Thursday, October 17, 2024
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PM Modi Meditation: 45 घंटे का मौनव्रत और अन्न का एक दाना भी नहीं

PM Modi Meditation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने गुरुवार शाम से देश के सबसे दक्षिणी छोर पर स्थित कन्याकुमारी के प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे की ध्यान साधना शुरू की। कन्याकुमारी पहुंचने के बाद उन्होंने भगवती अम्मन मंदिर में पूजा-अर्चना की। उसके बाद वह नौका पर सवार होकर तट से करीब 500 मीटर दूर समुद्र में स्थित चट्टान पर विवेकानंद रॉक मेमोरियल (Vivekananda Rock Memorial) पहुंचे और ध्यान शुरू किया, जो एक जून तक चलेगा। रॉक मेमोरियल पहुंचने के बाद उन्होंने 'ध्यान मंडपम' में अपना ध्यान प्रारंभ किया।

PM Modi Meditation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने गुरुवार शाम से देश के सबसे दक्षिणी छोर पर स्थित कन्याकुमारी के प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे की ध्यान साधना शुरू की। कन्याकुमारी पहुंचने के बाद उन्होंने भगवती अम्मन मंदिर में पूजा-अर्चना की। उसके बाद वह नौका पर सवार होकर तट से करीब 500 मीटर दूर समुद्र में स्थित चट्टान पर विवेकानंद रॉक मेमोरियल (Vivekananda Rock Memorial) पहुंचे और ध्यान शुरू किया, जो एक जून तक चलेगा। रॉक मेमोरियल पहुंचने के बाद उन्होंने ‘ध्यान मंडपम’ में अपना ध्यान प्रारंभ किया।

PM Modi Meditation: 45 घंटों का मौनव्रत

आइए जानें कि 45 घंटे के ध्यान के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की दिनचर्या कैसी होगी।

जानकारी के अनुसार, 45 घंटे के दौरान PM Modi केवल तरल आहार लेंगे। वे नारियल पानी और अंगूर के जूस का सेवन करेंगे। इस दौरान PM Modi मौनव्रत का पालन करेंगे और ध्यान कक्ष से बाहर नहीं आएंगे।

स्वामी विवेकानंद ने देखा था विकसित भारत का सपना

बता दें कि यह स्मारक स्वामी विवेकानंद की याद में ही बनाया गया है, जिन्होंने देशभर का दौरा करने के बाद 1892 के अंत में समुद्र के अंदर इन चट्टानों पर तीन दिनों तक ध्यान लगाया था और विकसित भारत का सपना देखा था। इस स्थान का नाम स्वामी विवेकानंद की याद में ही विवेकानंद रॉक मेमोरियल रखा गया है। यह भारत का सुदूर दक्षिणी हिस्सा है, जहां पूर्वी और पश्चिमी घाट आपस में मिलते हैं।

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मां पार्वती ने की थी साधना

यह मेमोरियल हिंद महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी का भी मिलन स्थल है। ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी चुनाव प्रचार के दौरान 2047 तक विकसित भारत का निर्माण प्रमुख मुद्दा बनाया है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी पार्वती ने इसी स्थान पर एक पैर पर खड़े होकर भगवान शिव का इंतजार किया था। दरअसल, विवेकानंद रॉक मेमोरियल का स्थान स्वामी विवेकानंद के जीवन में सबसे अहम माना जाता है। जिस तरह गौतम बुद्ध ने सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था, उसी तरह पूरे देश का भ्रमण करने के बाद स्वामी विवेकानंद के ध्यान में भारत माता का विकसित स्वरूप सामने आया था।

पुलिस की जबरदस्त तैनाती

बताते चलें कि विवेकानंद रॉक मेमोरियल के आस-पास 2,000 पुलिसकर्मियों के साथ-साथ विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों की मौजूदगी है। यही नहीं, भारतीय तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना भी समुद्री सीमाओं पर निगरानी बनाए हुए हैं।

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