Friday, November 22, 2024
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Lok Sabha Election 2024: दिलचस्प है पंजाब की इस सीट का समीकरण

Lok Sabha Election 2024: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को होशियारपुर में रोड शो किया। रोड शो से पहले बाजार पीले रंग (आप) के झंडों से पट गया, जो पहले भगवा झंडों से सजा रहता था। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन 30 मई को होशियारपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आ रहे हैं। इस सीट की महत्ता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम 1996 में यहां से सांसद रहे थे और बसपा सुप्रीमो मायावती भी यहां से चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि, वह चुनाव हार गई थीं।

Lok Sabha Election 2024: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को होशियारपुर में रोड शो किया। रोड शो से पहले बाजार पीले रंग (आप) के झंडों से पट गया, जो पहले भगवा झंडों से सजा रहता था। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन 30 मई को होशियारपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आ रहे हैं। इस सीट की महत्ता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम 1996 में यहां से सांसद रहे थे और बसपा सुप्रीमो मायावती भी यहां से चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि, वह चुनाव हार गई थीं।

Lok Sabha Election 2024: बसपा खेल बना और बिगाड़ सकती है

कांशीराम के बाद, बसपा भले ही इस आरक्षित सीट को कभी नहीं जीत पाई, लेकिन उसका दावा हमेशा मजबूत रहा है। इस बार हाथी की चाल किसी भी पार्टी का खेल बना और बिगाड़ सकती है। यहां पर आम आदमी पार्टी के डॉ. राज कुमार चब्बेवाल और केंद्रीय राज्य मंत्री सोम प्रकाश की पत्नी अनीता सोम प्रकाश के बीच सीधी टक्कर है। कांग्रेस की यामिनी गोमर भले ही शुरुआती दौर में कमजोर प्रत्याशी थीं, लेकिन अब उनकी मजबूती बढ़ी है।

26 साल बाद शिअद ने उतारा प्रत्याशी

26 वर्षों में पहली बार शिरोमणि अकाली दल (शिअद) यहां से लोकसभा चुनाव लड़ रहा है। 2019 तक शिअद और भाजपा मिलकर चुनाव लड़ते थे। शिअद ने पूर्व मंत्री सोहन सिंह ठंडल को प्रत्याशी बनाया है। ठंडल और डॉ. राज कुमार चब्बेवाल क्षेत्र से ही विधानसभा चुनाव लड़ते हैं। विधानसभा चुनाव में ठंडल हार गए थे।

यह है सियासी समीकरण

होशियारपुर में कबाड़ का काम करने वाले रवि कुमार कहते हैं कि शहर में भाजपा का जोर ज्यादा है तो गांवों में शिअद, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) का प्रभाव है। यदि बसपा ने 2019 का प्रदर्शन दोहराया तो भाजपा को लाभ हो सकता है, क्योंकि वह वोट कहीं न कहीं आम आदमी पार्टी या कांग्रेस का कटेगा। 2019 में बसपा ने 1.28 लाख वोट हासिल किए थे। यही स्थिति भाजपा के साथ भी है। ठंडल जितने वोट लेंगे, उससे भाजपा को नुकसान हो सकता है। ठंडल चब्बेवाल विधानसभा में जितना वोट लेंगे, उसका नुकसान डॉ. राज कुमार को होगा, क्योंकि यहां भाजपा कमजोर दिखाई दे रही है।

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श्रीराम मंदिर का दिख रहा प्रभाव

कांग्रेस के विधायक होते हुए आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी बने डॉ. राज कुमार से एक वर्ग नाराज है। केंद्रीय राज्य मंत्री होते हुए लोगों के बीच ज्यादा न रहने के कारण सोम प्रकाश के प्रति नाराजगी का बोझ उनकी पत्नी अनीता को उठाना पड़ रहा है। हिंदू वर्ग में श्रीराम मंदिर का पूरा प्रभाव दिख रहा है। मुकेरियां में अग्निवीर योजना के कारण सेना में भर्ती की तैयारी छोड़कर फोटो एडिटिंग का काम करने वाले सनी कहते हैं कि उन्हें राजनीति में रुचि नहीं है, लेकिन श्रीराम मंदिर बनाकर भाजपा ने अच्छा काम किया है।

30 मई को पीएम मोदी की रैली

मुकेरियां, दसूहा और होशियारपुर में श्रीराम के झंडे आम दिखाई देते हैं। झंडों की स्थिति देखकर स्पष्ट हो जाता है कि वे लंबे समय से लगे हैं, जबकि पीले झंडे भी दिख जाते हैं। भाजपा और आम आदमी पार्टी की सीधी टक्कर के बीच 30 मई को प्रचार के अंतिम दिन प्रधानमंत्री होशियारपुर में रैली करेंगे। इसका असर श्री आनंदपुर साहिब पर भी पड़ सकता है, क्योंकि श्री आनंदपुर साहिब की गढ़शंकर सीट होशियारपुर जिले में ही आती है। चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में होने वाली यह रैली इस सीट पर चुनाव की दिशा बदल सकती है।

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