Fennel Benefits: पाचन के लिए सौंफ़ के फायदे

Fennel Benefits: गर्मियों में गर्मी की समस्याओं से बचने के लिए और शरीर की पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए सौंफ, नागवेली के पत्ते, गुलकंद को मिक्सर में पीस लें और इसे दूध के साथ लेने से गर्मी की समस्याएं दूर हो जाती हैं।

डिल का उपयोग माउथवॉश के लिए और पत्ते में मसाले के रूप में किया जाता है, इससे सभी परिचित हैं। भारत में पुराने समय से ही सौंफ का उपयोग सभी की रसोई में अचार, पापड़, मसाला, पूरनपोली और सब्जियों में किया जाता रहा है। मराठी में ‘बडीशेप’, हिंदी में ‘सौंफ’, संस्कृत में ‘शतपुष्पा’, अंग्रेजी में ‘फेनेल’ और शास्त्रीय भाषा में ‘फोनीकुलम वल्गारे’ के नाम से जानी जाने वाली सौंफ, ‘उम्बेलिफेरे’ परिवार से संबंधित है।

डिल की खेती भारत में हर जगह की जाती है। उत्तरी गुजरात में उंझा सौंफ व्यापार के लिए एक प्रसिद्ध स्थान है। सौंफ का पौधा तीन फुट लंबा और सुगंधित होता है। यह पौधा दिखने में पूंछ वाले पौधे के समान होता है। इस पौधे के तने सुंदर होते हैं। ये वे पौधे हैं जिन पर शुरुआत में पीले फूल लगते हैं। इन फूलों में सौंफ़ के बीज होते हैं।

औषधीय गुण
आयुर्वेद के अनुसार:
सौंफ दीपन, पाचक, बुद्धिवर्धक, कफनाशक, हृदयवर्धक, कसैला, रुचिकारक, बलवर्धक, वमनकारक, अतिसार और पेचिशनाशक है।

आधुनिक विज्ञान के अनुसार: सौंफ में फाइबर, प्रोटीन, वसा, कैलोरी, स्टार्च, कैल्शियम, विटामिन ‘ए’ और ‘बी’, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सोडियम, आयरन होता है।

सौंफ़ के फायदे और प्रयोग (Benefits and uses of Fennel)

  1. सौंफ के पानी को दानेदार चीनी के साथ उबालकर उस पानी को पीने से हैजा ठीक हो जाता है।
  2. अगर सीने में जलन हो रही हो और पेट में गर्मी महसूस हो रही हो तो ऐसे में रात को पानी में सौंफ भिगो दें और सुबह इसे पीने से पेट की गर्मी दूर हो जाती है। साथ ही गर्मी के दिनों में लू से बचाव और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इस पानी को बार-बार पिएं।
  3. अधिक या कम भोजन करने से पेट में दर्द होने लगता है। ऐसे समय में अगर आप भुनी हुई सौंफ और धनिया खाते हैं तो खाया हुआ खाना पचकर तुरंत राहत मिलती है।
  4. बच्चे की दिनचर्या में भुनी सौंफ, ओवा, तिल, धनिया मिलाकर भोजन के बाद देना चाहिए। यह अधिक मात्रा में लिये गये भोजन को पचा नहीं पाता और अमा उत्पन्न नहीं करता। जिससे बच्चे को शुद्ध दूध की आपूर्ति होती है।
  5. सौंफ का सेवन करने से शरीर में खून साफ ​​होता है और त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं। खून साफ ​​होने से त्वचा का रंग भी निखरता है।
  6. अगर आप बार-बार कब्ज से परेशान रहते हैं तो रात को सोने से पहले गर्म पानी के साथ सौंफ का पाउडर लेने से मल साफ हो जाएगा और पेट में गैस कम हो जाएगी।
  7. चना और मटकी जैसी दालों से बने खाद्य पदार्थ पेट में गैस का कारण बनते हैं। इसलिए यदि इस पदार्थ से भोजन बनाते समय सौंफ का उपयोग किया जाए तो पेट में गैस उत्पन्न नहीं होती है।
  8. गर्मियों में गर्मी की समस्याओं से बचने के लिए और शरीर की पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए सौंफ, नागवेली के पत्ते, गुलकंद को मिक्सर में पीस लें और इसे दूध के साथ लेने से गर्मी की समस्याएं दूर हो जाती हैं। इस शीतलता से मन और शरीर को सुखद अनुभूति होती है।
  9. सौंफ एक उत्तेजक औषधि है। इसलिए बच्चों, छोटे बच्चों और कामकाजी वर्ग की बुद्धि को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से भोजन के बाद भुनी हुई सौंफ खानी चाहिए। कई कारणों से कई लोगों को शारीरिक कमजोरी के साथ-साथ मानसिक थकान भी महसूस होती है, ऐसे समय में अगर सौंफ खाई जाए तो शरीर ऊर्जावान महसूस करेगा।
  10. अगर आपको अपच के कारण डकारें आ रही हैं तो सौंफ को पानी में उबालकर उसमें थोड़ी सी दानेदार चीनी मिला लें और इस काढ़े को गर्म ही रहने पर पीने से अपच ठीक हो जाता है।

11। सौंफ, तिल-धनदाल, अलसी को भूनकर इसमें थोड़ा नमक और नींबू का रस मिलाकर एक बोतल में रख लें और भोजन के बाद इस मिश्रण को खाने से मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है और भोजन का पाचन सुचारू रूप से होता है।

  1. अगर छोटे बच्चों को सौंफ का अर्क पिलाया जाए तो उन्हें बार-बार अपच, उल्टी और गैस की समस्या नहीं होती है।

सावधानी:

कुछ लोग बार-बार सौंफ का सेवन करते हैं और इसके आदी हो जाते हैं। लेकिन ऐसा न करके इसका प्रयोग भोजन के बाद मुंह की सफाई और खाए गए भोजन को पचाने के लिए थोड़ी मात्रा में ही करना चाहिए। अगर आप अधिक मात्रा में सौंफ खाएंगे तो आपके मुंह के अंदर छाले हो जाएंगे। साथ ही पेट में सूजन और गर्मी भी महसूस हो सकती है।

हेल्थ से रिलेटेड अपडेट्स पलभर में देखे Buzztidings Hindi पर। For more related stories, follow: Health News in Hindi