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By - BT STORY DESK
29/ 05 /2024
लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरे नेताओं में एक प्रत्याशी ऐसे भी हैं जो चुनाव तो बठिंडा से लड़ रहे हैं, लेकिन प्रचार कनाडा में बैठकर कर रहे हैं। बठिंडा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे गुरबरन सिंह इस समय कनाडा के एडमिंटन शहर में हैं। जिला मानसा के गांव मोहर सिंह वाला के रहने वाले गुरबरन पिछले 14 साल से कनाडा में रह रहे हैं और वे केवल नामांकन दाखिल करने के लिए यहां आए थे और फिर वापस चले गए।
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गुरबरन सिंह ने चुनाव प्रचार के लिए इंटरनेट मीडिया को अपना हथियार बनाया है। वे कनाडा से व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए अपनी बात लोगों तक पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा, बठिंडा और मानसा में रह रहे उनके दोस्त टीमें बनाकर रोजाना अलग-अलग इलाकों में लोगों तक पहुंच रहे हैं। उनके द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों को लेकर पोस्टर भी लगाए जा रहे हैं।
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गुरबरन सिंह बताते हैं कि जब भी वे कनाडा से पंजाब आते हैं तो देखते हैं कि अन्य जिलों में तो काफी विकास हुआ है, लेकिन मानसा इसमें काफी पीछे रह गया है। उनका कहना है कि समय-समय पर बनने वाली सरकारों ने विकास के वादे और दावे तो बहुत किए, लेकिन जमीनी हकीकत में कुछ नहीं दिखता।
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गुरबरन कहते हैं कि उनका मुकाबला किसी प्रत्याशी से नहीं है। चुनाव लड़ रहे अन्य राजनीतिक दलों के प्रत्याशी लोगों को मुद्दों से भटकाने का काम करते हैं। उनका चुनाव लड़ने का मकसद लोगों को जागरूक करना है। इसीलिए उन्होंने माचिस और तीली को चुनाव चिन्ह चुना है। माचिस को ऊर्जा का स्रोत माना जाता है, जिससे भविष्य उज्ज्वल होगा और तरक्की का रास्ता रोशन होगा।
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गुरबरन सिंह उत्तर प्रदेश और बिहार से आए लोगों के हक में बात करते हैं। वे कहते हैं कि कई प्रत्याशी चुनाव में दूसरे राज्यों से आए लोगों के बारे में बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। ये लोग पंजाब में मेहनत-मजदूरी कर अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं। कई लोग रेहड़ी लगा रहे हैं और कई रिक्शा चला रहे हैं। कई उम्मीदवार इसे ही नौकरी मान रहे हैं, तो ऐसे नेताओं से क्या उम्मीद की जा सकती है। अ
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