और पानी से नियमित रूप से हाथ धोना सबसे महत्वपूर्ण बात है। खासकर खाना खाने से पहले, बाहर से आने के बाद और किसी बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद।
- बीमार लोगों से दूरी बनाएं: अगर कोई व्यक्ति सर्दी, जुकाम या फ्लू से पीड़ित है तो उससे संपर्क से बचें।
- बाहरी भोजन और पानी से बचें: जहाँ तक हो सके, बाहर का खाना या पानी पीने से बचें। अगर आपको बाहर खाना पड़े तो साफ-सुथरे स्थानों को चुनें।
- बच्चों पर विशेष ध्यान दें: अगर आपके बच्चे को सांस लेने में दिक्कत या श्वसन संबंधी कोई समस्या है तो विशेष ध्यान रखें।
- सर्दी-जुकाम को न करें नज़रअंदाज: अगर आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को सर्दी-जुकाम हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
निष्कर्ष
क्योंकि अभी तक इस वायरस का इलाज नहीं मिल पाया है, इसलिए हमें खुद को बचाने की कोशिश करनी चाहिए। खासकर बच्चों का बहुत ध्यान रखना चाहिए क्योंकि वे जल्दी बीमार पड़ जाते हैं। बड़े लोगों को भी सावधान रहना चाहिए। अभी बस सावधानी ही हमारा सबसे अच्छा हथियार है।