Wednesday, October 16, 2024
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Vettaiyan Review: आमने-सामने अमिताभ बच्चन-रजनीकांत

Vettaiyan Review: फिल्मों में पुलिस की वर्दी में अभिनेताओं का प्रभाव बखूबी दिखाया जाता है। जुर्म की दुनिया के दानवों को ठिकाने लगाने के लिए पुलिस अक्सर सिल्वर स्क्रीन पर हथियार उठाते हुए नजर आती है। लेकिन कभी-कभी गुंडों का एनकाउंटर करना प्रशासन के लिए मुश्किल बन जाता है। इसी कहानी को रजनीकांत और अमिताभ बच्चन की बहुचर्चित फिल्म Vettaiyan में रोचक तरीके से पेश किया गया है।

Vettaiyan Review: फिल्मों में पुलिस की वर्दी में अभिनेताओं का प्रभाव बखूबी दिखाया जाता है। जुर्म की दुनिया के दानवों को ठिकाने लगाने के लिए पुलिस अक्सर सिल्वर स्क्रीन पर हथियार उठाते हुए नजर आती है। लेकिन कभी-कभी गुंडों का एनकाउंटर करना प्रशासन के लिए मुश्किल बन जाता है। इसी कहानी को रजनीकांत और अमिताभ बच्चन की बहुचर्चित फिल्म Vettaiyan में रोचक तरीके से पेश किया गया है।

Vettaiyan Review: Vettaiyan की रिलीज

आज, 10 अक्टूबर से Vettaiyan तमिल, तेलुगु और हिंदी भाषाओं में सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। अगर आप इस मूवी को देखने का प्लान बना रहे हैं, तो पहले ये रिव्यू जरूर पढ़ लें।

Vettaiyan की कहानी

फिल्म की कहानी एक सरकारी स्कूल टीचर सरन्या (दुशारा विजयन) की हत्या से शुरू होती है। उसके हत्यारे का पता लगाने और सजा देने के लिए पुलिस ऑफिसर अथियन (रजनीकांत) की एंट्री होती है।

सूबे में इस तरह के कई अन्य मामले भी हुए हैं, जिससे पुलिस प्रशासन पहले से ही परेशान है। इन मुजरिमों को ठिकाने लगाने के लिए पुलिस एनकाउंटर राउंड शुरू करती है। लेकिन कहानी में क्या ट्विस्ट और टर्न्स आते हैं और कैसे अथियन नैतिक न्यायधीश सत्यदेव (अमिताभ बच्चन) के सामने आ जाता है, ये देखने के लिए आपको वेट्टैयन देखनी होगी।

कास्ट की एक्टिंग

फिल्म में रजनीकांत और अमिताभ बच्चन के अलावा रीतिका सिंह, राणा दग्गुबाती और फहाद फासिल जैसे कलाकारों ने महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। लेडी पुलिस ऑफिसर रूपा के किरदार में रीतिका ने शानदार एक्टिंग और एक्शन का प्रदर्शन किया है।

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सुपरस्टार नटराज यानी राणा दग्गुबाती ने भी दमदार अभिनय का उदाहरण पेश किया है। पैट्रिक के चुलबुले कैरेक्टर में फहाद फासिल ने भी अपना 100 प्रतिशत दिया है। हालांकि, फिल्म में कई दृश्य ऐसे हैं जब इनकी एक्टिंग थोड़ी बनावटी लगती है।

कंटेंट की कमजोर नब्ज

निर्देशक टीजे ज्ञानेवाल के जरिए वेट्टैयन की कहानी को समझने में थोड़ी चूक हो गई है। इसकी वजह से वास्तविकता की पृष्ठभूमि में फिल्म खरी नहीं उतरती। सिनेमैटोग्राफी ठीक-ठाक है, लेकिन वीएफएक्स के कुछ सीन असाधारण नहीं लगते। इन कारणों से वेट्टैयन एक एक्शन पैकेज के तौर पर हल्की साबित होती है।

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