Jagannath Puri धाम में मौजूद जगन्नाथ महाप्रभु के आंतरिक खजाने में कई दुर्लभ रत्न होने की बात कही जाती है। प्राचीन काल में विभिन्न राज्यों पर विजय प्राप्त करने के पश्चात महाप्रभु को कीमती रत्न, हीरा, जेवरात, मुकुट आदि दान किया जाता था, जिसे आंतरिक खजाने में रखा गया है। 1978 के बाद से महाप्रभु का आंतरिक खजाना खुला नहीं है। वहीं, आज यानी गुरुवार को प्रभु के आंतरिक रत्न भंडार (Ratna Bhandar Jagannath Puri) खुलने के बाद धीरे-धीरे खजानों के कई रहस्य सामने आएंगे।
माना जाता है कि रत्न भंडार में अलग-अलग धातुओं की महंगी मूर्तियां रखी गई हैं। ऐसे में करोड़ों Jagannath Puri भक्तों के साथ देश-दुनिया की नजर महाप्रभु के रत्न भंडार के खुलने एवं खजाने के रहस्य पर टिकी हैं। पुरी जगन्नाथ मंदिर का अंदरूनी रत्न भंडार पुनः गुरुवार को खोला जाएगा।
Jagannath Puri: शुभ मुहूर्त में होगी खजाने की शिफ्टिंग
रत्न भंडार के अंदरूनी भाग की निगरानी के साथ उसमें रखे आभूषणों को स्थानांतरित किया जाएगा। रत्न भंडार खोलने की शुभ घड़ी गुरुवार सुबह 9:51 से 12:15 बजे तक है। इस दौरान आंतरिक रत्न भंडार को खोला जाएगा। इस समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि महाप्रभु की नीति बाधित ना हो। सभी कार्य संपन्न होने के बाद वहां उपस्थित एएसआई एक्सपर्ट रत्न भंडार का अनुध्यान करेंगे। इसके बाद पुनः ताला सील कर दिया जाएगा।
रत्न भंडार की मरम्मत का काम होगा
ताले को सील करने के बाद चाबी ट्रेजरी में रखी जाएगी। सभी गहनों को अस्थाई रत्न भंडार में स्थानांतरित करने के बाद रत्न भंडार की मरम्मत का काम शुरू होगा। मरम्मत कार्य खत्म होने के बाद गिनती का काम शुरू होगा। प्रत्येक अलमारी की वीडियोग्राफी की जाएगी।
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उल्लेखनीय है कि पिछले रविवार को Jagannath Puri मंदिर के बाहरी रत्न भंडार को खोला जा चुका है। बाहरी रत्न भंडार में रखे गए रत्न एवं आभूषणों को संदूक में रखकर मंदिर के अंदर ही बनाए गए स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है। उस दिन आंतरिक रत्न भंडार को भी खोलने का प्रयास किया गया था। हालांकि, ताला नहीं खुल पाया था। जिसके बाद रत्न भंडार कमेटी ने ताला काटकर आंतरिक रत्न भंडार में प्रवेश किया था।
कमेटी आंतरिक रत्न भंडार का निरीक्षण करने के बाद वापस लौट आई और रत्न भंडार में नया ताला लगाकर सील कर दिया गया। अब आज आंतरिक रत्न भंडार को फिर से खोला जाएगा और उसमें रखे आभूषण व रत्नों को स्थानांतरित किया जाएगा। इसके बाद रत्न भंडार की मरम्मत की जाएगी।
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