Water Crisis in Uttarakhand: सूख रहे 62 ट्यूबवेलों को वर्षा के पानी से रीचार्ज करेगा जल संस्थान

Water Crisis in Uttarakhand: Uttarakhand में सूख रहे 62 ट्यूबवेलों को जल संस्थान रेन वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से रीचार्ज किया जाएगा। इसके लिए सभी ट्यूबवेलों के पास गड्ढा खोदा जाएगा, जिसमें वर्षा का पानी संचित किया जाएगा। इसके लिए 50 मीटर गहरे पाइप को भूमि में डाला जाएगा। पाइप के ऊपर फिल्टर बेड लगेगा, जिससे बारिश का पानी छानकर अंदर प्रवेश करेगा। इस निर्माण की लागत 1.97 करोड़ रुपये होगी, जिसके लिए 1.18 करोड़ रुपये पहले से ही स्वीकृत हैं।

Water Crisis in Uttarakhand: Uttarakhand में सूख रहे 62 ट्यूबवेलों को जल संस्थान रेन वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से रीचार्ज किया जाएगा। इसके लिए सभी ट्यूबवेलों के पास गड्ढा खोदा जाएगा, जिसमें वर्षा का पानी संचित किया जाएगा। इसके लिए 50 मीटर गहरे पाइप को भूमि में डाला जाएगा। पाइप के ऊपर फिल्टर बेड लगेगा, जिससे बारिश का पानी छानकर अंदर प्रवेश करेगा। इस निर्माण की लागत 1.97 करोड़ रुपये होगी, जिसके लिए 1.18 करोड़ रुपये पहले से ही स्वीकृत हैं।

Water Crisis in Uttarakhand: पिछले दिनों वर्षा न होने से कम हो गया भू-जल स्तर

पिछले दिनों वर्षा न होने से देवभूमि में भू-जल स्तर कम हो गया है। इस अत्यंत गर्मी के कारण प्रदेश में अधिकांश ट्यूबवेल सूखने के खतरे में हैं और अक्सर उनकी गहराई बढ़ाकर पानी निकाला जा रहा है। इस समस्या का समाधान करने के लिए जल संस्थान ने 62 ट्यूबवेलों को चिह्नित कर उन्हें रीचार्ज करने की योजना बनाई है। इन ट्यूबवेलों के पास गड्ढा खोदा जाएगा, ताकि आने वाली वर्षा से उनकी रीचार्जिंग शुरू हो सके।

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रीचार्जिंग कार्य के लिए जल संस्थान के इंजीनियरों को मुख्यालय से एक सप्ताह की ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे मानक के अनुसार कार्य को सम्पन्न कर सकें। इसके अलावा, सभी ट्यूबवेलों में सफलतापूर्वक रेन वाटर हार्वेस्टिंग भी शुरू की जाएगी। जल संस्थान के महाप्रबंधक धर्मेंद्र कुमार सिंह वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इंजीनियरों को ट्रेनिंग देंगे।

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