India China Relations: India और China के बीच सीमा पर बना गतिरोध दोनों देशों के रिश्तों की समग्र तस्वीर प्रस्तुत नहीं करता है। हम उस गतिरोध पर वार्ता करते हुए अपने रिश्तों का विकास कर सकते हैं। यह बात चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कही है।
India China Relations: चीन के बदल रहे सुर!
प्रवक्ता ने यह बात भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों के जमावड़े के रहते रिश्ते बेहतर न होने के बयान पर कही है। जून 2020 में गलवन घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के टकराव के बाद से पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है।
भारत ने कई मौकों पर स्पष्ट कहा है कि सीमा पर शांति के बगैर दोनों देशों के संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं। चीनी प्रवक्ता ने कहा, “चीन ने कई बार कहा है कि भारत के साथ उसके द्विपक्षीय संबंध केवल सीमा की स्थिति से निर्धारित नहीं होते हैं। दोनों देश बेहतर प्रबंधन के माध्यम से सीमा पर सामान्य स्थिति कायम रख सकते हैं।”
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वेनबिन ने कहा, “चीन और भारत विश्वास करते हैं कि अभी तक की बातचीत में दोनों देशों में बनी सहमति हमारे हितों के अनुरूप है।” सोमवार को एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा था, “वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों का जमावड़ा दोनों देशों के हित में नहीं है।”
वेनबिन ने आगे कहा, “दोनों देशों का हित इसी में है कि पूर्व के लिखित समझौतों का पालन करते हुए सीमा पर शांति और स्थिरता कायम रहे। चार वर्षों से एलएसी पर बनी तनाव की स्थिति द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य नहीं होने दे रही है।”
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