Tripura Sundari Temple
राजस्थान के दक्षिणांचल में स्थित बांसवाड़ा जिला अपने सुंदरता के लिए मशहूर है। इसके साथ ही यहां सैंकड़ों साल प्राचीन कई मंदिर हैं, जिससे यह धार्मिक आस्था का भी केंद्र बनता जा रहा है। यहीं एक सिद्ध माता त्रिपुरा सुंदरी का मंदिर है, जो 52 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि मंदिर में मांगी हर मनोकामना देवी पूर्ण करती हैं, यही वजह है कि आमजन से लेकर नेता तक मां के दरबार में पहुंचकर हाजिरी लगाते हैं।
भक्तों का कहना है कि प्रात:कालीन बेला में कुमारिका, मध्यान्ह में यौवना और सायंकालीन वेला में प्रौढ़ रूप में मां के दर्शन होती है। इसी कारण माता को त्रिपुरा सुंदरी कहा जाता है। हालांकि, यह भी कहा जाता है कि मंदिर के आस-पास पहले कभी तीन दुर्ग थे। शक्तिपुरी, शिवपुरी और विष्णुपुरी नामक इन तीन पुरियों में स्थित होने के कारण देवी का नाम त्रिपुरा सुंदरी पड़ा।
वर्तमान में इस मंदिर के उत्तरी भाग में सम्राट कनिष्क के समय का एक शिवलिंग है। मान्यता है कि यह स्थान कनिष्क के पूर्व-काल से ही प्रतिष्ठित रहा होगा। वहीं कुछ विद्वान देवी मां की शक्तिपीठ का अस्तित्व यहां तीसरी सदी से पूर्व मानते हैं। उनका कहना है कि पहले यहां ‘गढ़पोली’ नामक एक ऐतिहासिक नगर था। ‘गढपोली’ का अर्थ है-दुर्गापुर। ऐसा माना जाता है कि गुजरात, मालवा और मारवाड़ के शासक त्रिपुरा सुंदरी के उपासक थे।